गोल्डन चैरियट: दक्षिण भारत की पहली लग्जरी ट्रेन

  • SocialTwist Tell-a-Friend

भारत में लग्जरी ट्रेनों की ग्राहकी तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि मोटी जेबों वाले खास सैलानियों के लिए एक के बाद एक नई शाही ट्रेनें पटरियों पर उतर रही हैं। पैलेस ऑन व्हील्स के नए आधुनिक संस्करण को उतारने की तैयारी चल ही रही है। उधर पंजाब में भी एक लग्जरी ट्रेन लाने की चर्चा है। इन सबके बीच कर्नाटक टूरिज्म ने गोल्डन चैरियट नाम से लग्जरी ट्रेन पटरियों पर उतार दी है। दक्षिण भारत की यह पहली लग्जरी ट्रेन है।  ट्रेन डेक्कन ओडिसी और पैलेस ऑन व्हील्स की ही तर्ज पर है। शानो-शौकत में भी और किराये में भी। जाहिर है निशाने पर विदेशी सैलानी ही ज्यादा हैं। यह ट्रेन कर्नाटक व गोवा के कई पर्यटन स्थलों की फाइव स्टार सैर कराएगी। आईटी सिटी बंगलुरू से शुरू होकर हफ्ते भर की यात्रा मैसूर, काबिनी, हसन, बेलूर, श्रवणबेलगोला, हम्पी, अईहोल, पट्टाडकल, बादामी और गोवा होते हुए फिर से बंगलुरू पर खत्म होती है। ठीक एक ऐसी ही यात्रा बंगलुरू के बजाय गोवा से शुरू होकर गोवा पर खत्म होती है। बंगलुरू से यह हर सोमवार को और गोवा से हर रविवार को शुरू होती है। विश्व धरोहर के रूप में मान्य हम्पी में स्थित पत्थर के रथ के नाम पर ही इस ट्रेन को गोल्डन चैरियट नाम दिया गया है।
बनावट साज-सज्जा
ट्रेन की बनावट व साज-सज्जा की बात करें तो इसमें भी राजसी छाप सब तरफ है। मैसूर व होयसला शिल्प का मुख्य तौर पर इसमें इस्तेमाल किया गया है। ट्रेन के कोचों के नाम कर्नाटक पर शासन करने वाले 11 राजवंशों-कदम्ब, होयसला, राष्ट्रकूट, गंगा, चालुक्य, भाहमनी, आदिलशाही, संगमा, षठवष्णा, युदुकुला व विजयनगर के नाम पर रखे गए हैं। हर कोच पूरी तरह एयरकंडीशंड है। हर कोच में वाइ-फाइ, एलसीडी टीवी, डीवीडी, अल्मारी, ड्रेसिंग टेबल, राइटिंग डेस्क, प्राइवेट बाथरूम और बाकी सहूलियतें मौजूद हैं। ट्रेन में दो रेस्तरां कोच नला व रुचि, एक बार कोच मदिरा, एक कांफ्रेंस कोच, स्पा व आयुर्वेदिक मसाज की सुविधा वाला एक जिम कोच भी है।    बात करें तो किराये की उन्हें दो सीजन में बांटा गया है-अक्टूबर से मार्च तक का व्यस्त सीजन और अप्रैल से सितंबर तक का सुस्त सीजन जिसमें किराये थोड़े कम हो जाते हैं। कम्पार्टमेंट सिंगल, डबल व ट्रिपल, तीनों श्रेणियों में हैं। इस तरह एक रात का प्रति व्यक्ति किराया 240 डॉलर (11300 रुपये) से शुरू होकर 485 डॉलर (19200 रुपये) तक है। सात रात और आठ दिन के पूरे सफर का प्रति व्यक्ति किराया 1680 डॉलर (66600 रुपये) से शुरू होकर 3395 डॉलर (135,000 रुपये) तक है। क्रिसमस व नए साल के मौके पर किराये में दस फीसदी सरचार्ज जुड़ जाएगा। ट्रेन चूंकि अभी सैलानियों के लिए पेश ही हुई है इसलिए इसकी सुविधाओं के बारे में लोगों की राय सामने आने में थोड़ा वक्त लगेगा।
विविधता भरा सफ़र
लेकिन जहां तक सफर की बात है तो उसमें खासी विविधता है। आईटी सिटी से शुरू होकर सफर मैसूर व श्रीरंगपट्टनम के राजमहलों की शानो-शौकत, काबिनी के वन्यजीव, वृंदावन गार्डन की बेमिसाल खूबसूरती, बेलूर व श्रवणबेलगोला जैसे धार्मिक स्थल, हम्पी जैसे प्राचीन सभ्यता के केंद्र, बदामी, पट्टाडकल व आईहोल जैसे बेमिसाल शिल्प के केंद्र और गोवा के समुद्र की खूबसूरती-सबकुछ अपने में समेटता है। इसलिए केवल इस विविधता के लिहाज से देखा जाए तो यह सफर अपने आपमें शानदार है। किसी शाही रेलगाड़ी की कामयाबी में दोनों बातों की खासी भूमिका होती है- ट्रेन में मिलने वाली सुविधाएं और उसमें सैर की पैकेजिंग। भारत में दोनों के ही लिए उपयुक्त स्थितियां हैं। भौगोलिक विशालता, विविधता, रेल नेटवर्क, मेहमाननवाजी, सब इसमें योगदान देते हैं। ऐसे में कोई हैरत नहीं कि आने वाले सालों में देश के बाकी हिस्सों में भी ऐसी ही शाही रेलगाडि़यों पर्यटकों को घुमाती नजर आने लगें। आखिर कोई सैलानी किसी लग्जरी रेलगाड़ी में सफर करना इसीलिए पसंद करता है क्योंकि वह एकमुश्त दाम चुकाकर तमाम चिंताओं से मुक्त हो पूरी तसल्ली व पूरे ठाठ-बाट के साथ घूमने का मजा लेना चाहता है। सफर व घूमना, दोनों में ऐसा मजा हो तो फिर बात ही क्या है।

VN:F [1.9.1_1087]
Rating: 0.0/10 (0 votes cast)



Leave a Reply

    * Following fields are required

    उत्तर दर्ज करें

     (To type in english, unckeck the checkbox.)

आपके आस-पास

Jagran Yatra