क्रू़ज हॉलीडे: उफनती लहरों पर सैर-सपाटा

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सा़गर की मचलती लहरों पर सैर-सपाटा पर्यटन का एक आधुनिक अंदा़ज है। क्रू़ज हॉलीडे के रूप में मौज-मस्ती का यह ढंग ते़जी से लोकप्रिय हो रहा है। जमीन की दौड़ती-भागती जिंदगी से परे सा़गर के मध्य एक विशाल जलयान पर मौज-मस्ती से भरे कुछ दिन बिताना भला किसे नहीं भाता! क्रू़ज की दुनिया भी इतनी अद्भुत होती है कि सैलानी कुछ दिनों के लिए खुद को किसी कल्पनालोक में खोया हुआ सा महसूस करते हैं। दरअसल आज के ये क्रू़ज लाइनर समुद्र में तैरते आलीशान रि़जॉर्ट के समान हैं। इनमें पर्यटकों के लिए सुख-सुविधा और मनोरंजन का हर सामान मौजूद होता है। जहाज के डेक से ऩजर आता सा़गर का अनंत सौंदर्य, भव्य होटल के समान ऐशो-आराम और मनोरंजन के विश्वस्तरीय आयामों को समेटे ये क्रू़ज लहरों पर तैरते स्वर्ग प्रतीत होते हैं। यही कारण है कि क्रू़ज हॉलीडे का क्रे़ज भारतीय पर्यटकों में ते़जी से बढ़ रहा है।

लहरों पर छुट्टियां

दो वर्ष पूर्व जब एशिया-प्रशांत क्षेत्र की अग्रणी कंपनी स्टार क्रू़जे़ज ने मुंबई के बंदरगाह से क्रू़ज सेवा आरंभ की तो भारतीय सैलानियों ने इसे हाथोहाथ लिया। इसके साथ ही क्रू़ज यात्रा घूमने के शौकीन एक बड़े वर्ग की पहुंच में आ गई। इससे पूर्व जो क्रू़ज लाइनर भारतीय बंदरगाहों पर रुके, वे केवल अन्य देशों से शुरू हुई लंबी यात्राओं के ठहराव भर थे। स्टार क्रू़ज के आने से पहले क्रू़ज यात्राएं किसी विदेश यात्रा का हिस्सा होती थीं। दक्षिण-पूर्व के देशों की यात्रा के साथ क्रू़ज हॉलीडे का लुत़्फ उठाना तो कुछ सस्ता होता था, पर यूरोप या अमेरिका के क्रू़ज मार्गो पर बहुत संपन्न लोग ही जाते थे। अब क्रू़ज हॉलीडे आम भारतीय पर्यटक के लिए भी सुलभ है।

यह तो तय है कि जो म़जा लहरों पर छुट्टियां बिताने में है, वह धरती पर नहीं। कहने को तो बंदरगाह छोड़ते ही सैलानियों की दुनिया क्रू़ज में सीमित हो जाती है। लेकिन य़कीन मानिए इस सीमित दुनिया में बेहिसाब मस्ती आपका इंत़जार कर रही होती है। क्रू़ज पर कदम रखते ही इसकी चकाचौंध भरी दुनिया का जादू आप पर चलना शुरू हो जाता है। आप रुटीन लाइ़फ को भूल कर जहाज के वैभवशाली जगत में गुम हो जाते हैं। किसी भी क्रू़ज की चमक-दमक का एहसास तो पर्यटकों को इसकी मुख्य लॉबी में पहुंचते ही होने लगता है। आंतरिक सज्जा और प्रकाश के अद्भुत संयोजन से जगमगाती लॉबी किसी महल-सी दिखाई देती है। सुंदर फर्नीचर, शिल्प एवं चित्रों से सजी लॉबी करीब चार-पांच मंजिले ग्लास के सेन्ट्रम के मध्य होती है। इनमें तीन-चार डेक तक बने वॉक-वे होते हैं। डेक तक जाने के लिए ग्लास लि़फ्ट लगी होती हैं। कई जहाजों में हर डेक अलग थीम पर आधारित होता है। आपका केबिन चाहे जिस डेक पर हो पर आप हर डेक की खूबसूरती का लुत़्फ लेने वहां जा सकते हैं।

हर दिन एक पोर्ट

सप्ताह भर में यदि दो-तीन देशों की यात्रा हवाई मार्ग से करनी हो तो आपको चार-पांच बार फ्लाइट बदलनी होगी। उसमें हर बार सिक्योरिटी चेक, बैगेज पैक करने और एयरपोर्ट-होटल ट्रांस़फर में आपका एक तिहाई समय बेकार हो जाता है। लेकिन पानी के जहाज पर सैर करते हुए सात दिन में सात पोर्ट-ऑ़फ-कॉल टच किए जा सकते हैं। न बार-बार सामान पैक करने की जरूरत, न हर बार सिक्योरिटी चेक के लिए घंटों एयरपोर्ट पर बैठे रहने का झंझट, क्योंकि आपका होटल यानी आपका केबिन हर जगह आपके साथ ही पहुंचता है।  बंदरगाह पर जहाज के रुकते ही आप साइटसीन पर निकल जाएं और वापस आते ही आगे का स़फर शुरू हो जाता है। स़फर के दौरान चाहे क्रू़ज की रंगीनियों का आनंद लें या अपने केबिन में आराम फरमाएं। क्रू़ज पर ठहरने की व्यवस्था में भी खासी विविधता है। स्टेट रूम से लेकर रॉयल सूट तक इनमें कई क्लास होती है। अपनी बजट और जरूरत के अनुरूप आप जो चाहें क्लास चुन सकते हैं।  किसी रूम के साथ बैलकनी जुड़ी है तो किसी रूम में ग्लास विंडो लगी है ताकि फुर्सत के पलों में भी समुद्र का विस्तृत सौंदर्य आपकी आंखों से ओझल न हो। कुछ स्टेट रूम भीतर की ओर बने होते हैं। लेकिन हर स्यूट या केबिन सैलानियों की पूरी सुविधा को ध्यान में रख कर बनाया जाता है।

हर केबिन में वीडियो, टीवी, अटैच बाथ आदि होता है। फ्रेस फ्लावर फ्रूट बास्केट, सॉ़फ्ट ड्रिंक्स् आदि की व्यवस्था के साथ रूम सर्विस की सुविधा भी रहती है। खुला खर्च करने की क्षमता है तो आप लग़्जरी सूट बुक करा सकते हैं। बजट टूरिस्ट हैं तो इनसाइड केबिन बुक कराएं, जो सस्ते पड़ते हैं। वैसे भी जब क्रू़ज पर इतनी सारी रिक्रिएशन एक्टिविटी हो तो केबिन में कौन कैद रहना चाहेगा।

आलम मौज-मस्ती का

क्रू़ज हॉलीडे का सबसे बड़ा आकर्षण यही है कि यहां फन और एंटरटेनमेंट के लिए इतना कुछ है कि सैलानियों को अपनी छुट्टियों का कीमती समय जरा भी गंवाना नहीं पड़ता। हर पल जी भरकर खुशियां बटोरी जा सकती हैं। क्रू़ज पर हर शाम रंगारंग शाम होती है तो हर रात नई पार्टी। दिन ढलते ही क्रू़ज की दुनिया जगमगा उठती है। इसके साथ ही मनोरंजन की विश्वस्तरीय गतिविधियों का सिलसिला शुरू हो जाता है। हर क्रू़ज पर विशाल शो लाउंज बने होते हैं। इनमें अलग-अलग देशों के सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने को मिलते हैं। ये शो लाउंज किसी बड़े थियेटर के समान होते हैं। इनमें एक ह़जार तक लोगों के बैठने की क्षमता होती है। जिन पर्यटकों को संगीत की स्वर लहरियों पर स्वयं थिरकने का शौक है, वे क्रू़ज के डांस फ्लोर पर पहुंच जाते हैं, जहां एक बार में ढाई-तीन सौ लोग डांस का म़जा उठा सकते हैं। जलयान के मनोरंजन के ख़जाने में डिस्को हैं तो मैजिक शो और फिल्म शो भी हैं। मूनलाइट मूवी का आनंद आप किसी क्रू़ज पर ही उठा सकेंगे। भाग्य पर भरोसा है तो कैसीनो पहुंच कर दांव भी लगा सकते हैं। हर क्रू़ज पर करीब दो दर्जन ऐसे ठिकाने होते हैं, जहां सैलानी मौज-मस्ती कर सकते हैं। यानी नॉन-स्टॉप एंटरटेनमेंट का यह क्रम हर पर्यटक के लिए है।

परिवार सहित छुट्टियां मनाने निकले सैलानियों के छोटे बच्चों को ध्यान में रखते हुए उन्हें उलझाए रखने के लिए भी काफी कुछ होता है। हर डेक पर उनके मनोरंजन के लिए किसी न किसी गतिविधि का इंतजाम है। वेट एंड वाइल्ड व‌र्ल्ड में वॉटर गेम, फन पूल और स्लाइडिंग जैसे रोमांच हैं तो अन्य डेक पर वीडियो पार्लर, मिनी सिनेमा हॉल, चाइल्ड प्लेरूम या कंप्यूटर गेम उन्हें आकर्षित करने के लिए काफी होते हैं।

हर शाम हसीन, सुबह सुहानी

किसी भी क्रू़ज पर अगर हर शाम हसीन होती है तो हर सुबह सुहानी। समुद्र से उगते सूर्य के ़खूबसूरत ऩजारे से सुबह की शुरुआत करने के बाद यहां मॉर्निग वॉक या जॉगिंग भी की जा सकती है। इसके लिए क्रू़ज पर बेहतरीन ट्रैक बने होते हैं। चुस्त-दुरुस्त रहने की आदत हो तो सैलानी फिटनेस सेंटर, जिम, स्टीम बाथ, सौना बाथ, मसाज पार्लर या योग केंद्र में जा सकते हैं। किसी दिन किसी पोर्ट ऑ़फ कॉल पर न उतरना हो तो यह न सोचें कि दिन भर जहाज पर क्या करेंगे। दिन का समय यहां खेलकूद कर बिताया जा सकता है। इसके लिए क्रू़ज पर खास स्पो‌र्ट्स डेक बनाए जाते हैं, जहां टेनिस, वॉलीबॉल जैसे खेलों के अलावा मिनी गोल़्फ कोर्स में गोल़्फ भी खेल सकते हैं। एडवेंचर लवर्स के लिए कई क्रू़ज पर रॉक क्लाइंबिंग वॉल जैसी कुछ एडवेंचरस एक्टीविटी़ज भी होती हैं। तैराकी के शौकीन लोगों के लिए क्रू़ज पर स्विमिंग पूल होते हैं। आपके पास समय बच जाए तो लाइब्रेरी या इंटरनेट कै़फे टाइम पास के अन्य विकल्प हैं। क्रू़ज पर स्थित शॉपिंग सेंटर में आप चाहें तो डयूटी फ्री शॉपिंग भी कर सकते हैं। फ्रीडम ऑ़फ द सी जैसे विशाल जलयान पर तो 150 मीटर तक लंबे शॉपिंग मॉल हैं।

लजीज व्यंजन

क्रू़ज हॉलिडे में थ्रिल शामिल है तो रिलैक्स का माहौल भी, जबरदस्त फन है तो ल़जी़ज व्यंजन भी मिलते हैं। जी हां, हर क्रू़ज पर विविध प्रकार के आधा दर्जन से अधिक रेस्तरां भी होते हैं। म़जेदार बात यह है कि क्रू़ज टूर की कीमत में फूड की कीमत भी शामिल होती है। इसलिए खानपान के शौकीन लोग जी भर कर खा सकते हैं। इन रेस्टोरेंट के अंतरराष्ट्रीय स्तर के डाइनिंग हॉल में कई तरह का क्वालिटी फूड मिलता है। वहां आप चाइनी़ज, जापानी, इतालवी या दक्षिण पूर्व एशियाई फूड का ऑर्डर दे सकते हैं या भारतीय मुगलई या शाकाहारी भोजन का स्वाद ले सकते हैं। कभी आप बु़फे में शामिल हो फटाफट भोजन कर सकते हैं तो कभी परिवार के साथ सी-व्यू विंडो के पास टेबल पर उम्दा भोजन मंगा सकते हैं। चाहे सूप हो या सलाद, मेन कोर्स हो या डे़जर्ट, सब कुछ बड़े प्रो़फेशनल तरीके से सर्व किया जाता है। कुछ रेस्तरां या बार खुली डेक पर भी होते हैं, जहां आप डाइनिंग के साथ समुद्र के दिलकश ऩजारों का आनंद भी ले सकते हैं।

हर रंग प्रकृति के

समंदर के अंतहीन विस्तार पर बनते-बदलते दृश्यों को देखने का अलग ही म़जा है, जिसका अनुभव क्रू़ज की डेक पर रेलिंग के सहारे खड़े रह कर ही लिया जा सकता है। अधिकतर सैलानी अंदर की वैभवशाली दुनिया छोड़कर घंटों डेक पर खड़े रहना ही पसंद करते हैं। ऐसे सैलानियों के लिए ऑब़्जर्वेशन या पैनोरमा लाउंज जैसे पॉइंट हर क्रू़ज पर होते हैं, जहां से 360 डिग्री तक क्षितिज पर ऩजर आता समुद्र और आकाश का मिलन आसानी से निहारा जा सकता है। दिन के हर प्रहर के साथ बदलता सा़गर के जल का रंग भी क्रू़ज से ब़खूबी देखा जा सकता है। वैसे भी पानी पर जैसे-जैसे क्रू़ज आगे बढ़ता है, कहीं छोटे-छोटे हरे-भरे द्वीप तो कहीं समुद्र के बीच उभरी अजीब से आकार की चट्टानें इन दृश्यों को अनोखा आकर्षण प्रदान करती हैं। सूर्यास्त के समय समुद्र पर उतरती सुरमई शाम तो डेक पर खड़े सैलानी के मन में सिरहन-सी भर देती है। उन्मुक्त आकाश पर दिखते तारे जहाज के अंदर की दुनिया में पहुंचने का इशारा करते हैं। यह कहना गलत न होगा कि क्रू़ज पर टूर की कीमत को पूरी तरह वसूलने का पूरा अवसर मिलता है।

बढ़ रहा है शौक

क्रू़ज की अनोखी दुनिया से भारतीय पर्यटकों का परिचय कराने का श्रेय ट्रैवल कॉरपोरेशन को जाता है। करीब एक दशक पूर्व क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की यात्रा के लिए इसी ने बुकिंग आरंभ की थी। इस भव्य क्रू़ज ने अपनी यात्रा के दौरान भारतीय कोस्ट को भी पोर्ट ऑ़फ कॉल बनाया था तथा यहां से यात्रियों को लेकर उन्हें सिंगापुर, दुबई, केन्या आदि की सैर कराई थी। यानी उस समय भारत के अपने बंदरगाहों से कोई क्रू़ज यात्रा शुरू नहीं होती थी। क्रूजिंग् का शौक पूरा करने के लिए उन्हें विदेश जाना होता था। ट्रैवल एजेंट भी विदेश यात्रा पैकेज में क्रू़ज पैकेज शामिल करते थे। ज्यादातर लोग सिंगापुर, मलेशिया, बैंकॉक जाकर क्रू़ज के स़फर का आनंद ले लेते थे। समृद्ध लोग यूरोप या पश्चिम के अन्य क्रू़ज मार्गो पर भी घूम आते थे, जो काफी महंगा पड़ता था। फिर भी भारतीयों में क्रू़ज हॉलिडे का शौक बराबर बढ़ रहा था। शौक की यह ऱफ्तार इधर और ते़ज हुई है। दो वर्ष पूर्व की बात है, कनाडा के वेन्कूवर शहर से अलास्का जा रहे ओसियन प्रिंसेस नामक क्रू़ज पर दो ह़जार यात्रियों में से हर सातवां व्यक्ति भारतीय था। इसका सीधा अर्थ यह है कि भारतीय पर्यटकों ने विश्व के विभिन्न क्रू़ज रूटों पर घूमना शुरू कर लहरों पर राज करना आरंभ कर दिया था शायद इसीलिए स्टार क्रू़ज लाइनर को भारत में एक विस्तृत संभावित बा़जार ऩजर आया और उन्होंने भारत के बंदरगाह पर स्टार क्रू़ज लिब्रा को उतारा। यही नहीं, उन्होंने भारतीय पर्यटकों की रुचि का अध्ययन कर कम अवधि के बजट पैकेज घोषित किए। तब भारतीय सैलानियों की ऩजर में क्रू़ज वेकेशन फैमिली हॉलिडे के एक जबरदस्त विकल्प के रूप में उभरा। हनीमूनर्स के लिए तो यह आलीशान ड्रीम वेकेशन बन गया, क्योंकि सभी सुविधाओं से लैस क्रू़ज पर इतने लोगों के बीच भी उन्हें अलग तरह के एकांत और निजता की अनुभूति मिलती थी। क्रू़ज हॉलिडे को लोकप्रिय बनाने में ‘टाइटेनिक’ जैसी फिल्मों का भी भरपूर योगदान रहा।

हर क्रू़ज पर कुछ नया

क्रूजिंग् का शौक निरंतर बढ़ रहा है। पूरे विश्व में आज करीब 35 छोटी-बड़ी क्रू़ज लाइनर कंपनियों के 250 से अधिक जलयान सातों महाद्वीपों की सैर करा रहे हैं। इतने वैभव और विलासिता को समेटे इन जलयानों के आकार की कल्पना एक आम व्यक्ति के लिए करना कठिन है। 15 मंजिले यानी 15 डेक तक ऊंचे ये जहाज एक लाख चालीस ह़जार टन से अधिक वजन तक के होते हैं। इनके आकार के अनुरूप इनकी क्षमता भी पांच ह़जार यात्रियों से अधिक की हो सकती है। प्रसिद्ध क्रू़ज लाइनर रॉयल कैरेबियन के सबसे बड़े क्रू़ज फ्रीडम ऑ़फ द सी को दुनिया का सबसे बड़ा जलयान कहा जाता है। 5375 यात्रियों और 1365 कर्मचारियों की क्षमता वाला यह जहाज 158000 टन वजनी है। इसमें कोई शक नहीं कि इतना बड़ा जलयान यात्रियों को सा़गर पर तैरते छोटे से शहर जैसा लगता है।

म़जे की बात तो यह है कि क्रूजिंग को इतनी विशालता प्रदान करने वाली इस अमेरिकी-नार्वेजियन कंपनी ने इससे बड़े एक नये क्रू़ज का ऑर्डर भी दे दिया है, जिसमें पर्यटक एवं क्रू-मेम्बर्स को मिलाकर 8400 लोगों की क्षमता होगी। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यह जलयान 360 मीटर लंबा होगा। यानी एफिल टॉवर की ऊंचाई से भी 36 मीटर ज्यादा। कंपनी की जेनेसिस क्लास का यह क्रू़ज 2010 में समुद्र पर राज करने आ पहुंचेगा। दरअसल रॉयल कैरेबियन का यह कदम विश्व की सबसे बड़ी क्रू़ज लाइन कार्निवाल कॉरपोरेशन से प्रतिस्पर्धा में टिकने के लिए है। इसके 20 से ज्यादा क्रू़ज समुद्र मार्गो पर प्रभुत्व जमाए हुए हैं। रॉयल कैरेबियन के बेड़े में अभी 19 शिप हैं।

क्रूजिंग के क्षेत्र में टिकने के लिए ये क्रू़ज कंपनियां केवल बड़े आकार के क्रू़ज ही नहीं, बल्कि कुछ अलग विशेषता वाले क्रू़ज पर भी ध्यान दे रही हैं। हर कंपनी अपने क्रू़ज में कुछ अतिरिक्त आकर्षण जोड़ रही है। हर कंपनी ने विभिन्न क्लास के क्रू़ज चला रखे हैं। रॉयल कैरेबियन को ही लीजिए। इसके वोयाजर क्लास, विजन क्लास, रेडिसेंस क्लास, जेनेसिस क्लास के क्रू़ज लाइनरों में अलग अलग स्तर की सुविधाएं हैं। विजन क्लास शिप में तो सात मंजिला ग्लास सेन्ट्रम है जिसमें चार मंजिल् तक वॉक वे बने हैं। फ्लोरिडा की सिल्वर सी कंपनी का नाम अल्ट्रा लग़्जरी क्रूजिंग के लिए विख्यात है। इसके केवल चार शिप हैं। नौ-दस डेक वाले इन जहाजों पर यात्रियों की संख्या तीन-चार सौ तक ही होती है, लेकिन सुविधाओं की बात करें तो इन पर भरपूर विलासिता प्रदान की जाती है। ये क्रू़ज वास्तव में एलीट क्लास के लिए होते हैं। इनमें सात प्रकार के सूट होते हैं। इसी तरह प्रिंसे़ज क्रू़ज कंपनी के जहाजों पर भी एक शाही अंदा़ज झलकता है। सेलिबिटी क्रू़ज के बेड़े में नौ क्रू़ज हैं, जिनमें मिलेनियम क्लास के क्रू़ज की क्षमता 1950 यात्रियों की है तो इसका लग़्जरी क्रू़ज एक्सपेडिशन क्लास केवल 92 यात्रियों को लेकर चलता है। अर्थात् यात्रियों की संख्या कम होने पर ऐशो-आराम के साधन बढ़ जाते हैं। क्रूजिंग का यह ग्रैंड स्टाइल विकसित देशों के संपन्न लोगों को सबसे ज्यादा भाता है। ऐसे लोग तो अपने जीवन के खूबसूरत अवसरों को भी किसी लग़्जरी क्रू़ज पर ही सेलिब्रेट करते हैं, इसीलिए क्रू़ज पर बि़जनेस पार्टी आदि के अलावा वेडिंग पार्टी का चलन भी शुरू हो गया है।

लंबी यात्राओं का चलन

क्रू़ज जगत में क्रू़ज हॉलीडे का औसत 16 से 21 दिन का है। वैसे अलग-अलग क्रू़ज रुट के आधार पर ये टूर सात दिन से 28 दिन तक के होते हैं, लेकिन कुछ टूर 40 से 50 दिन तक के भी होते हैं। लंबी छुट्टियां मनाने के शौकीन तो डेढ़-दो महीने के लिए क्रू़ज की दुनिया में ही रम जाते हैं। सी-बार्न लाइनर का सिंगापुर से रोम का टूर 40 दिन का है तो इनके अन्य क्रू़ज पर एथेंस से वेनिस का टूर 21 दिन का है। जबकि प्रिंस क्रू़जेज के अलास्का क्षेत्र के सभी टूर 21 दिन के हैं। प्रिंस क्रू़जेज के अलास्का क्षेत्र के सभी टूर 11 से 16 दिन तक के हैं। लेकिन अब लंबी यात्राओं का ट्रेंड भी बढ़ रहा है। कार्निवाल कॉरपोरेशन के ब्रांड क्युनाई ओसियन लाइनर ने तो क्रू़ज वोयाजेज का मानो एक नया अध्याय ही लिखना शुरू कर दिया है। इनके क्वीन मेरी टू और क्वीन एलिजाबेथ टू जैसे क्रू़ज लंबी यात्राओं के लिए ही बने हैं। क्वीन मेरी टू इस समय सेवेंटी फाइव नाइट ओडेसी टूर पर 75 रातों के स़फर पर निकलना होता है तो क्वीन एलिजाबेथ टू 108 रातों के अराउंड दी व‌र्ल्ड टूर पर। यह 23 देशों के 40 बंदरगाहों पर लंगर डालता है।

हमारे देश में लंबी छुट्टियां मनाने वाले सैलानी विदेशों का ही रु़ख करते हैं, लेकिन मध्यम वर्ग में अभी दो दिन से सात दिन तक छुट्टी मनाने का ज्यादा चलन है। यही कारण है कि स्टार क्रू़ज ने अधिक से अधिक सैलानियों को लुभाने के लिए दो से पांच दिन के टूर प्रोग्राम बना रखे हैं। स्टार क्रू़ज कोई नई कंपनी नहीं है। इनके जहाजों के नाम विभिन्न राशियों के आधार पर हैं। स्टार क्रू़ज परिवारके ओरिएंट लाइंस, नार्वेजियन क्रू़ज लाइंस और एनसीएल अमरीका नाम के क्रू़ज भी शामिल हैं जो यूरोप, अमरीका आदि के सैलानियों को सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। व‌र्ल्ड क्लास सेवाओं के लिए स्टार क्रू़ज को कई वर्षो तक बेस्ट क्रू़ज ऑपरेटर का एशिया पैसि़फिक अवार्ड भी मिल चुका है। यानी भारत के बजट ट्रैवलर्स को भी विश्व स्तर की सेवाएं मिलना तय है। मुंबई के क्रू़ज टर्मिनल से आरंभ होने वाली इसकी यात्राओं में दो दिन के स़फर में स्टार क्रू़ज लिब्रा हाई सी की सैर कराता है तो तीन दिन के स़फर में गोवा की। पांच दिन के पैकेज में यात्री लक्षद्वीप के प्राकृतिक सौंदर्य को देख कर आ सकते हैं। भारतीयों में क्रूजिंग के प्रति बढ़ते आकर्षण को देख विश्व की कुछ और क्रू़ज लाइनर कंपनियां भारतीय बा़जार में दस्तक देने लगी हैं। इनमें क्रिस्टल क्रू़जेज और कोस्टा क्रू़ज लाइनर का लक्ष्य तो यहां लग़्जरी ट्रैवलर्स को आकर्षित करना है। पर्यटन मंत्रालय ने भी इस दिशा में ते़जी से कदम बढ़ाना शुरू किया है। यहां पो‌र्ट्स को अपग्रेड करने के साथ सात क्रू़ज टर्मिनल भी विकसित किए जा रहे हैं। हमारे देश की 7500 किलोमीटर लंबी कोस्ट लाइन पर नई संभावनाओं की आशा के साथ नई क्रू़ज शिपिंग पॉलिसी भी ड्रा़फ्ट की जा रही है।

क्रू़ज पर्यटन मानचित्र पर आज ऐसे सैकड़ों ठिकाने हैं जिनकी अलग-अलग खासियत है। इनमें सबसे प्रसिद्ध ठिकाने जिन मार्गो पर हैं उनमें ट्रांस अटलांटिस क्रॉसिंग, मेडेटेरियन हावाई, पनामा केनाल तथा फार ईस्ट मुख्य हैं। अब धीरे-धीरे हिंद महासागर भी इसी सूची में शामिल हो रहा है। इनमें कैरेबियन और वामहास तो वर्ष भर क्रूजिंग के लिए आदर्श है। अलास्का के लिए कनाडा के बंदरगाहों से चलने वाले क्रू़ज मई से सितंबर तक चलते हैं। जबकि यूरोप में क्रूजिंग का मौसम प्राय: ग्रीष्म ऋतु में होता है। एशिया के देशों में भी करीब- करीब सारे साल क्रूजिंग चलती रहती है। हमारे देश में अक्टूबर से मई तक क्रू़ज के लुभावने स़फर का आनंद लिया जा सकता है। विश्व के इन सभी मार्गो पर चलने वाले क्रू़ज टूर की बुकिंग के लिए बहुत सी कंपनियों ने हमारे देश के खास शहरों में अपने एजेंट नियुक्त किए हुए हैं। दिल्ली और मुंबई में इंटर ग्लोब क्रू़जेज के कार्यालय हैं। इन कार्यालयों से प्रिंसेज् क्रू़ज, क्युनार्ड, ओसियन विलेज, सी बॉर्न आदि सुपर लाइनर के टूर बुक कराए जा सकते हैं। सेलिब्रिटी क्रू़ज, रॉयल कैरेबियन और सिलवर-सी के क्रू़ज प्रोग्रामों की बुकिंग टिरुन ट्रैवल मार्केटिंग द्वारा की जाती है। स्टार क्रू़ज लाइनर ने तो अपने ही कार्यालय कई शहरों में खोल रखे हैं। इनके अलावा कोस्टा क्रू़जेज की बुकिंग एसओटीसी द्वारा कराई जा सकती है। बहुत से टूर आपरेटर भी क्रू़ज हॉलिडे की बुकिंग का जिम्मा लेते हैं। ज्यादातर कंपिनयां 45 दिन पूर्व बुकिंग कराने पर सुपर सेवर कीमत लेती हैं। इनमें 20-30 प्रतिशत की छूट होती है। वैसे मध्यम वर्ग के लिए तो स्टार क्रू़ज की कीमतें उनके बजट के अनुकूल ही हैं। इनके पैकेज करीब 4 ह़जार रुपये से शुरू होते हैं। वैसे प्रतिस्पद्र्धा के इस दौर में वह दिन दूर नहीं जब लो कॉस्ट एयरलाइंस की तरह लो कॉस्ट क्रू़ज लाइनर भी समुद्र पर छा जाएंगे। निस्संदेह तब उफनती लहरों पर सैर-सपाटे का अनोखा अंदा़ज हर सैलानी की पहुंच में होगा।

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