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घूमने-फिरने का शौक हो और जेब में थोड़ा वजन हो तो इस दुनिया के ऐसे अनूठे रंग आप देख सकते हैं जिनके बारे में ज्यादातर लोगों ने सुना भी नहीं होता। ठहरने की नायाब जगहों के क्रम में इस बार हम जिक्र कर रहे हैं एक ऐसे होटल का जो होटल नहीं बल्कि कला का नमूना है। हम कला का नमूना इसे केवल इसकी अद्भुत बनावट के लिए ही नहीं कह रहे है बल्कि इसलिए भी कह रहे हैं क्योंकि इसे वाकई दो प्रख्यात कलाकारों ने डिजाइन किया व बनाया है। हम यहां बात कर रहे हैं एवरलैंड होटल की। इसकी दो और अनूठी बातें हैं। एक तो यह होटल के नाम पर केवल एक कैप्सूल यानी एक कमरा है। और दूसरी बात, यह होटल किसी एक जगह पर टिका नहीं रहता बल्कि दुनिया घूमता रहता है। एक शहर में जाता है, कुछ समय रहता है और फिर नए शहर को चल देता है।
अनूठी परियोजना
एवरलैंड होटल एक अनूठी परियोजना है जो समकालीन कला और पर्यटन को जोड़ती है। इसे कला और पर्यटन का फ्यूजन कहा जा सकता है लेकिन इसमें दोनों की अपनी अलग हैसियत भी कायम रहती है। पैलेस दा टोक्यो पेरिस में समकालीन फ्रेंच और अंतरराष्ट्रीय कला के महत्वपूर्ण केंद्रों में से है। उसकी छत पर स्थापित एवरलैंड होटल एफेल टॉवर समेत पेरिस का अनूठा नजारा दिखलाती है। उधर एवरलैंड होटल एक कलात्मक स्थान की आधुनिक तस्वीर पेश करती है। सबीना लैंग और डेनियल बौमैन की यह कलाकृति सीन नदी से तीस मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कैप्सूल की देखरेख, साज-सज्जा और उसमें शामिल की गई हर चीज पर दोनों कलाकारों की छाप साफ दिखाई देती है। लैंग और बौमैन ऐसी कलाकृतियों के लिए प्रख्यात हैं जिनमें लोगों की भागीदारी भी हो इस हद तक कि वे उस कलाकृति का एक हिस्सा ही बन जाएं। सबीना बर्न (स्विट्जरलैंड) में 1972 में और बौमैन 1967 में सैन फ्रांसिस्को में पैदा हुए थे।
नब्बे के दशक की शुरुआत से वे साथ हैं। इस समय वे स्विट्जरलैंड में ज्यूरिख में रहते हैं। इन दोनों को प्रेरणा फिनलैंड में मकानों की डिजाइन में साठ के दशक में जो कोलंबो द्वारा किए गए प्रयोगों से मिली। एवरलैंड 35 वर्गमीटर का 10.5 टन वजनी एक कैप्सूल है। लकड़ी के इस ढांचे को फाइबर ग्लास से कवर किया गया है। अंदर कालीन बिछे हैं और बाथरूम में टाइल्स लगी हैं। इसकी परिकल्पना ही एक बदले जा सकने वाले ढांचे के रूप में की गई थी।
पहले कराएं आरक्षण
रोज शाम को चार बजे आम जनता के देखने के लिए इसे खोला जाता है। लेकिन इसके लिए भी पहले ऑनलाइन आरक्षण कराना होता है और अक्सर इसके लिए भी दो-दो महीने तक एडवांस बुकिंग चलती है। शाम छह बजे यह आम सैर बंद हो जाती है और उसे उन मेहमानों के सुपुर्द कर दिया जाता है जिन्होंने रात बिताने के लिए उस बुक कराया होता है। रही बात रात बिताने की तो एक बार में केवल एक रात की ही बुकिंग कराई जा सकती है। मंगलवार से बृहस्पतिवार तक के लिए दरें 333 यूरो या 21 हजार रुपये प्रति रात्रि है और शुक्रवार से रविवार तक 444 यूरो यानी 28 हजार रुपये प्रति रात्रि है। लाउंज में बेहद आरामदेह सोफा के अलावा इस होटल में डबल बेड है, मिनीबार है, वाइ-फाइ कनेक्शन है और कमरे में नाश्ता भी परोसा जाता है। अंदर की खूबसूरती इन सबसे ऊपर है।