चलें देखने सूरज आधी रात का

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जहां आकाश में सूर्योदय और सूर्यास्त के रंग घुलते हैं एक साथ, स्वीडन व फिनलैंड ऐसी ही जगहों में से हैं। नॉर्वे, डेनमार्क को भी मिला लें तो स्कैंडिनेविया या नॉर्दिक इलाका उत्तरी गोलार्ध की मुख्यभूमि से थोड़ा अलग नजर आता है। इस इलाके में सेतु का काम करता है डेनमार्क। स्वीडन, फिनलैंड व डेनमार्क उस इलाके का प्रतिनिधित्व करते हैं जो संपन्न है, खुशहाल है, प्रकृति के लिहाज से परिपूर्ण और बेजोड़ है।

सांताक्लॉज की धरती

स्कैंडिनेवियाई क्षेत्र के छोर पर बसा फिनलैंड ध्रुवीय इलाकों की दहलीज है। रूस के जंगलों और स्वीडन की सीमाओं के बीच बसे इस देश को प्रकृति ने खुले हाथों से नियामतें बख्शी हैं। इस देश में 187,888 झीलें हैं। तीन-चौथाई भूमि तो घने जंगलों से पटी है। भीषण सर्दी के इस देश में धरती दो महीने तो बर्फ से ही ढकी रहती है। तब आसमान में सूरज का नामोनिशान नहीं रहता। दिन भी घनघोर अंधेरी रातों जैसे होते हैं। इन दिनों नॉर्दन लाइट्स का अद्भुत नजारा देखने दुनिया भर के सैलानी यहां जुटते हैं। इस देश के लोग वास्तुशिल्प,  डि़जाइनिंग और कला के क्षेत्र में धुरंधर माने जाते हैं।

बाल्टिक सागर के तट पर राजधानी हेलसिंकी की बसाहट 1819 में हुई। फिनलैंड तब रूस के अधीन था। जार निकोलस प्रथम के आदेश पर जर्मन वास्तुशिल्पी कार्ल एंजल लुडविग ने हेलसिंकी को बसाने की जिम्मेदारी उठाई। निकोलस की कल्पना का क्रियान्वयन करते हुए लुडविग ने शहर को भव्य इमारतों, चौक-चौराहों और शिल्पों से सजा डाला। तीन सौ पंद्रह द्वीपों से बना यह शहर वास्तव में समुद्र का ही शहर है। यहां सड़कें  खाडि़यों के सहारे मुड़ती हैं, पुल द्वीपों को जोड़ते हैं, फेरीज [नावें] ट्रैफिक का जरिया हैं।

वास्तुविदों की प्रयोगशाला

शिल्प के क्षेत्र में हेलसिंकी वास्तुविदों की प्रयोगशाला है। यहां की एक-एक इमारत किसी न किसी शिल्पी का हस्ताक्षर है। यहां के रेलवे स्टेशन को ही ले लें। सन् 1914 में सारीनेन द्वारा परिकल्पित स्टेशन की तांबे मढ़ी छत और प्रवेशद्वार पर चार मशालवाहक विराट मूर्तियां, 160 फुट ऊंचे घंटाघर के साथ नगर की गौरवगाथा सुनाती हैं। मुख्य डाकघर अमेरिकी शिल्पकार हॉल की कृति है। फिनलैंड के प्रख्यात शिल्पकार अल्वार आल्टो और उनकी पत्नी आइनो आल्टो ने अपनी कल्पनाशीलता के दम पर हेलसिंकी को दुलहन सा संवार दिया है। स्टीवेन हॉल की ज्यामितिक संरचना पर्यटकों को खास तौर से आकर्षित करती है। वास्तु का एक अजूबा सेमुलिनिन बंधुओं का बनाया अंडरग्राउंड चर्च किर्कू  भी है। संगीतज्ञ जीन सिबलिज की स्मृति में निर्मित विराट वंशीवट को देखकर तो आप हैरत में रह जाएंगे। इसमें 3000 से ज्यादा धातु नलिकाओं को परस्पर जोड़कर विशाल वाद्ययंत्र शिल्प की सर्जना की गई है। डिजाइनिंग के मामले में तो फिनिश लोगों का दुनिया भर में सानी नहीं है।

काठ के घर

लकड़ी की इमारतों के निर्माण की सदियों पुरानी परंपरा यहां आज भी जिंदा है। काष्ठगृहों का संग्रहालय सन् 1909 में बनाया गया था। यहां 15 हेक्टेयर जमीन में फिनलैंड के कोने-कोने में बनने वाले देहाती काष्ठघरों को प्रदर्शित किया गया है। लेकिन लकड़ी के असल घरों का नजारा करने के लिए सबसे अच्छी जगह है पोर्वो। यहां 13वीं-14वीं सदी के संरक्षित मकानों की कतारें मन मोह लेती हैं। यह कस्बा फिनलैंड के राष्ट्रकवि रूनबर्ग की जन्मस्थली भी रहा है। उनकी और उनके पुत्र शिल्पकार वाल्टर रूनबर्ग की कृतियों को संजोए उनके पैतृक निवास को भी पोर्वोवासियों ने दर्शनीय स्थल बना लिया है। यहां आज भी नदी किनारे काष्ठ के बने डेढ़ मंजिले पुराने मकान फिनलैंड की परंपरागत भवन निर्माण कला के प्रमाण हैं। पहली मई को फिनलैंड में बर्फ पिघलने के साथ ही बसंत का आगमन हो जाता है। इसे फिनिश उत्सव के तौर पर मनाते हैं। महीने भर बाद पहली जून से गर्मियों की आहट होने लगती है और अगस्त-सितंबर हार्वेस्ट सीजन के तौर पर आ जाते हैं। नवंबर में कड़ाकेदार सर्दी के बावजूद साहसी सैलानियों की कमी नहीं रहती।

सांता का घर

फिनलैंड के उत्तरी भाग में स्थित लेपलैंड सांताक्लाज का घर माना जाता है। यहां चार सौ वर्षो से सांताक्लॉज का दफ्तर बाकायदा चलता है। इसके पते पर डाक दुनिया भर से आती है और लाल वस्त्र धारी दढि़यल सांताक्लॉज हर खत का जवाब भी देते हैं। यहां की बर्फीली जमीन पर भले ही सांताक्लॉज की रेनडियर से जुड़ी गाड़ी अब न दिखे, पर लेपलैंड के जंगलों में आज भी हजारों रेनडियर्स कुलांचें भरते नजर आ जाते हैं। इस क्षेत्र में रह रहे पांच हजार सामी आदिवासी रेनडियर्स की अस्थियों और जंगल की लकडि़यों से बहुत तरह की चीजें बनाने में कुशल हैं। सर्दियों में लेपलैंड जाएंगे तो उन्मुक्त विचरते रेनडियर्स के झुंडों और नॉर्दन लाइट्स की नरम मुलायम रोशनी का जी भर कर नजारा ले सकेंगे और यदि आपका चक्कर गर्मियों में लगे तो भी चौबीस घंटों चमकती धूप और सूरज की रोशनी का अद्भुत नजारा आपको चमत्कृत कर देगा। फिनलैंड के दक्षिण पूर्वी भाग में स्थित लेपलैंड जंगलों, झीलों और द्वीपों की ऐसी रमणीक छटा से भरा है।

खानपान

सागर तट पर होने के कारण यहां सैकड़ों प्रजातियों की मछलियों से बने व्यंजन प्रचलित हैं। बेरियों और मशरूम के कई तरह के सूप, सैलेड और जैम भी यहां के लोग चटखारे लेकर खाते हैं। पतझर की ऋतु में तो हेलसिंकी की सड़कें पकी रसदार बेरीज से सुर्ख हो उठती हैं। जून में स्ट्राबेरी का मौसम होता है। गर्मियों में ब्लैकबेरी और क्लाउडबेरीज सितंबर में जंगल लिगोंबेरीज से लद जाते हैं तो दलदली इलाके क्रेनबेरीज की फसल से लहलहाते हैं। घनघोर सर्दी वाले इस क्षेत्र में गर्मियों में बीन, मटर, खीरे, टमाटर, आलू भी बहुतायत में होते हैं। फिनिश भोजन [मांसाहार] में मछलियों के अलावा रेनडियर का गोश्त शुमार होता है। ‘पैनकेक’ इनका पसंदीदा भोजन है। क्लाउड बेरीज का बना ‘लक्का’ इनकी प्रिय डेजर्ट है। फिनलैंड में सूरज की धूप में पकी बेरीज से बनी आइसक्रीम और सॉसेजेज के दीवाने बहुत हैं।

खास बातें

1. फिनलैंड जाने के लिए यूरोप जाने वाली लगभग सभी एअरलाइंस में टिकट आसानी से मिल जाते हैं।

2. हेलसिंकी में रुकने के लिए 5000 रुपये से 10,000 रुपये प्रतिदिन तक के बेहद आरामदायक होटल मिल जाते हैं। लेकिन कम बजट वालों के लिए भी यहां पर्याप्त इंतजाम हैं।

3. शहर में घूमने के लिए साइकिलों की सवारी की जा सकती है। हेलसिंकी में 26 बाइक स्टैंड हैं जिनसे 2 यूरो में साइकिलें किराये पर मिल जाती हैं। इसके अलावा हरी और पीली ट्रामें भी 2 यूरो के खर्चे पर पर्यटक स्थलों तक ले जाती हैं।

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