- Round Trip
- One Way
Select Your Theme
Number of Guest
Specify ages of children at time of travel:
स्पाल्डिंग फ्लावर फेस्टिवल, स्पि्रंगफील्ड्स, स्पाल्डिंग, इंग्लैंड
फूलों का यह जलसा 1959 में शुरू हुआ था। हर साल ढाई लाख से ज्यादा लोग इसमें शिरकत करते हैं। इसे खास ट्यूलिप फूलों का जश्न भी कहा जा सकता है। इस मौके पर निकलने वाली परेड में फूलों से सजी दर्जन भर झांकियां निकलती हैं। हर झांकी पर हजारों ट्यूलिप सजे होते हैं। पीछे मार्च करते हुए बैंड, पुरानी बाइसाइकिलें, और कई रंगारंग लोग होते हैं। ये झांकियां परेड के दिन सवेरे 25 एकड़ में फैले स्पि्रंगफील्ड्स गार्डन में भी लोगों के देखने के लिए रखी जाती हैं। लोग झांकियों को सजते हुए भी देख सकते हैं। फिर दोपहर में ये परेड के लिए रवाना होती हैं। इस साल इस परेड की पचासवीं सालगिरह है। पहले तो इस परेड में टूट कर गिरे हुए ट्यूलिप इस्तेमाल किए जाते थे। लेकिन बाद में इस परेड के लिए अलग से ट्यूलिप की खेती होने लगी। अब हर साल पांच लाख से ज्यादा ट्यूलिप खेतों से तोड़-तोड़कर एक-एक करके झांकियों पर सजाये जाते हैं।
इंटरनेशनल बस पुलिंग चैंपियनशिप, वुल्फेनबटल, जर्मनी
रस्साकसी पुरानी चीज हुई। लोग दमखम आजमाने के नए-नए तरीके खोज रहे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा हर साल वुल्फेनबटल मई मेले में नजर आता है जब श्वार्जनेगर के चेलों की 32 टीमें 16 टन की बस को फिनिशिंग लाइन तक खींचने की स्पर्धा में हिस्सा लेती हैं। यह ताकत, गति और कौशल की स्पर्धा है। यह स्पर्धा दरअसल इस मेले का ही एक हिस्सा है जिसमें एक बसंत बाजार और मनोरंजन की कई सारी गतिविधियां शामिल होती हैं।
रॉकेट फेस्टिवल, फया थायेन पार्क, यासोथोन, थाईलैंड
विशालकाय रॉकेट आसमान में दागने से बारिश के देवता कितने खुश होते हैं या नहीं, यह तो पता नहीं लेकिन हर साल मई में यासाथोन के निवासी यही कोशिश करते हैं। धान की बुवाई के लिए अनुकूल मौसम पाने के इरादे से एक रस्म के तौर पर शुरू हुआ यह फेस्टिवल अब एक सालाना खेल में तब्दील हो चुका है। सौंदर्य प्रतियोगिताएं और महाभोज भी इसका हिस्सा होते हैं। कहना मुश्किल है कि बारिश के देवता कितने खुश होते होंगे क्योंकि आलोचक कहते हैं कि रॉकेटों के लिए लकड़ी व बारूद का जितना ज्यादा इस्तेमाल होता है उसमें मौसम के देवता भाग बेशक खड़े होते होंगे।
कराबाओ फेस्टिवल, पुलिलन, फिलीपींस
जब घूरे के दिन फिरते हैं तो भला भैंसों के क्यों न फिरें। आम तौर पर कीचड़ से समी रहने वाली भैंसें इस दिन चिकनी-चुपड़ी और सजी-धजी नजर आती हैं। इसे एक दिन के लिए राजा बनने के तौर पर भी देखा जा सकता है। वैसे यह किसानों के संरक्षक संत को याद करने का अनूठा तरीका है। पहले दिन भैंसों की हजामत वगैरह बनवाकर सुगंधित तेलों से उनकी मालिश की जाती हैं और फिर कपड़ों-आभूषणों से उन्हें सजाया जाता है। अगले दिन झांकियों के साथ जुलूस में ये भैंसे चर्च स्कावयर आती हैं जहां पादरी भैंसों को अगले साल की समृद्धि का आशीष देते हैं।
संपेरों का मार्च, कोकुलो, इटली
हर साल मई के पहले बृहस्पतिवार को यह जलसा इटली में होता है, यह जानकार आपको शायद हैरानी होगी क्योंकि पश्चिम में भारत की छवि संपेरों के देश के रूप में है। अब्रजान पहाडि़यों में कोकुलो के लोग बड़े असामान्य तरीके से संत डोमेनिको का स्मरण करते है जिन्हें वे सांपों के काटे और दांतों की तकलीफ से बचाने वाला मानते हैं। संत की प्रतिमा पर जिंदा सांप लपेटकर सरपारी (संपेरे) सड़कों पर निकलते हैं। इन सांपों को फिर जंगल में छोड़ दिया जाता है।
समर फेस्टिवल, माउंट आबू, राजस्थान
तमाम अजीबोगरीब विदेशी आयोजनों के बीच में एक सीधा-सादा सा देसी आयोजन। अरावली पहाडि़यों के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में हर साल होने वाला ग्रीष्मोत्सव। यहां भले ही आपको हिमालय के पहाड़ों की बर्फीली ठंडक नहीं मिलेगी लेकिन प्रकृति के नजारे यहां भी कम नहीं। फिर पूर्णिमा के चांद को नक्की झील में निहारने की रूमानियत का अपना खास ही मजा है। समर फेस्टिवल यहां जाने का अच्छा बहाना हो सकता है।