समंदर का मोती फिलीपींस

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किसी द्वीप की कल्पना करते ही खूबसूरत छवियों के रूप में उभरते हैं- मीलों तक फैले रेतीले समुद्र तट, सूरज के ढलने के रोमैंटिक दृश्य, ताड़ के पेड़ों की झूमती हुई पत्तियां और नीले समंदर की सफेद लहरों का आवागमन। अब उस जगह की खूबसूरती की कल्पना कीजिए, जहां एक नहीं वरन 7,107 द्वीप हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं फिलिपींस देश की, जो 7,107 द्वीपों के समूह से बना है। यहां के सभी द्वीपों पर आबादी नहीं है, पर तीन बड़े द्वीपों में बहुत से ऐसे स्थान हैं, जो पर्यटन की दृष्टि से बेहद आकर्षक हैं। उत्तर में ल्यूजॉन है, जिसमें लाओग, बनावे, सुबिक, मनिला, आसपास के क्षेत्र तथा पलावन हैं। मध्य में छोटे-छोटे कई द्वीपों का समूह विसाया है, जिसमें बोराकाय, सीबू व बोहोल द्वीप हैं और दक्षिण में निन्दनाओं, जिसमें सबसे बड़ा द्वीप दावाओ है।

राजा फिलिप के नाम

फिलिपींस पर कई वर्षो तक विभिन्न देशों ने राज्य किया। इनमें एशियन देश, स्पेन व अमेरिका मुख्य हैं। 1521 में पुर्तगाली अन्वेषक फरडीनेंड मैगलेन ने बहुत से स्पेन यात्रियों के साथ इस द्वीप को खोजा और स्पेन के राजा फिलिप द्वितीय के नाम पर इस द्वीप समूह का नाम फिलिपींस रखा। स्पेनवासियों को मनिला व सीबू जैसे बंदरगाह व्यावसायिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण लगे और उन्होंने यहीं बसने का

फैसला किया। पहले सीबू को राजनैतिक गतिविधियों का केंद्र बनाया गया, पर 1571 में मनीला को राजधानी मान लिया गया। लगभग 300 वर्षो (16वीं शताब्दी से 19वीं शताब्दी) तकफिलिपींस पर स्पेन का राज्य रहा। पर 1898 में फिलिपींस के वासियों ने स्पेन के खिलाफ आंदोलन किया और स्वयं को स्वतंत्र घोषित कर दिया। इसके बाद लगभग 48 वर्षो तक फिलिपींस अमेरिका के अधीन रहा। 1941 में द्वितीय विश्वयुद्ध के शुरू होते ही अमेरिका ने फिलिपींस छोड़ दिया। पर उसके जाते ही जापानियों ने यहां कब्जा कर लिया। फिर चार वर्षो तक फिलिपींस जापान की गिऱफ्त में रहा। पर अमेरिका ने जापानियों के खिलाफ लड़ाई की और 1946 में फिलिपींस को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया।

मनीला धड़कन फिलिपींस की

राजधानी मनीला फिलिपींस का एक बहुत खूबसूरत शहर है, जहां देखने के लिए बहुत कुछ है। पाश्चात्य व पूर्वी सभ्यताओं का एक अद्भुत सम्मिश्रण इस शहर में देखने को मिलता है।

प्राचीन व आधुनिक दोनों तरह की इमारतें इस देश के इतिहास व गौरव की सुंदर झलक पेश करती हैं। शहर के अंदर शहर देखना हो तो इन्ट्राम्यूरस जाएं, जिसे वॉल्ड सिटी भी कहते हैं। स्पेन के राजाओं ने सामान्य जनता से स्वयं को दूर रखने के लिए एक शहर बसाया, जिसके चारों ओर दीवार थी। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमरीका ने यहां भी बम गिराए, जिसके कारण यह शहर काफी हद तक तबाह हो गया। पर जल्द ही फिलिपींस के निवासियों ने अपने प्रिय शहर को पुन: आबाद कर दिया। आज यहां आधुनिक इमारतों के साथ-साथ बहुत-सी ऐतिहासिक इमारतें भी हैं, जिन्हें देखने तमाम सैलानी हर साल आते हैं। मनीला कैथिड्रल में पत्थर पर नक्काशी व रंगीन शीशों के मोजैक दर्शनीय हैं। फोर्ट सैनटियागो तथा सेंट ऑगस्टीन चर्च भी आकर्षण के केंद्र हैं।

11 शहरों व 5 कसबों को मिला कर बना है ग्रेटर मनीला, जहां अति आधुनिक होटल, पब, बार रेस्टोरेंट व डिपार्टमेंटल स्टोर्स हैं। मकाटी मनीला का सबसे महंगा व आधुनिक स्थान है, जहां आपको अंतरराष्ट्रीय स्तर की सभी सुख-सुविधाएं मिल जाएंगी। यहीं कल्चरल सेंटर ऑफ फिलिपींस में विश्व के विख्यात कलाकार अपना प्रदर्शन करते हैं। अनेक संग्रहालयों में आप इस देश के इतिहास व संस्कृति की सुंदर झलक देख सकते हैं।

इस शहर की नाइट लाइफ एशिया की सबसे हसीन नाइट लाइफ मानी जाती है, जिसमें आप फिलिपींस निवासियों का संगीत के प्रति जुनून, खाने-पीने का भरपूर शौक व अन्य रंगीनियों का लुत्फ उठा सकते हैं। विख्यात मनीला सन सेट यानी सूर्यास्त का अप्रतिम दृश्य भी इसी शहर में देखा जा सकता है। बहुत से फाइव स्टार होटल में सूर्यास्त को देखने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं, जहां से आप मनीला बे में सूरज को समाते हुए देख सकते हैं।

चर्च ही चर्च

चूंकि फिलिपींस की अधिकतर जनता ईसाई धर्म को मानती है इसलिए और 300 वर्षो के स्पैनिश राज्य के कारण इस देश में चर्चो की भरमार है। पर देश के दक्षिण में इस्लाम धर्म के लोग भी हैं। 14वीं शताब्दी में अरबी लोगों द्वारा व्यावसायिक दृष्टि से फिलिपींस को देखा गया था और इसी दौरान बहुत से अरबी व्यापारी यहां आ कर बसे थे। कियापो चर्च (मनीला) सीबू में मेगलैन क्रॉस व लाओग में कोलोनियल चर्चो की भरमार है। एक शहर से दूसरे शहर को जाते हुए रास्ते में आपको बहुत पुराने चर्चो के खंडहर भी दिखाई देंगे। इसीलिए फिलिपींस को लैंड ऑफचर्चेज(चर्चो की भूमि) भी कहा जाता है।

मीलों तक फैले समुद्र तट

जो देश द्वीपों से बना हो, वहां समंदर के किनारों की बहुतायत होना कोई आश्चर्य की बात नहीं। दरअसल असंख्य समुद्री तटों के कारण ही फिलिपींस को एशिया की बीच कैपिटल भी कहा गया है। चाइना सागर व प्रशांत महासागर के घिरे फिलीपींस में समु्रदी जीवन से जुड़ी हर झलक देखने को मिलती है। समुद्री जीवों को जैसे नाना प्रकार की मछलियों, कोरल व अन्य जीव-जंतुओं को विशेष रूप से देखने विदेशी पर्यटक यहां आते हैं। बोराकाय द्वीप के सफेद रेतीले तटों के कारण संसार का सबसे सुंदर तट माना गया है। स्नॉर्कलिंग, स्कूबा डाइविंग, वॉटर सर्फिग जैसे जलखेल भी यहां किए जा सकते हैं। वॉटर सर्फिग करने दूर-दूर से लोग यहां आते हैं, क्योंकि कुछ किनारों पर सागर की लहरें करीब 12 फुट तक ऊंची भी जाती  हैं, जो सर्फिग करने वालों के लिए बेहद रोमांचकारी होते हैं। कैमगेन नामकद्वीप को इसकी अत्यधिक खूबसूरती के लिए गार्डन ऑफईडेन भी कहा गया है। यहां का आकर्षण जलप्रपात हैं, जिनमें गर्म व ठंडा पानी आता है।

कुछ खास है फिलिपींस

इस देश की खासियत यहां का समुद्री जीवन है। करीब 12000 से भी ज्यादा सी शेल्स की प्रजातियां यहां पाई जाती हैं। पलावन द्वीप में कभी-कभी विशालकाय व्हेल मछली को भी देखा गया है। यहां का स्थानीय ट्रांसपोर्ट जिपनी है, जो द्वितीय विश्व युद्ध में प्रयुक्त जीप व बस का अनोखा मिलन है। तरह-तरह के आकर्षण

रंगों में जिपनी अपने आप में एक दर्शनीय चीज है। बोहोल नामक द्वीप में पाया जाने वाला विश्व का सबसे पुराना व छोटा बंदर फिलिपीन तारसिए है, जिसके संरक्षण के लिए यहां की सरकार हर संभव प्रयत्न कर रही है। लोबोक नदी के किनारे तारसिए को देखने के लिए छोटे-छोटे घेरे बनाए गए हैं, जहां करीब 100 तारसिए बंदरों को रखा गया है। तारसिए बेहद नाजुक शर्मीले होते हैं, पर इनकी बड़ी-बड़ी आंखें दूर से ही नजर आती हैं।

शॉपिंग है जरूरी

फिलिपींस में असंख्य मॉल होने का कारण है यहां के लोगों का शॉपिंग में भरपूर रुचि लेना। वैसे शॉपिंग करना तो ज्यादातर लोगों को अछा लगता है, पर फिलिपींस के लोग कुछ ज्यादा ही शॉपिंग करते हैं। यहां की भूतपूर्व राष्ट्रपति इमेल्डा मारकोस के पास 3000 से भी ज्यादा जूते थे और वह अपने जूतों के संग्रह के कारण ही विश्व भर में जानी गई थीं। अगर आप फिलिपींस से कुछ खास ले जाना चाहते है तो यहां की खास चीजों में ड्राई आम, मोती, जूते, केले के चिप्स, अनन्नास की फाइबर शर्ट, केन फर्नीचर, आदि मुख्य हैं। चाइना, ताइवान, इंडोनेशिया आदि देशों से घडि़यां, पर्स, जैकेट व कपड़े आदि यहां आते हैं और आप अछे दामों में इन्हें खरीद सकते हैं। मदर ऑफपर्ल से बनी ज्यूलरी भी यहां की खासियत है। पर खरीदते समय आपको सावधानी बरतनी होगी। जगह-जगह लोग मोती बेचते हैं, जो कभी-कभी झूठे भी साबित होते हैं। अत: स्थानीय लोगों की सहायता से सही दुकान पर जाकर ही मोती व अन्य प्रकार की ज्यूलरी खरीदें।

जरूरी जानकारियां

कैसे पहुंचें: लगभग सभी मेट्रो से सिंगापुर तक की उड़ान भरनी होगी। फिर सिंगापुर से फिलिपींस पहुंचा जा सकता है। सिंगापुर एयरलाइंस व जेट एयरवेज से सिंगापुर तक पहुंचा जा सकता है।

मौसम: यहां का मौसम गर्म है (अक्टूबर से मार्च) या फिर बहुत गर्म है (मार्च से सितंबर), जब मानसून होने के कारण उमस बहुत बढ़ जाती है। जब भी जाएं सूती व हलके कपड़े ले जाएं।

मुद्रा : ‘फिलिपीन पैसो’ यहां की मुद्रा है, जो लगभग भारतीय रुपये के बराबर है।

भाषा : फिलिपीनो राष्ट्रीय भाषा है पर अंग्रेजी हर कोई बोलता है।

अधिक जानकारी के लिए पर इसकी वेबसाइट लॉग ऑन करे या संपर्क करें। फिलिपींस टूरिज्म मार्केटिंग ऑफिस 1110, सेकेंड फ्लोर, नर्सरी हाउस, आईसीजी मार्ग, नई दिल्ली, फोन- 011 41669575

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