संस्कृतियों का संगम सिंगापुर

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सोचिए कैसा लगेगा जब आप एक छोटे से पिंजरे में ठीक उसी तरह बंद होंगे जैसे आमतौर पर जानवर बंद होते हैं। साथ ही आपको पिंजरे में बंद देख चारों ओर से जंगली जानवर जिनमें शेर भी शामिल है आपको घेर लेंगे, आपके पिंजरे पर चारों ओर से लटक जाएंगे या पंजे मारने की कोशिश करेंगे और आप बेबस पिंजरे के बीच में उनसे बचने के लिए सिकुड़े होंगे।

इसी तरह जरा इस बात की कल्पना कीजिए कि आप जमीन के नीचे एक सुरंग में उतरते जा रहे हैं और आपके दोनों ही ओर शार्क, ह्वेल जैसी मछलियां और दूसरे समुद्री जीव-जंतु विचरण कर रहे होंगे। आपको लगेगा मानो आप समुद्र के बीचोबीच बनी सुरंग से निकल रहे हैं।

कल्पना कीजिए किसी ने सड़क पर थूक दिया या आइसक्रीम खाकर उसका कवर या स्टिक सड़क पर फेंक दिया या किसी और तरीके से गंदगी फैलाई, जैसा कि आमतौर पर भारत में लोग करते है और उसे जेल की हवा खानी पड़ जाए तो कैसा लगेगा या किसी ने शौचालय गंदा छोड़ दिया कि सफाई कर्मचारी आकर साफ करेगा तो भी उसे सजा हो गई तो कैसा लगेगा।

यदि आपको इन अजीबोगरीब बातों का साक्षात अनुभव करना हो तो आपको मेरे साथ सिंगापुर चलना चाहिए जो अपने आप में एक अलग देश है, जहां विभिन्न संस्कृतियों का एक साथ संगम होता है और संगम होता है आधुनिकता और पुरातन का। जहां आधुनिक जीवन उतना ही हावी दिखता है जितना सदियों से संजो कर रखी गई विरासत में मिली जिंदगी।

संपन्न देश

कभी अंग्रेजों की दासता झेलने वाला सिंगापुर दो तीन वर्षो के लिए मलयेशिया का भी अंग रहा। पर अंततोगत्वा 1965 मेंे इसे पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त हुई। सिंगापुर एक संपन्न देश है जिसकी प्रति व्यक्ति आय 2.5 लाख रुपये है। 38 लाख की कुल आबादी वाले व्यावसायिक केंद्र के रूप में जाने जाने वाले सिंगापुर में मुख्य रूप से चीन, मलयेशिया और भारत के लोग आकर बसे हैं। हालांकि यहां की आधिकारिक भाषा मलय है, पर अंग्रेजी आमतौर पर समझी और बोली जाती है। सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से आप सिंगापुर को मात्र 45 मिनट में एक कोने से दूसरे कोने तक नाप सकते हैं। 54 छोटे-छोटे द्वीपों से मिलकर बने इस देश ने अपनी छोटी-सी भौगोलिक स्थिति में ही इतनी चीजों को समेटा सहेजा और जुटाया है कि आपको समग्र रूप में सिंगापुर देखने के लिए कई दिन बिताने पड़ेंगे। यहां की एक खासियत यह है कि आप पूरे साल यहां कभी भी आ सकते हैं। मौसम इसमें कहीं बाधा नहीं है। पूरे साल यहां धूप निकलती है और आने-जाने के लिए सुविधाओं की कोई कमी नहीं है। दुनिया के लगभग सभी प्रमुख देशों से यह हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है।

सुव्यवस्थित देश

सिंगापुर का नाम सामने आते ही मेरे जेहन में सबसे पहले एक ऐसे देश की छवि सामने उभरकर आती है जहां गंदगी का नामोनिशान नहीं है। हर कोई बखूबी कानून से अवगत है, खुद कानून का पालन करता है और दूसरों से भी उसका पालन करवाता है। सिंगापुर इस मामले में उन गिने-चुने देशों में से एक है जिसने सबसे पहले इस संबंध में कानून बनाया ही नहीं बल्कि उस पर सख्ती से अमल भी किया। इस कानून पर अमल करते समय उसने न तो किसी का ओहदा देखा न ही किसी की नागरिकता। संभवत: यही कारण है कि सिंगापुर एक साफ-सुथरा आधुनिक एशिया का प्रतिमान बनकर उभरा है जहां आप एक बार जाने के बाद बार-बार जाना पसंद करेंगे। यहां आप एशिया का आधुनिक और पुरातन दोनों ही रूप देख सकते हैं। एशिया में सिंगापुर का अपना एक अलग ही स्थान है जहां लोग पूरे अनुशासन के साथ जीवनयापन करते हैं और साथ में पूरी आधुनिकता और अपनी अपनी परंपराओं के साथ जिंदगी का लुत्फ उठाते हैं।

सिंगापुर में एयरपोर्ट पर उतरते ही आपको लगेगा कि आप एक ऐसे देश में हैं जहां हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं। एयरपोर्ट से बाहर आपको चमकते साफ-सुथरे हाइवे और सड़कें मिलेंगी जिन पर आप अच्छी खासी रफ्तार से अपने वाहन दौड़ा सकते हैं और लंबी दूरी भी कम समय में तय कर सकते हैं।

सिंगापुर सिटी

सिंगापुर भ्रमण का आरंभ आप सिंगापुर सिटी से कर सकते हैं। यहां एक से बढ़कर एक एयरकंडीशंड बाजार और गगनचुंबी इमारतें आपको दिखेंगी। शहर में चलने वाली ट्राम सेवा शहर देखने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है। इसके साथ ही आप टैक्सी भी ले सकते हैं।

सिंगापुर में जगह-जगह कई स्थान बने हैं जहां हरे गुटके में आई का साइन लगा होता है। साथ ही नक्शों व सूचना पुस्तकों की भी मदद ले सकते हैं। इसके अलावा सिंगापुर विजिटर सेंटर एट द रेट ऑफ सनटेक सिटी समस्त जानकारियों के लिहाज से सबसे बेहतर स्थान है।

सिंगापुर में पहला दिन आप लिटिल इंडिया देखने और खरीदारी से आरंभ कर सकते हैं। लिटिल इंडिया सिंगापुर का वह इलाका है जहां भारतीय मूल के लोगों का वर्चस्व है। यहां आपको हर तरह का भारतीय सामान यहां मिल जाएगा। यहां पर तमिलनाडु और दूसरे दक्षिण भारतीय राज्यों से आकर बसे लोगों की दुकानें आपको चेन्नई के किसी बाजार की याद दिलाएंगी। यहां केले के पत्ते पर भोजन का आनंद भी आप उठा सकते हैं। खाने के लिहाज से यह इलाका काफी लोकप्रिय है। लिटिल इंडिया में आधुनिक भारतीय रेस्टोरेंट भी हैं। शाम के समय इस इलाके में काफी भीड़ होती है जब लोग एक दूसरे से मिलने, खरीदारी करने और खाने के लिए आते हैं।

स्थानीय होटलों में कुछ जगहों पर बहुत ही अच्छा भोजन मिलता है। भोजन के लिए आपको सबसे पहले होटल में घुसते ही अपनी मेज का चुनाव करना होगा। इसके बाद दीवार पर लगे सामानों की सूची को देखकर अपना ऑर्डर देना होगा। फिर खाद्य पदार्थ के आने के बाद ही उसका भुगतान करें। हालांकि कुछ होटलों में स्वयंसेवा की प्रथा है लेकिन ज्यादातर में भोजन आपकी मेज पर ही भेज दिया जाता है। आर्डर देने से पहले सामानों की कीमतों की तुलना दूसरे होटलों के सामानों की कीमतों से करना बेहतर रहता है।

चाइना टाउन

लिटिल इंडिया के बाद आप सिंगापुर में चाइना टाउन जा सकते हैं जो भारतीयों के लिए एक अलग आकर्षण है। यहां सस्ती चीजें आसानी से मिलती हैं। चाइना टाउन मुख्य रूप से चीनी लोगों का इलाका है, जहां वे सबसे पहले आकर बसे थे। यहां पर आपको चीजें खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि दुकानदार ज्यादा कीमत मांगते हैं। इसी तरह यहां आप तभी किसी चीज का दाम पूछें जब आपको बारगेनिंग करके उक्त चीज खरीदनी हो। आमतौर पर यहां बेचने से दुगनी कीमत बताई जाती है और बारगेनिंग के बाद आधी या उससे भी कम दर पर वह चीज मिल जाती है। कुआलालंपुर के चाइना टाउन की तरह ही यहां के बाजार भी नकली माल से भी पटे होते हैं। यहां पर आपको गुणकारी हर्बल दवाएं मिलती हैं जिनके लिए लोग यहां आते हैं।

यदि आपको पेड़-पौधों में रुचि है तो आपको शहर के भीतर ही बना बुकिट तीमा नेचर रिजर्व अवश्य देखना चाहिए। यह अपनी तरह का अनूठा रिजर्व है। अकेले इस रिजर्व में पौधों की इतनी प्रजातियां हैं जितनी पूरे उत्तरी अमेरिका में भी नहीं हैं। यही कारण है कि वनस्पति विज्ञान में रुचि रखने वालों की यहां भीड़ लगती है। इस रिजर्व में सिंगापुर की सर्वाधिक ऊंची पहाड़ी बुकिट तीमा हिल भी है जहां आप पिकनिक का आनंद ले सकते हैं।

जुरांग बर्ड पार्क

अगर आप सिंगापुर आते हैं और यहां के वन्य अभयारण्य नहीं देखते हैं तो आपके लिए सिंगापुर की यात्रा अधूरी ही रहेगी। सिंगापुर में दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे बड़ा पक्षी अभयारण्य जुरांग बर्ड पार्क है। इस पार्क में 3000 से भी ज्यादा प्रजातियों के  पक्षी हैं जिनमें अनेक ऐसे हैं जो विलुप्त प्रजाति में शुमार किए जाते हैं। यहां पक्षियों के साथ ही मानव निर्मित सबसे ऊंचे जलप्रपात को भी देखा जा सकता है। यह जलप्रपात 30 मीटर ऊंचा है। इस अभयारण्य में पेंगुइन परेड भी देखी जा सकता है जिसे देखने के लिए आमतौर पर लोगों को न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया जाना पड़ता है। यहां पर बर्ड शो में पक्षियों को एक से बढ़कर एक खेल और करतब दिखाते हुए देखा जा सकता है।

यहां आप सिंगापुर का चिडि़याघर भी देख सकते हैं जो दुनिया के सबसे अच्छे चिडि़याघरों में से एक है। यहां आपको ध्रुवीय भालू और पिग्मी हिप्पो को देखने का मौका मिलेगा। यहां एनिमल शो का आनंद भी ले सकते है।

सिंगापुर में नाइट सफारी का अपना अलग ही लुत्फ है। सायं 7.30 बजे से मध्यरात्रि तक चलने वाले इस नाइट सफारी के दौरान आप जंगली जानवरों के बेहद करीब होते हैं। इस सफारी के दौरान आप छोटे वाहन पर बने एक पिंजरे में कैद होते हैं जो एक निश्चित मार्ग से गुजरता है। इस दौरान जंगली जानवर कई बार आपके पिंजरे पर आक्रमण भी करते हैं। कई बार आधे दर्जन से भी ज्यादा शेर आपके पिंजरे पर चढ़ जाते हैं या फिर दोनों ओर लटक जाते हैं। ऐसे में लगता है जैसे वे किसी भी तरह से आपको पकड़ना चाहते हों और आप बचकर निकल रहे हों। इस सफारी के दौरान एक आकर्षण यह होता है कि आप जंगल के बाशिंदों के विभिन्न क्रियाकलापों को देख पाते हैं जो दिन में या किसी चिडि़याघर में देखना संभव नहीं है। रात में आपको जंगल की भयावहता के बीच जानवरों को देखने और उनके पास होने का अनुभव भी मिलता है। इस सफारी के दौरान विलुप्त हो रही क्लाउडी बाघ के भी दर्शन होते हैं। अपनी इन्हीं खासियतों के कारण इस सफारी को दुनिया के सर्वोत्तम सफारी में शुमार किया जाता है।

म्यूजियम

सिंगापुर के एशियन सिविलाइजेशन म्यूजियम, सिंगापुर आर्ट म्यूजियम और सिंगापुर हिस्टरी म्यूजियम देखने योग्य हैं। एशियन सिविलाइजेशन म्यूजियम में आप चीनी संस्कृति के विकास और उससे जुड़ी चीजों को बारीकी से देख सकते हैं। आर्ट म्यूजियम में आधुनिक और परंपरागत कला से जुड़ी पेंटिंग्स प्रदíशत हैं। हिस्टरी म्यूजियम में आप 14 वीं सदी के बाद से अब तक के सिंगापुर के विकास की कहानी के गवाह बन सकते हैं। कौन, कब और कैसे सिंगापुर आया और किस तरह वह यहीं का होकर रह गया, इसकी पूरी दास्तान हिस्टरी म्यूजियम में देखने को मिलती है। सिटी में आप इसके अतिरिक्त संसद भवन और दुनिया का दूसरा सबसे लंबा होटल वेटिन स्टैम्फोर्ड देखने जा सकते हैं।

अंडरवाटर व‌र्ल्ड

सिंगापुर सिटी से बाहर संतोषा द्वीप एवं पलाउ उबीन द्वीप महत्वपूर्ण हैं। संतोषा द्वीप पर आप केबल कार से आसानी से पहुंच सकते हैं जहां समुद्री तट के साथ ही आप अंडरवाटर व‌र्ल्ड का आनंद ले सकते हैं। यह अंडरवाटर व‌र्ल्ड एशिया में अपनी तरह का अनूठा है, जहां आप एक तरह से समुद्र के भीतर विचरण कर रहे होते हैं। इस वाटरव‌र्ल्ड में आप एक सुरंग में उतरते चले जाते हैं जहां आपके दायें, बायें और कई बार ऊपर समुद्री जीव-जंतु विचरण करते हुए दिख जाते हैं जिनमें शार्क से लेकर ह्वेल की प्रजातियां भी शामिल होती हैं। संतोषा के इस वाटरव‌र्ल्ड में वैसे दुर्लभ समुद्री जीव भी देखे जा सकते हैं जो आमतौर पर भारतीय समुद्र में नहीं पाए जाते हैं।

संतोषा द्वीप पर ही आप फैंटेसी व‌र्ल्ड में रात के समय फव्वारों का आनंद ले सकते हैं जो तरह-तरह की रंगीन रोशनी में नहाए होते हैं। रात में होने वाले संगीत एवं रोशनी फव्वारा शो देखने लायक होता है। यदि आप शांति चाहते हैं तो सेंट्रल बीच पर पड़े रह सकते हैं और शाम को मनोहारी सूर्यास्त का लुत्फ ले सकते हैं। संतोषा द्वीप पर ही सिंगापुर का प्रतीक मेरलियन टावर है जिसमें नीचे मछली और ऊपर सिंह की आकृति बनी हुई है। इस द्वीप में एक पटरी पर चलने वाली ट्रेन का सफर भी काफी रोमांचक है जो जमीन से ऊपर खंभों पर बिछाई गई एकल ट्रैक पर चलती है। अंडरवाटर के बाद आप सिंगापुर डिस्कवरी सेंटर जा सकते हैं जहां विज्ञान के सिद्धांतों के बारे में जानकारी मिलती है। बच्चों के लिए यह एक अच्छी जगह है।

स्टार क्रूज

सिंगापुर में आप स्टार क्रूज का आनंद ले सकते हैं जो सिंगापुर से मलयेशिया तक का सफर तय करता है। समुद्र के सीने पर यह तैरती हुई यह एक बहुमंजिला इमारत ही नहीं, एक संपूर्ण पर्यटन स्थल भी है। इसमें हर आय समूह के पर्यटकों के लिए विशिष्ट व्यवस्थाएं एवं प्रावधान हैं। पर्यटकों के लिए लजीज एवं विभिन्न प्रकार की भोजन सामग्रियों और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के साथ ही उनके मनोरंजन के लिए आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य, कैबरे, बार इत्यादि की भी सुविधाएं हैं। इनमें खेल एवं शॉपिंग की भी व्यवस्था है। स्टार क्रूज के अंर्तगत 9 फ्लीट सेवाएं प्रदान करते हैं और सबकी अलग-अलग क्षमताएं एवं विशेषताएं हैं। केवल 9 वर्षो के सेवा काल में यह विश्व की तीसरी सबसे बड़ी क्रूज कंपनी बन गई है। एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों के अतिरिक्त उत्तरी अमेरिका, यूरोप एवं आस्ट्रेलिया के पर्यटक भी इसकी ओर आकर्षित हुए हैं। यह एक संपूर्ण समुद्री जहाज है जिसे 1993 में एशिया प्रशांत क्षेत्र में पर्यटकों की सुविधा एवं मनोरंजन के लिए लांच किया गया।

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