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ऐतिहासिक स्मारकों, धार्मिक स्थलों और प्रकृति के सौंदर्य से भरपूर भारतभूमि पर जीवन के किसी भी अवसर के लिए जगहों की कमी नहीं है। जीवन के अलग-अलग मोड़ और उनसे जुड़े उत्सवों के लिए जगहों की जैसी विविधता भारत में है, वह किसी अन्य देश में दुर्लभ है। खास तौर से जीवन के सबसे खूबसूरत मोड़ हनीमून के लिए तो देश के लगभग हर प्रांत में कई जगहें हैं।
ताज के शहर में
ताजमहल का आकर्षण इतना अद्भुत है कि नवविवाहित जोड़े इसे देखने एक बार आगरा अवश्य आते हैं। कई जोड़ों के हनीमून की शुरुआत ही यहीं से होती है। प्रेम के जीवंत प्रतीक ताजमहल के अलावा यहां लाल किला, रामबाग और कीथम झील जैसे कई अन्य आकर्षण भी हैं। शहर के व्यस्त बाजार भी पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं। आगरा के खेरिया एयरपोर्ट पर देश की लगभग सभी एयरलाइनों की सेवाएं उपलब्ध हैं। देश के सभी भागों से यह रेल सेवाओं से जुड़ा है और राजधानी व शताब्दी एक्सप्रेस के साथ ही यहां पैलेस ऑन व्हील्स भी रुकती है। देश के सभी राज्यों से लक्जरी या रोडवेज की बसें भी यहां आती हैं।
हिमाचल का सौंदर्य
शिमला: नवविवाहितों को सबसे ज्यादा आकर्षित करता है हिमाचल प्रदेश। शिमला इसका पहला पड़ाव है। यहां आने के लिए सबसे उपयुक्त समय नवंबर से फरवरी तक है। शिमला आने के लिए दिल्ली से शुरुआत करना बेहतर रहता है। कालका से शिमला तक 107 सुरंगों से गुजरते हुए भाप इंजन वाली रेलगाड़ी का सफर अनूठा अनुभव होता है। दिल्ली से अर्चना एयरवेज व जगसन एयरवेज के विमान शिमला ठहरतेहुए हिमाचल में आगे जाते हैं। शिमला पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा भी जुड़ा हुआ है। यहां जाने के लिए बसें हर वक्त मिलती हैं।
कुफरी: शिमला से मात्र 19 किमी दूर स्थित कुफरी बेहद रमणीय पर्वतीय स्थल है। यहां आने के लिए बसें व टैक्सियां हमेशा मिलती हैं। यहां दर्शनीय स्थलों में माश्रु चोटी, हिमालयन नेशनल पार्क, इंदिरा टूरिस्ट पार्क और छह किमी दूर स्थित फागू प्रसिद्ध हैं।
मनाली:
नवविवाहितों के लिए मनाली सपनों का शहर साबित होता है। यहां पर्वतों से घिरे प्रकृति के मनोरम दृश्य मंत्रमुग्ध कर देते हैं। मनाली के आसपास के स्थानों में वशिष्ठ झरना, जगत्सुख, अर्जुन गुफा, व्यास कुंड व रोहतांग पास विशेष रूप से उल्लख्य हैं। मनाली आने के लिए यहां से 52 किमी दूर भुंटर में एक हवाई अड्डा है। यहां से बस या टैक्सी द्वारा मनाली पहुंचा जा सकता है। यहां से पास का रेलवे स्टेशन 166 किमी दूर जोगिंदरनगर है। शिमला सहित हिमाचल के सभी प्रमुख स्थानों से मनाली के लिए बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
कुल्लू: मनाली से 40 किमी दूर है कुल्लू घाटी। कुल्लू के दशहरे के अलावा यहां स्थित रघुनाथजी मंदिर, बिजली महादेव मंदिर, पार्वती घाटी व मणिकर्ण और देवटिब्बा भी दर्शनीय हैं। कुल्लू आने के लिए भी वही सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं जो मनाली के लिए हैं।
धर्मशाला: धौलाधर हिमश्रृंखला की पृष्ठभूमि में प्राकृतिक दृश्यावलियों की स्काईलाइन वाले कांगड़ा जिले का मशहूर शहर है धर्मशाला। यहां के दर्शनीय स्थलों में कोतवाल बाजार का कांगड़ा आर्ट म्यूजियम, वार मेमोरियल, कुणाल पथरी का मंदिर, सेंट जोन्स चर्च, लिटिल ल्हासा के नाम से प्रसिद्ध दलाई लामा का आवास मैकलियोडगंज, डल लेक व चिन्मय तपोवन प्रसिद्ध हैं। सबसे निकट का एयरपोर्ट 13 किमी दूर गग्गल में है और रेलवे स्टेशन 85 किमी दूर पठानकोट है। 17 किमी दूर स्थित कांगड़ा से ट्वॉय ट्रेन भी यहां के लिए चलती है। पठानकोट से धर्मशाला तक बस से पहुंचा जा सकता है। दिल्ली से चंडीगढ़, कीरतपुर व बिलासपुर होते हुए बसों के अलावा टैक्सी से भी आया जा सकता है।
चंबा: पर्वतीय कस्बा चंबा हमेशा से पर्यटकों का दिल लुभाता रहा है। आसपास के दर्शनीय स्थलों में कतासन देवी का मंदिर, जामवार, साहो, सलोनी, भांदल घाटी और पांगी घाटी शमिल हैं। चंबा के निकट का रेलवे स्टेशन पठानकोट है। यहां से और दिल्ली से बसें और टैक्सियां भी चंबा के लिए मिलती हैं।
डलहौजी : पांच पर्वतों से घिरा डलहौजी नवविवाहितों के आकर्षण का केंद्र है। यहां के दर्शनीय स्थलों में सुभाष बावली का झरना, सातधारा झरना, पंजपुल्ला, झांदरी घाट व दैनकुंड चोटी शामिल हैं। सबसे निकट का रेलवे स्टेशन 0 किमी दूर पठानकोट है। बसों व टैक्सियों से भी यहां पहुंचा जा सकता है।
कश्मीर की वादियां
पटनीटॉप: कश्मीर की हरी-भरी वादियां हनीमून के लिए हॉट स्पॉट रही हैं। कश्मीर में हनीमून मनाने को इच्छुक अधिकतर जोड़े अब पटनीटॉप जाना पसंद करते हैं। यहां चीड़ के घने जंगलों वाली हरी-भरी वादियां और हिमाच्छादित पर्वत शिखर कश्मीर के सौंदर्य का एहसास कराते हैं। शांत हिल स्टेशन पटनीटॉप हर मौसम के लिए आदर्श हनीमून स्थल है। यहां और आसपास के दर्शनीय स्थलों में ठंडे पानी के तीन झरने, शुद्ध महादेव और शिवगढ़ व सानासर खास तौर पर प्रसिद्ध हैं। इंडियन एयरलाइंस दिल्ली, अमृतसर, चंडीगढ़ और श्रीनगर से जम्मू के लिए विमान सेवाएं चलाती है। उत्तर रेलवे की जम्मू-तवी एक्सप्रेस और अन्य एक्सप्रेस ट्रेनें पर्यटकों को जम्मू रेलवे स्टेशन तक पहुंचाती हैं। जम्मू से बस व टैक्सी द्वारा पटनीटॉप पहुंचा जा सकता है। अमृतसर, चंडीगढ़, दिल्ली, कटरा, श्रीनगर व मनाली से जम्मू के लिए बसें भी चलती हैं।
कला के रूप
खजुराहो: खजुराहो का आकर्षण हर जोड़े को अपनी ओर खींचता है। एक हजार साल पहले चंदेल राजाओं ने जीवन, आनंद और रचनात्मकता के प्रस्तर पर उत्कीर्ण प्रतीकों से सज्जित 85 मंदिरों का निर्माण कराया था। सभी मंदिरों को पूरा होने में सौ साल का समय लगा। इनमें मात्र 22 मंदिर ही शेष हैं। खजुराहो में बिखरा जीवन का उत्सव विदेशियों को भी समान रूप से आकर्षित करता है। खजुराहो के लिए दिल्ली, आगरा व वाराणसी से रोज बोइंग 737 की उड़ान है। निकट के रेलवे स्टेशन हरपालपुर 94 किमी और महोबा 61 किमी दूर हैं। 172 किमी दूर झांसी से ज्यादातर प्रमुख रेलसेवाएं जुड़ी हैं। सतना, ग्वालियर, आगरा जबलपुर और भोपाल से खजुराहों के लिए बसें भी उपलब्ध हैं।
पचमढ़ी: हरे-भरे पर्वतों से भरपूर पचमढ़ी को मध्य प्रदेश का रत्न कहा जाता है। साल और बांस के घने वन इसके सौंदर्य को कई गुना बढ़ाते हैं। महादेव पहाडि़यों पर स्थित गुफाएं व उन पर उत्कीर्ण हजारों वर्ष पुराने चित्र यहां विशेष आकर्षण हैं। निकट का हवाई अड्डा भोपाल है, जहां दिल्ली, ग्वालियर, इंदौर व मुंबई से कई उड़ानें आती हैं। भोपाल और होशंगाबाद, नागपुर, पिपरिया और छिंदवाड़ा से पचमढ़ी के लिए बसें हमेशा उपलब्ध रहती हैं।
खुशनुमा मौसम कर्नाटक का
बंगलूर: आईटी सिटी के नाम से प्रसिद्ध शहर बंगलौर वर्षभर अपने खुशनुमा मौसम के कारण हनीमून के लिए पसंदीदा स्थल बना रहता है। यहां के मुख्य दर्शनीय स्थलों में बुल टेंपल, विधानसभा, टीपू का महल शामिल हैं। यहां से 28 किमी दूर मैसूर रोड पर स्थित पिकनिक स्पॉट रामोहल्ली, 140 किमी दूर स्थित महलों का शहर मैसूर और 194 किमी दूर स्थित हासन भी देखने लायक जगहें हैं। हासन से कुछ दूरी पर बेलूर, हालेबिद और श्रावणबेलागोला हैं। भारत की सिलिकॉन वैली के नाम से दुनियाभर में प्रसिद्ध बंगलौर के एयरपोर्ट पर देश की सभी प्रमुख घरेलू एयरलाइनों के अलावा अंतरराष्ट्रीय उड़ानेंभी आती हैं। बंगलौर सिटी व बंगलौर कैंट नाम के दो रेलवे स्टेशनों पर देश के सभी प्रमुख शहरों से होकर ट्रेनें आती हैं। कर्नाटक की राजधानी बंगलूर तक सड़कमार्ग से पहुंचना भी आसान है।
ऊटी : दक्षिण का सर्वाधिक लोकप्रिय हिल स्टेशन ऊटी कर्नाटक में ही है। यहां के दर्शनीय स्थलों में बॉटैनिकल गार्डेन, लेक व्यू, मिनी गार्डेन, आर्ट गैलरी और रोज गार्डेन प्रमुख हैं। आसपास के आकर्षणों में यहां से 10 किमी दूर डोडाबेटा, नीलगिरी क्षेत्र का दूसरा हिल स्टेशन कोनूर, 28 किमी दूर स्थित नीलगिरी क्षेत्र का सबसे पुराना हिल स्टेशन कोटागिरी, 40 किमी दूर मुक्कुर्थी चोटी व मुक्कुर्थी नेशनल पार्क, 21 किमी दूर स्थित पाईकारा और 28 किमी दूर एवलांचे झील उल्लेखनीय हैं। ऊटी पहुंचने के लिए बंगलूर से लक्जरी कोच व टैक्सी सुविधा हमेशा उपलब्ध रहती है।
कोडईकनाल: नीलगिरी क्षेत्र में स्थित कोडईकनाल को हिल स्टेशनों की राजकुमारी भी कहा जाता है। मदुरई से 120 किमी दूर स्थित कोडईकनाल के दर्शनीय स्थलों में शेंबगनूर म्यूजियम, कुरिंजी अंदावर मंदिर, कोडई झील, ब्रायंट पार्क और सोलर फिजिक्स ऑब्जरवेटरी प्रमुख हैं। आसपास के आकर्षणों में यहां से 7 किमी दूर स्थित गुफाओं से भरपूर पिलर रॉक, 8 किमी दूर सिल्वर कास्केड वाटरफाल, 64 किमी दूर स्थित पलानी जहां 650 सीढि़यों वाला भगवान मुरुगन का मंदिर है और इंदिरा गांधी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी है। यहां से सबसे नजदीक का एयरपोर्ट 120 किमी दूर मदुरई व सबसे निकट का रेलवे स्टेशन 80 किमी दूर कोडई रोड रेलवे स्टेशन है। इसके अलावा कर्नाटक के सभी प्रमुख शहरों से कोडईकनाल के लिए लक्जरी बसें व टैक्सी सुविधा भी उपलब्ध है।
चोटियां हिमालय की
दार्जिलिंग: हिमालय की गोद में बसा यह खूबसूरत शहर कोलकाता के उत्तर में स्थित है। कंचनजंघा की भव्यता इस शहर को अद्भुत गरिमा प्रदान करती है। एवरेस्ट यहां से मात्र 140 किलोमीटर दूर है और यदि आसमान साफ रहे तो एवरेस्ट की चोटी को यहीं से स्पष्ट देखा जा सकता है। विभिन्न बौद्ध मठ और रंग-बिरंगे बाजार दार्जिलिंग को परियों के देश जैसी छवि प्रदान करते हैं। आसपास के दर्शनीय स्थलों में कलिम्पोंग, सिलिगुड़ी और कुर्सियांग प्रमुख हैं। इसके अलावा दार्जिलिंग से 49 किमी दूर स्थित एक नया हिल स्टेशन मिरिक, ऑब्जरवेटरी हिल, सिंगलीला रेंज ट्रेक और टाइगर हिल भी विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। दार्जिलिंग जितना खूबसूरत है यहां तक पहुंचने के लिए की गई रेल यात्रा भी उतनी ही आकर्षक है। उत्तर कोलकाता के सियालदाह रेलवे स्टेशन से दार्जिलिंग मेल शाम को अपना सफर शुरू करती है और रातभर चलने के बाद सुबह यह यात्रियों को न्यू जलपाईगुड़ी पहुंचा देती है। इसी के साथ हवा में हरी चाय की पत्तियों की खुशबू और माहौल में दार्जिलिंग के जादू का अहसास भी शुरू हो जाता है। सड़क मार्ग से दार्जिलिंग पहुंचने के लिए कोलकाता से लक्जरी कोच व टैक्सी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। विवाहित जीवन की सुखद शुरुआत के लिए सबसे रोमांटिक रस्म है हनीमून। ज्यादातर भारतीय अभी भी अरेंज मैरिज में विश्वास रखते हैं। ऐसे में एक-दूसरे को जानने-समझने के लिए हनीमून से बेहतर मौका नहीं होता। सात फेरे पूरे होते ही हर नवविवाहित जोड़ा एक-दूसरे का संपूर्ण सामीप्य प्राप्त करने के लिए एक परफेक्ट हनीमून के ख्वाब देखने लगता है।
हनीमून को परफेक्ट बनाने के लिए यात्रा योजना या ट्रेवल प्लान को सावधानी के साथ तैयार करना महत्वपूर्ण होता है। एक-दूसरे के संग जीवन की शुरुआत करने वाली इस पहली यात्रा को परफेक्ट बनाने के लिए जगह चुनते समय स्थानीय संस्कृति, मौसम व अपनी जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए। बेहतर होगा कि इस संदर्भ में सभी फैसले दोनों साथ मिलकर करें। इन दिनों कई ट्रेवल एजेंसियां हनीमून ट्रिप्स आयोजित करती हैं। इसके तहत हवाई या रेल टिकटें तथा होटल या रिसॉर्ट्स में सूट पहले से बुक करा दिए जाते हैं। यात्रा की पूरी जिम्मेदारी एजेंसी की होती है। इससे हनीमून पर गए जोड़े को एक अलग तरह की निश्चिंतता मिलती है, जो जरूरी भी है। वैसे ट्रेवल एजेंसियां देश-विदेश में कई जगहों के लिए हनीमून ट्रिप्स आयोजित करती हैं और हर जगह के लिए अलग-अलग दरें हैं। भारत के हनीमून स्पॉट्स के लिए आम तौर पर 10 से 60 हजार रुपये लगते हैं। अगर आप किसी ट्रेवल एजेंसी के मार्फत हनीमून पर जा रहे हों, तो उसके बारे में पर्याप्त जानकारी भी जरूर हासिल कर लें।