लहरों से खेलना हो तो करें

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कैनोइंग एवं कयाकिंग

रोमांच व मस्ती से भरपूर एडवेंचर खेलों में कैनोइंग एवं कयाकिंग तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। भारत में कई झीलें, नदियां व समुद्रतट इनके अड्डे बन रहे हैं। पानी के इस रोमांचक खेल के अभ्यास के लिए एक खास तरह की छोटी नाव की जरूरत होती है। यह नाव दोनों तरफ से नुकीली होती है। कैनोइज ऊपर से खुली होती हैं, जबकि कयाक्स में व्यक्ति के बैठने की जगह छोड़कर शेष भाग बंद होता है। व्हाइट वाटर राफ्टिंग का शौक रखने वाले लोग इन नावों को तेज धार वाली नदियों पर चलाने के लिए लकड़ी या रबर के ब्लेडों का प्रयोग करते हैं।

व्हाइट वाटर कयाकिंग में कयाकर अपनी नावों को दो धार वाले ब्लेडयुक्त पैडल से चलाते हैं। यह खेल तेजधार या बहते पानी में खेला जाता है। कयाकर्स अपनी सुरक्षा के लिए वाटरप्रूफ कपड़े व हेलमेट का प्रयोग करते हैं। कैनोइस्ट और कयाकर्स अपनी नावों को पानी में पैडल्स से चलाते हैं। कैनोइंग के लट्ठे लकड़ी, एल्युमीनियम या फाइबरग्लास, शाफ्ट से बने होते हैं, जिनकी लंबाई एक मीटर होती है। शाफ्ट की हैंडल टी आकार की होती है। कैनोइस्ट पैडल शाफ्ट पर एक हाथ ब्लेड से ऊपर रखता है तथा दूसरे हाथ से हैंडल पकड़ता है। नाव चलाने के लिए कैनोइस्ट को उसमें बैठकर पैडल ब्लेड को पानी में डालना होता है। इसके बाद वह अपने शरीर को हल्का सा आगे झुकाकर शाफ्ट को पीछे खींचता है, जिससे एक स्ट्रोक पूरा होता है और अगला स्ट्रोक शुरू भी हो जाता है। कयाक्स के पैडल टेढ़े चम्मचनुमा होते हैं, जबकि उसके ब्लेड शाफ्ट के दोनों तरफ लगाए जाते हैं। कयाकर नाव में बैठकर शाफ्ट को दोनों हाथों से पकड़ लेता है तथा कैनोइस्ट की तरह ही खेल शुरू करता है, पर कयाक्स कीशाफ्ट में दोनों तरफ ब्लेड लगे होने से खिलाड़ी दोनों तरफ से नाव  चला सकता है।

होती हैं प्रतियोगिताएं भी

इस खेल की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। इसमें अकेला खिलाड़ी या उसकी पूरी टीम नियत दूरी पार करती है। यह खेल अमेरिका, फ्रांस, इटली तथा जर्मनी में ज्यादा खेला जाता है। भारत में गोवा, कर्नाटक तथा केरल के सुमुद्रतट इस खेल के उपयुक्त स्थान हैं। यहां कई बीच रिसॉर्ट अपने पैकेज में इस रोमांचक खेल को शामिल रखते हैं। उत्तरांचल में ऋषिकेश और डाक पत्थर इसके लिए सही जगहें हैं। वैसे कॉर्बेट नेशनल पार्क क्षेत्र में बहने वाली नदी रामगंगा में भी कयाकिंग की सुविधाएं हैं। कश्मीर में तो अब बाकायदा कयाकिंग-कैनोइंग टूर्नामेंट ही होता है।

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