जैकी को गोवा में मिलती है शांति

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पर्यटन, घूमना-फिरना हर इंसान  पसंद करता है। मुनष्य कभी एक जगह टिक नहीं सकता। कभी कामकाज के सिलसिले में तो कभी मौज-मस्ती के लिए उसे घूमना अच्छा लगता है। हम फिल्म कलाकारों को घूमने-फिरने के मौके अधिक मिलते हैं। स्विटजरलैंड जैसे परियों के देश में शूटिंग हो तो कौन नहीं जाना पसंद करेगा? घूमना-फिरना यदि महज पर्यटन के लिए हो तो मुझे अपने परिवार के साथ जाना ही अच्छा लगता है। शूटिंग के लिए जाना हो तो बात अलग है। अपनी पत्नी आएशा, बेटी कृष्णा और बेटे टायगर को वैसे तो मैं पूरी दुनिया घुमा लाया हूं, लेकिन दो मर्तबा विदेश घूमने के बाद हम संतुष्ट हैं।

घूमने के लिए हम हमेशा विदेशों की ही राह नहीं पकड़ते हैं, जो अपनापन और संस्कृति का जो रंग-रस यहां है दुनिया के किसी कोने में नहीं है। जब भी हम रिफ्रेश होना चाहते हैं, साल में एक बार गोवा जरूर जाते हैं। आएशा और बच्चों को वहां मछली चावल खाना बेहद भाता है। गोवा के बीच भी काफी साफ-सुथरे हैं। बच्चे वहां हमारी निगरानी में तैरते व खेलते हैं। मुंबई से हवाई जहाज से दो घंटे में आप गोवा पहुंचते हैं, यह बात भी सुविधाजनक है। दो साल पहले आएशा ने फिल्म ‘बूम’ का निर्माण किया था, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह असफल हुई यह बात अलग है लेकिन इस मल्टीस्टारर फिल्म का निर्माण करना बड़ा ही पेचीदा काम था। आएशा शारीरिक और मानसिक रूप से थक चुकी थी। उसे मैं जबरदस्ती गोवा ले गया, क्योंकि मुझे और उसे अगर कहीं सुकून मिलता है तो वहीं।

अपनी बात करूं तो मुंबई में कुछ दूरी पर कर्जत लोनावाला के बीचोबीच हमारा फार्म हाउस है। यहां मैं ऑर्गेनिक फार्मिग करता हूं। यह जगह भी हम सभी को बेहद प्रिय है। हर 10-15 दिन में एक ही दिन के लिए सही, पर मैं यहां जरूर आता हूं। अपने घर में जो सुख-शांति मिलती हैं, कहीं और नहीं मिल सकती। लगता है धरती पर कहीं स्वर्ग है तो बस यहीं है। आमिर खान अभिनीत फिल्म ‘गुलाम’ का गीत याद दिलाता हूं, ‘आती है क्या खंडाला..’   यही खंडाला मेरे लिए स्वर्ग समान है। खंडाला मुंबई से बाइ रोड सवा घंटे के रास्ते पर बसा एक छोटा सा और प्यारा हिल स्टेशन है। मेरी दृष्टि से यहां की ग्रीनरी में जो सुंदरता है, कहीं और नहीं है।

खंडाला वर्षा ऋतु में सबसे ज्यादा लुभावना

सच कहूं तो खंडाला आम आदमी के लिए स्विटजरलैंड से बढ़कर है। मुझे खंडाला का रूप वर्षा ऋतु में सबसे ज्यादा लुभावना लगता है। हरे-भरे पेड़ हर कदम पर पहाड़ों से गिरने वाले झरने, बारिश में भी नजर आता है यहां इंद्रधनुष। बारिश में खंडाला की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। सभी ओर खिले रंग-बिरंगे फूलों की खूबसूरती और भीनी-भीनी खुशबू किसी को भी आकर्षित किए बिना नहीं रह सकती। मैं खंडाला की खूबसूरती के बारे में जो कहूं, जितना कहूं उतना ही कम है। साल के बारहों महीने यहां मौसम खुशगवार रहता है। यहां घूमने-फिरने के लिए टैक्सी या कार की जरूरत नहीं। पगडंडियों पर घूमते हुए आप ढाबे पर अदरक की मसालेदार चाय पीकर और गर्मागर्म कांदा-भाजियां, लाल चटनी का स्वाद लेकर दुनिया भूल जाएंगे।

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