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ब्रिटेन से हमारा खास नाता रहा है। लेकिन ब्रिटेन को भारत से ज्यादा से ज्यादा सैलानियों की दरकार है। इसीलिए वह अपने यहां आने वाले हिंदुस्तानी सैलानियों को ज्यादा से ज्यादा सहूलियतें देने में लगा है।
ब्रिटेन का पर्यटन उद्योग 140 अरब पाउंड का है। साल 2007 में वहां 3.28 करोड़ विदेशी सैलानी आए थे जिन्होंने 16 अरब पाउंड खर्च किए। 2008 में ब्रिटेन जाने वाले सैलानयों की संख्या में 2-3 फीसदी ही वृद्धि हुई। बिजनेस यात्रियों की संख्या जहां कम हुई, वहीं छात्रों की संख्या बढ़ी ।
दुनिया के पर्यटन बाजार में इस लिहाज से ब्रिटेन छठे नंबर पर है। ब्रिटिश पर्यटन अथॉरिटी जो अब विजिट ब्रिटेन के नाम से जानी जाती है, का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को ब्रिटेन घुमाने ले जाया जाए और इस तरह भारतीयों द्वारा किए जा रहे खर्च को बढ़ाया जाए। उसका यह भी मानना है कि पारंपरिक संबंधों के कारण ब्रिटेन जाना भारतीयों की तीन सबसे बड़ी ख्वाहिशों में से एक रहती है। हालांकि मौजूदा आर्थिक हालात इसके लिए प्रतिकूल स्थितियां खड़ी करते हैं लेकिन फिर एक यही तर्क यह भी दिया जाता है कि ऐसे ही हालात में लोगों को घूमने के लिए ज्यादा सस्ते पैकेज मिल जाते हैं।
ट्रैवल उत्पादों के लिए ऑनलाइन बिक्री
विजिट ब्रिटेन ने अपने ट्रैवल उत्पादों के लिए ऑनलाइन बिक्री भी शुरू की है। इसमें ब्रिटेन जाने वालों के लिए परिवहन सुविधाओं के टिकट, लंदन आई, तुसाद म्यूजियम के टिकट, ओएस्टर कार्ड, लंदन पास वगैरह। इनमें से कई अब तक ब्रिटेन के बाहर उपलब्ध नहीं थे। ऑनलाइन बिक्री की साइट स्थानीय भाषा (हिंदी, वगैरह) में भी है और उस पर स्थानीय मुद्रा यानी रुपये में भुगतान किया जा सकता है। जाहिर है कि घूमने जाने वालों के लिए इसके कई फायदे भी हैं। सबसे प्रमुख तो विदेशी मुद्रा की बचत है। विदेश में काफी खर्च टिकटों वगैरह पर होता है। विदेशी मुद्रा खरीदने और फिर बेचने में हर बार शुल्क भी देना होता है। यह सब कुछ बच जाता है। और तो और भुगतान भी इन सब की घर पर डिलीवरी के बाद किया जा सकता है। इसके अलावा ब्रिटेन जाकर टिकटों की कतार में लगने का समय व श्रम बच जाता है। इतना सब कुछ हो जाए तो यकीनन आप अपने सफर की बेहतर प्लानिंग कर सकते हैं।
माई गाइड टू ब्रिटेन
इसके अलावा विजिट ब्रिटेन ने एक और पहल की है। इसमें ब्रिटेन जाने के लिए वीजा का आवेदन करने वाले हर व्यक्ति को (भले ही उसे वीजा मिले या न मिले) माई गाइड टू ब्रिटेन नाम से पुस्तिका दी जाती है जिसमें ब्रिटेन के बारे में सारी शुरुआती जानकारियां दी गई हैं। रोचक बात यह है कि ब्रिटेन के लिए वीजा का आवेदन करने वालों में से 80 फीसदी वीजा पाने में कामयाब रहते हैं। लिहाजा उन सभी के लिए यह गाइड बेहद काम की साबित होगी। पिछले पांच सालों में ब्रिटेन के लिए भारतीय वीजा आवेदकों की संख्या दोगुनी हो गई है। वीजा सेंटर भी अब कुल 11 हैं। ब्रिटेन जाने वाले सैलानियों में भारतीयों का स्थान 11वां है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में यह तीसरा है। लेकिन खर्च के मामले में भारतीय एशिया प्रशांत क्षेत्र में अव्वल हैं। भारतीयों के वहां रुकने की औसत अवधि 26 दिन है और यह रैंकिंग में शीर्ष पांच में शामिल है। भारतीय वहां अपनी हर यात्रा पर औसतन 940 पाउंड खर्च करते हैं।