

- Round Trip
- One Way


![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
Select Your Theme
Number of Guest
Specify ages of children at time of travel:
मुख पृष्ठ » उत्तर भारत » उत्तराखण्ड » चंबा »
मैदानी भागों में तपिश चरम पर है और बच्चों के स्कूल भी खुलने को हैं। जो लोग रह गए, वे बचे हुए समय में कहीं न कहीं निकलने की योजना बना रहे होंगे। आप लोगों के पास हिल स्टेशनों की एक लंबी चौड़ी लिस्ट होगी। लेकिन कई लोग इस संशय में होंगे कि ये हिल स्टेशन उनकी जेब के मुताबिक मुफीद होंगे या नहीं। खैर कोई बात नहीं, यदि आप सीमित बजट में खूबसूरत हिल स्टेशन की सैर करना चाहते हैं तो पैक कीजिए अपना सामान और बिना किसी झिझक के चले आइए चंबा।
आम तौर पर चंबा का नाम आते ही लोगों के जेहन में हिमाचल की ही तस्वीर उभर कर सामने आती है, लेकिन यदि आप उत्तराखंड आएं तो यहां भी आप चंबा के दर्शन कर सकते हैं। इस चंबा की खूबसूरती भी देखते ही बनती है। फर्क सिर्फ इतना है कि हिमाचल का चंबा पर्यटन के नक्शे पर अपना मुकाम बना चुका है जबकि उत्तराखंड में स्थित चंबा अभी अपनी जगह बनाने की कोशिश में है।
मनोहारी पर्यटन स्थल
मसूरी, ऋषिकेश, नई टिहरी, धरासू और उत्तरकाशी की सड़कों के बीच स्थित चंबा छोटा किंतु मनोहारी पर्यटन स्थल है। गंगोत्री जाने वाले पर्यटक और तीर्थयात्रियों को चंबा के दर्शन करने का मौका मिलता है। देवदार और बुरांश के घने जंगलों के बीच चंबा प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग सरीखा है क्योंकि हिमालय के सभी शिखरों को चंबा के आसपास से आप आसानी से देख सकते हैं। बंदरपुंछ और भागीरथी शिखरों के दृश्य हर किसी को लुभाते हैं। गर्मी में जंगली गुलाब, जलीय पौधे और मौसमी फल यहां बहुतायत में मिलते हैं। चंबा मौसमी फलों के लिए भी मशहूर है क्योंकि यहां का एक इलाका फल पट्टी के रूप में जाना जाता है। वन्य प्रेमियों के लिए भी ये क्षेत्र एक आदर्श स्थान है। लंगूर, जंगली बिल्ली, लोमड़ी, खरगोश के अलावा चंबा के इर्द गिर्द के क्षेत्रों में काले भालू भी देखने को मिलते हैं। टिहरी झील के बनने से इस स्थान का आकर्षण कुछ ज्यादा ही बन गया है क्योंकि टिहरी की झील यहां से ज्यादा दूर नहीं है।
चंबा बर्ड वाचिंग के शौकीनों के लिए भी एक आदर्श स्थान है। बिना किसी दूरबीन की सहायता के अलग-अलग तरह के पक्षियों को करीब से निहारना ही चंबा की सबसे बड़ी खासियत है। इस छोटे से कस्बे के इर्द गिर्द के इलाकों में हडियाल, कबूतर, कस्तूरिका, बकवादी पक्षी और कठफोड़वा सामान्य रूप में पाए जाते हैं। चंबा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि मसूरी और टिहरी जैसे हिल स्टेशनों के बहुत करीब होते हुए भी इस छोटे से शांत कस्बे ने अपने ग्रामीण परिवेश को आज भी संजो रखा है। यही वजह है जब सैलानी यहां पहुंचते हैं तो उन्हें शहर के कोलाहल से कुछ समय के लिए शांति और सुकून मिलता है। चंबा उन जगहों में एक है जहां आप आसानी से कुछ दिन बिता सकते हैं। सूर्यास्त का नजारा भी यहां से विस्मयकारी है।
बागेश्वर मंदिर
यहां का बागेश्वर मंदिर भी आकर्षण का केंद्र है। मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। इस मंदिर में स्थापित लिंग पौराणिक और स्वयंभू है। चंबा और इसके आसपास देखने योग्य कई अन्य जगहें भी हैं- प्राचीन सुरकंडा देवी मंदिर यहां से एक घंटे में पहुंचा जा सकता है तो नई टिहरी जैसा खूबसूरत मास्टर प्लान शहर यहां से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर है जहां से टिहरी बांध और वहां फैलाव लिए हुए झील को आसानी से देखा जा सकता है। घने देवदार वृक्षों के बीच खूबसूरत धनोल्टी भी यहां से बहुत करीब है। धनोल्टी का आर्कषण पर्यटकों को लुभाता है। चंबा के नजदीक ही रानीचौरी नामक स्थान है जहां पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय का कैंपस लोगों के आकर्षण का केंद्र है।
फूलों की वाटिका
कृषि वैज्ञानिकों की बनाई फूलों की वाटिका यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को लुभाती है, साथ ही यहां पर अंगूरा ऊन का केंद्र भी है जहां दूर-दूर से लोग पहुंचकर अंगूरा ऊन खरीदते हैं। सुंदर मौसम और आसपास के मनोहारी दृश्य इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल बनाने के लिए काफी हैं। चंबा छुट्टियां बिताने के लिए उन आरामदायक स्थानों में से एक है जहां पहुंचकर आप अद्भुत शांति प्राप्त कर सकते हैं। देवदार, बांज व बुरांश के पेड़ और इनसे बहने वाली ठंडी हवाएं और मनोरम दृश्य यहां पहुंचने वालों को आकर्षित करते हैं।
देहरादून का जौली ग्रांट निकटतम हवाई अड्डा है। हरिद्वार या ऋषिकेश नजदीकी रेलवे स्टेशन है। देश के किसी भी कोने से आप हवाई या रेल मार्ग के जरिए इन स्थानों पर पहुंच सकते हैं। इसके बाद चंबा तक बस या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है। हरिद्वार से चंबा करीब 92 किलोमीटर और ऋषिकेश से 62 किलोमीटर की दूरी पर है। मसूरी से चंबा की दूरी 105 किलोमीटर है। गर्मियों में यहां का तापमान 15 से 30 डिग्री और जाड़ों में 8 से 15 डिग्री सेंटीग्रेड के करीब होता है।
कहां ठहरें
यूं तो चंबा में गढ़वाल मंडल विकास निगम का पर्यटक आवास गृह भी है लेकिन अब इस कस्बे ने अपना आकार बढ़ा लिया है और जब से गंगोत्री और यमुनोत्री आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है तब से यहां छोटे-छोटे होटल भी खुल गए है, जो पर्यटकों को आसानी से सस्ते दामों पर मिल जाते हैं। कुल मिलाकर चंबा हर किसी की जेब के लिए मुफीद हिल स्टेशन है जहां आप आसानी से कुछ दिन फुर्सत से बिता सकते हैं, बिना किसी टेंशन के।