अतीत से संवाद का देश: इजिप्ट

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अतीत के जीवंत रूप तो बहुत जगह देखे जा सकते हैं, लेकिन उससे संवाद करना यदि कहीं संभव है तो वह सिर्फ इजिप्ट में। इजिप्ट जिसकी चर्चा भारत के इतिहास में मिस्त्र नाम से आती है और दुनिया भर में लोग इसे पिरामिडों के लिए जानते हैं। इसके अलावा भी यहां बहुत कुछ है। मुस्लिम बहुल होने के बावजूद यहां कई अन्य संप्रदायों के अत्यंत प्राचीन मंदिर हैं। नील नदी की घाटी में पक्षी विहार हैं। आप एडवेंचर स्पो‌र्ट्स के शौकीन हों तो लाल सागर स्कूबा डाइविंग कर सकते हैं।

कैरो की यादगार विरासत

वैसे आम तौर पर जिसकी खोज में लोग यहां आते हैं, वह यहां की अत्यंत प्राचीन सभ्यता ही है। पांच हजार साल से भी ज्यादा पुरानी यहां की सभ्यता को अगर आप देखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको मुख्य रूप से तीन शहरों-कैरो, आसवां व अलेक्जेंड्रिया की यात्रा करनी होगी। चाहें तो लक्सर व अबू सिंबेल भी जा सकते हैं। आम तौर पर यहां भ्रमण की शुरुआत कैरो से की जाती है। यहां का प्रमुख हवाई अड्डा कैरो में होने से विदेशी पर्यटक पहले पहुंचते ही यहीं हैं। पुराने जमाने में यही यहां का सबसे बड़ा शहर था। कैरो को घूमने की दृष्टि से आप चार हिस्सों में बांट सकते हैं।

इसके पहले भाग यानी फराओनिक कैरो में ही द ग्रेट पिरामिड है। दुनिया के सात आश्चर्यो में एक राजा चेयॉप के इस पिरामिड का निर्माण 2650 ई.पू. में हुआ था। यहां मेंफिस, द स्फिंक्स, स्टेप पिरामिड व म्यूजियम भी देखने लायक हैं। दूसरे हिस्से कॉप्टिक कैरो में हैंगिग चर्च देख सकते हैं। चौथी सदी में बने इस चर्च को अल मोलक्का नाम से जाना जाता है। तीसरा पक्ष इसलामिक कैरो का है, जिसे सलाह अल दीन के लिए खास तौर से जाना जाता है। 1176 से 1182 के बीच मोकत्तम की पहाडि़यों पर बने इस किले की प्राचीरों से आप कैरो शहर का विहंगम दृश्य देख सकते हैं। कैरो का चौथा रूप इसके बाजारों और नाइटलाइफ का है, जो किसी को भी आकर्षित करने में सक्षम हैं।

नील नदी की सुंदरता

कैरो में एक-दो दिन घूमने के बाद बेहतर होगा कि आसवां जाएं। दक्षिणी इजिप्ट के इस शहर पर अफ्रीकी जीवनशैली का पर्याप्त प्रभाव देखा जा सकता है। नील नदी घाटी की प्राकृतिक सुंदरता आप यहां खूब देख सकते हैं। घूमने की शुरुआत आप एलफेंटाइन द्वीप से कर सकते हैं।  इस द्वीप पर देखने लायक कई संग्रहालय हैं। यहां एक और द्वीप पर कई प्राचीन मंदिरों के अवशेष हैं। गिलिका द्वीप पर प्राचीन धार्मिक चिन्ह देख सकते हैं। मुख्य शहर में संग्रहालय, कलबशा, कोम-ओंबो तथा इदफू के मंदिर दर्शनीय हैं।

शहर क्लियोपेट्रा का

इजिप्ट का दूसरा सबसे बड़ा शहर अलेक्जेंड्रिया है। माहौल व सांस्कृतिक विरासत दोनों ही दृष्टियों से यह देश के अन्य शहरों से बहुत भिन्न है। इस शहर की स्थापना 331 ई.पू. में अलेक्जेंडर द ग्रेट ने की थी। चर्चित सुंदरी व साम्राज्ञी क्लियोपेट्रा तथा मार्क एंटनी के संबंधों का गवाह भी यही शहर है। इसका मुख्य आकर्षण ग्रीको रोमन म्यूजियम है।

यहां 40 हजार से ज्यादा रोमन पुरावस्तुएं हैं। पंपेई पिलर, अंटोनियाडिस व शलालत के बागान तथा मुंतजा पैलेस के बाग भी दर्शनीय हैं।

लक्सर

प्राचीन सभ्यता के अवशेषों से भरा है। इसीलिए इसे दुनिया का सबसे बड़ा मुक्ताकाशी संग्रहालय कहते हैं। जबकि अबू सिंबेल शहर को मंदिरों के लिए जाना जाता है।

इजिप्ट में आपको खानपान के मामले में भरपूर विविधता मिलेगी। यहां के भोजन पर तुर्की की भोजन परंपरा का खूब प्रभाव देखा जा सकता है। स्वाद और गंध दोनों दृष्टियों से इनका भोजन मजेदार होता है। चूंकि यह सहस्त्राब्दियों से अफ्रीका और एशिया के बीच सेतु का काम करता रहा है, इसलिए इन दोनों महाद्वीपों के जायके का इस पर पूरा प्रभाव है।

मसालों का उपयोग यहां के भोजन में भरपूर होता है। भोजन चाहे मांसाहारी हो या शाकाहारी, टमाटर उसका अनिवार्य हिस्सा है। अलग-अलग व्यंजनों में यहां टमाटर का अलग-अलग तरह से इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह तहीनी सॉस का प्रयोग भी यहां लगभग हर व्यंजन के साथ होता है। पनीर व हरी सब्जियों का इस्तेमाल भी यहां के भोजन में खूब होता है। इसीलिए शाकाहारी लोगों को भी यहां खाने-पीने की कोई दिक्कत नहीं होती। कैरो व अन्य बड़े शहरों के कुछ रेस्तराओं में आपको भारतीय व्यंजन भी मिल सकते हैं।

शॉपिंग के शौकीन लोगों के लिए तो इजिप्ट स्वर्ग ही है। यहां कैरो के विश्वप्रसिद्ध खाने-खलीली बाजार में आपको प्राचीन शैली की कलाकृतियों से लेकर आधुनिक ढंग के कपड़े तक सभी चीजें आसानी से मिल सकती हैं। 14वीं शताब्दी में स्थापित इस बाजार में आपको एक तरफ तो फेरी वाले और फुटपाथ पर दुकानें सजाए बैठे व्यापारी दिखेंगे तो दूसरी तरफ बड़े-बड़े आधुनिक एयरकंडीशंड मॉल भी यहां बहुतायत में हैं।

विदेशों से आए लोग यहां जो चीजें खरीदना पसंद करते हैं उनमें खाद्य मसाले, परफ्यूम तथा सोने और चांदी के जेवर प्रमुख हैं। इनके अलावा यहां कालीन, पीतल व तांबे के बर्तन, चमड़े की चीजें और कपड़े भी खरीदने लायक होते हैं। यहां ऊंटों का भी एक प्रसिद्ध बाजार है। कैरो का नाइटलाइफ भी दिलचस्प है।

कैसे पहुंचें

दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से कैरो के लिए सीधी उड़ानें हैं। इजिप्ट के शहरों के भीतर और आसपास की जगहें घूमने के लिए आपको आसानी से टैक्सियां मिल सकती हैं। सभी सेवाओं के रेट निश्चित होने से यहां कोई झिकझिक भी नहीं करनी पड़ती।

पासपोर्ट-वीजा

भारतीय लोगों के पास यहां आने के लिए वैध पासपोर्ट  होना चाहिए। वीजा भी आपको यहीं से लेकर जाना होगा, जो नई दिल्ली स्थित दूतावास से मिल सकता है। इसके पूर्वी हिस्से के रेगिस्तानी इलाकों में जाने के लिए वहां पहुंच कर अलग से परमिट लेना होता है।

कहां ठहरें

ठहरने के लिए प्राय: सभी शहरों में अच्छे होटल मिल सकते हैं।

फोटोग्राफी

यहां सभी सरकारी भवनों की फोटोग्राफी प्रतिबंधित है। कई ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों पर भी फोटोग्राफी मनाही है। फोटोग्राफी से पहले इन बातों का खयाल रखें।

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