कला-संस्कृति की अहमियत है इंग्लैंड में

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मेरी शादी सत्रहवें वर्ष में हो गई थी। शादी से पहले मुझे घूमने का कोई खास मौका नहीं मिला और न उसके तुरंत बाद ही मिल सका। पहले मैं पुणे में रहती थी और पढ़ाई-लिखाई में व्यस्त थी। संगीतकार अरुण पौडवाल से शादी हो जाने के बाद मैं पुणे से मंबई आ गई और फिर घर-गृहस्थी में रम गई। धीरे-धीरे मैं गायन के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने के प्रति गंभीर होने लगी। बाद में जब धीरे-धीरे मुझे ख्याति मिलने लगी तो घूमने के अवसर भी मिलने लगे। शायद इसीलिए अपने प्रोफेशन की वजह से ही मुझे लगभग पूरी दुनिया घूमने का मौका मिला। बहुत लोग पेशेवर यात्राओं को पर्यटन नहीं मानते, लेकिन मैं तो अपनी ऐसी ही यात्राओं को पर्यटन मानती हूं। गायन के सिलसिले में ही मुझे देश-विदेश घूमने का मौका मिला और उसी को मैं पर्यटन मानती हूं। इस तरह मैं जो कुछ भी घूम सकी उसमें मुझे इंग्लैंड और अमेरिका ने काफी प्रभावित किया।

विशालता और सुख-समृद्धि का देश

अमेरिका के एयरपोर्ट पर कदम पड़ते ही उस देश की विशालता और सुख-समृद्धि व खुशी आपको हर स्तर पर प्रभावित करती है। मेरी बेटी कविता लंबे अरसे तक न्यू जर्सी में पढ़ने के लिए रहती थी, तब उससे मिलने मैं वहां अक्सर जाया करती थी। खूबसूरती और प्राकृतिक सुंदरता के दृष्टिकोण से मुझे सबसे ज्यादा फ्लोरिडा शहर भाता है। जिन रंगों की आपने कभी कल्पना भी न की हो, उन रंगों के वहां फूल हैं। नियागरा वॉटरफॉल एक बार देखने के बाद सपने में आपका भी पीछा करेगा। कोई स्टेज शो वगैरह न हो तो भी मुझे अमेरिका जाना अच्छा लगता है। मेरी बहन भी अमेरिका में रहती है। उससे मिलने के लिए भी मैं कई बार वहां जाती हूं। वहां जाकर मुझे बहुत सुकून मिलता है, क्योंकि वहां मुझपर न तो गाने की जिम्मेदारी होती है, न घर संभालने की और न बच्चों की। पर्यटन के ऐसे अवसर मुझे कम ही मिल पाते हैं।

इंग्लैंड की मस्ती

इसके अलावा इंग्लैंड जाना मुझे हमेशा से अच्छा लगता रहा है। यह अंग्रेजों का देश है, जहां सूरज सबसे पहले उगता है। आधुनिकता यहीं से शुरू होती है। बावजूद इसके इंग्लैंडवासी बहुत मामलों में अभी भी अपने परंपरागत जीवनमूल्यों पर विश्वास करते हैं। बूढ़े-जवान हर आयुवर्ग के लोग अभी ब्रिटेन के पारंपरिक पोशाक पहनते हैं। उनकी लाइफ स्टाइल में अभी भी वैश्वीकरण का कोई खास असर नहीं दिखता है। जबकि इंग्लैंड की राजधानी लंदन को फैशन की राजधानी भी कहा जाता है। लंदन में पूरी दुनिया से लोग शॉपिंग करने आते हैं, फैशन के नये ट्रेंड्स यहां बनते हैं। फिर भी इस आधुनिकता की आपाधापी से परे इंग्लैंड का आम जनजीवन अपनी रफ्तार से चल रहा है।

आर्ट एंड कल्चर

इंग्लैंड में जो बात मुझे सबसे अच्छी लगती है, वह कला और संस्कृति का सम्मान। वहां आर्ट एंड कल्चर की बहुत अहमियत मैंने देखी है। लंदन में कई आर्ट गैलरियां हैं, जहां आप नई-पुरानी पेंटिंग से लेकर संगीत के वाद्ययंत्र तक तमाम चीजें देख सकते हैं। यह बात मेरे दिल को छू जाती है। इंग्लैंड की खूबसूरती आपको परियों के देश में ले जाती है। इंग्लैंड में छोटे-छोटे गांव हैं, यहां का जनजीवन भी गांवनुमा है। स्कूली बच्चे इतने सुंदर लगते हैं कि उन्हें प्यार करने का मन करता है, इसलिए मुझे इंग्लैंड बहुत पसंद है, यही मेरा प्रिय पर्यटन स्थल है।

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