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शहर की आपाधापी से मन ऊबे और नई ऊर्जा बटोरने के लिए प्रकृति की गोद में कुछ पल गुजारने की इच्छा हो तो दक्षिण अफ्रीका आपके लिए सबसे अनुकूल जगह हो सकती है। लाखों हेक्टेयर में फैले कई नेशनल पार्क और गेम रिजर्व ही नहीं, यहां की जीवनशैली भी आकर्षक है। पर्यटन की रोमांचक गतिविधियों के लिए यहां पूरी सुविधाएं हैं और घूमने-ठहरने के पूरे इंतजाम भी। खास तौर से वन्य जीवन की समृद्धि के लिए तो दुनिया में इसकी अलग ही साख है। प्रकृतिप्रेमी घुमक्कड़ों के लिए तो दक्षिण अफ्रीका को देखे बगैर दुनिया देखना अधूरा है।
दक्षिण अफ्रीका में बीस तो नेशनल पार्क हैं, इसके अलावा कई निजी गेम रिजर्व व वानस्पतिक उद्यान भी यहां हैं। इनमें क्रूजर नेशनल पार्क, ग्रेटर सेंट लूसिया वेटलैंड पार्क, अड्डो नेशनल पार्क, गालागडी नेशनल पार्क व मडिक्वे गेम रिजर्व खास तौर से प्रसिद्ध हैं। स्तनधारी जीवों की सात सौ और पक्षियों की आठ सौ से अधिक दुर्लभ प्रजातियां यहां देखी जा सकती हैं।
बड़े जीवों का बड़ा ठिकाना क्रूजर
अगर आपको स्तनधारी वर्ग के पांच बड़े प्रतिनिधि – शेर, चीता, हाथी, गैंडा व भैंसे देखने का शौक है तो क्रूजर नेशनल पार्क आपके लिए सबसे अच्छी जगह है। 20 लाख हेक्टेयर में फैला यह पार्क पर्यावरण प्रबंधन की तकनीकों और नीतियों के संदर्भ में अपना कोई सानी नहीं रखता है। वनस्पतियों के मामले में भी यह पार्क खूब समृद्ध है। सिर्फ पेड़ों की ही यहां 336 प्रजातियां हैं। वनस्पतियों की प्रचुरता के ही नाते स्तनधारी प्राणियों की 147 प्रजातियां यहां पाई जाती हैं। साथ ही सरीसृपों की 114, उभयचरों की 34, मछलियों की 49 और पक्षियों की 507 प्रजातियां हैं। पार्क में ही मसोरिनी व थुलामेला नामक जगहों पर पुरातत्व महत्व की रॉक पेंटिंग्स भी देख सकते हैं।
गौरवशाली है लूसिया वेटलैंड
ग्रेटर सेंट लूसिया वेटलैंड पार्क यहां के राष्ट्रीय पार्को में सबसे नया है। विश्व धरोहर की श्रेणी में आने वाला पहला दक्षिण अफ्रीकी साइट होने का गौरव भी इसे हासिल है। समुद्रतट के किनारे होने के कारण यह दुनिया में इकलौती जगह है जहां पांच बड़े स्थलीय स्तनधारियों के अलावा व्हेल से भी एक ही दिन की घुमक्कड़ी के दौरान आपका सामना हो सकता है। 2.6 लाख हेक्टेयर में फैले इस पार्क की ख्याति मगरमच्छ, दरियाई घोड़े और समुद्री कछुओं के लिए है। इंपाला नामक खास किस्म के हिरन व जिराफ यहां खूब हैं। वाटरबक, डुइकर, कुडू, नियाला और रीडबक भी देखे जाते हैं। दो सींग वाले काले या सफेद रंग के अफ्रीकी गैंडे, हाथी व भैंसे तो आपको यहां हर तरफ मिलेंगे। पक्षियों की यहां कुल 530 प्रजातियां हैं।
हिंद महासागर के तट पर पोर्ट एलिजाबेथ व केपटाउन के बीच है अड्डो नेशनल एलीफैंट पार्क। मुख्यत: हाथियों के अभयारण्य के रूप में मशहूर इस पार्क में शेर, तेंदुए, काले गैंडे, भैंसे, कई तरह के लंगूर व हिरन भी खूब देखे जाते हैं। समुद्र से सटे होने के कारण तटवर्ती इलाके में जाकर व्हेल व सफेद शार्क भी देख सकते हैं। छोटे जंतुओं में चमगादड़, चूहे, लोमड़ी व सियारों की यहां कई प्रजातियां हैं। सांप, छिपकली और कछुए भी कई तरह के हैं। पक्षियां यहां 180 तरह की देखी जा चुकी हैं। इस पार्क के दायरे में कुछ द्वीप भी शामिल हैं, जहां पेंग्विन की खास अफ्रीकी नस्ल देखी जा सकती है।
जैव विविधता का धनी गालागडी
आओब व नोसोब नदियों के दोआबे में फैला गालागडी ट्रांसफ्रंटियर नेशनल पार्क क्षेत्रफल के लिहाज से क्रूजर का दो गुना है। जैव विविधता के मामले में यह अपना कोई सानी नहीं रखता है। अनूठी जिजीविषा का धनी प्राणी हनी बैजर यहीं देखा जा सकता है। यहां कुल 280 प्रकार के जंतु पाए जाते हैं। पक्षियों में लंबी पूंछ वाले बाज, सफेद पीठ वाले गिद्ध, गबरगोशॉक, पिग्मी फाल्कन और केस्ट्रेल इस पार्क के मुख्य आकर्षण हैं।
लोकप्रिय है मडिक्वे गेम रिजर्व
यहां के गेम रिजर्व्स में सबसे लोकप्रिय है मडिक्वे। 60 हजार हेक्टेयर में फैले इस रिजर्व के प्रबंधन में सरकार और निजी क्षेत्र दोनों की भागीदारी होने के कारण व्यवस्था काफी चुस्त-दुरुस्त है। इसका अधिकतर भाग खुला हुआ घास का मैदान है।
कहीं-कहीं घनी झाडि़यां भी हैं, लेकिन जंगल घने नहीं हैं। कई जगह चट्टानें और पहाड़ भी हैं। पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा के यहां भरपूर इंतजाम हैं। कहीं कोई असुविधा नहीं होती। स्तनधारी प्राणियों की यहां कुल 66 प्रजातियां देखी जा सकती हैं। पक्षियों की 350 से भी अधिक प्रजातियां यहां हैं। हाथी, गैंडा, शेर, चीता और भैंसे यहां भारी संख्या में हैं। चित्तीदार भेडि़ए, शिकारी कुत्ते, हिरन व लंगूर भी खूब हैं।
कैसे पहुंचें
मुंबई से केपटाउन के लिए सीधी उड़ानें हैं। दक्षिण अफ्रीका के अंदर नेशनल पार्को की घुमक्कड़ी के लिए यहीं की ट्रेवल कंपनियों के पास कई तरह के पैकेज उपलब्ध हैं। बेहतर होगा कि इनमें से ही किसी एक को चुनें। इस तरह आप कई झमेलों से बचेंगे। इनका खर्च एक लाख से छह लाख रुपये प्रति व्यक्ति तक है। हाथी या जीप की सफारी यहां लगभग सभी पार्को में उपलब्ध हैं। वैसे सबसे बढि़या जीप सफारी समझी जाती है, पर यदि आप रोमांच का मजा लेना चाहें तो किराए पर बाइक भी ले सकते हैं।
मौसम
यहां गर्मी बहुत अधिक पड़ती है। इसलिए घूमने का सही समय वसंत या जाड़े का मौसम ही हो सकता है। सबसे बढि़या यह होगा कि अक्टूबर से मार्च के बीच दक्षिण अफ्रीका की घुमक्कड़ी की जाए।
ठहरने का इंतजाम
ठहरने के लिए यहां सभी शहरों में सभी तरह के होटल उपलब्ध हैं। नेशनल पार्को के भीतर होटलों व लॉज के अलावा कई तरह हट और कॉटेज भी हैं। इनका किराया भारत की तुलना में कुछ अधिक है।