जर्मनी: फुटबाल के अलावा भी बहुत कुछ

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दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल फुटबाल जर्मनी में जूनून की तरह लिया जाता है. लेकिन फुटबाल तो बहाना है,  जर्मनी वैसे भी एक बेहद शानदार जगह है। ऐतिहासिक, प्राकृतिक व सांस्कृतिक लिहाज से बेहद समृद्ध। जर्मनी चाहे बिस्मार्क का हो, हिटलर का या बर्लिन की दीवार के बनने व टूटने का, किसी अन्य देश ने यूरोप के राजनीतिक जीवन पर इससे ज्यादा प्रभाव नहीं डाला, चाहे वह अच्छा रहा हो या बुरा। इसे बीयर, महलों और मेलों का देश भी माना जाता है। यहां के हर कोने में एक खुशनुमा अहसास है, परंपरा और आधुनिकता का बेजोड़ मिश्रण। एक नजर डालते हैं जर्मनी के शहरों की विशिष्टताओं पर:

बर्लिन

पूर्वी व पश्चिमी जर्मनी के विलय के बाद से यह जर्मनी की राजधानी है। अपनी लव परेड व नाइट लाइफ के लिए मशहूर मौज-मस्ती का शहर। आधुनिक शिल्प यहां आकाश की ऊंचाइयों को छू रहा है। इसे यूरोप की सबसे रोचक, सबसे गतिशील व सबसे रंगीन राजधानियों में माना जा सकता है। शहर अब भी कड़वे इतिहास से उबर रहा है। यहां देखने लायक जगहों में ब्रैंडनबर्ग गेट, एलेक्डेंजरप्लात्ज में 368 मीटर ऊंचे टॉवर पर घूमता रेस्तरां, गैंडरमेनमार्केट स्क्वायर, अत्याधुनिक इमारतें, वगैरह।

डॉर्टमैंड

जर्मनी में बदलाव की बयार का सबसे शानदार नमूना। यहां कोयला खनन की जगह माइक्रोचिप्स ने, रोलिंग मिलों की जगह शॉपिंग माल ने और कोकिंग प्लांट की जगह कंसर्ट हॉल ने ले ली है। इस शहर में वह सब कुछ हैं जो यहां आने वाले के सफर को यादगार बना सकता है-शानदार औद्योगिक विरासत, कई तरह के संग्रहालय, ढेर सारे थियेटर व कैबरे, अलग-अलग तरह के रेस्तरां, होंसेबर्ग कैसल, वगैरह। शहर के मध्य में स्थित चार चर्च बतलाती हैं कि शहर का इतिहास हजार साल से ज्यादा पुराना है।

फैंकफर्ट

ज्यादातर लोगों के लिए यह शहर एक मैनहट्टन है-वित्तीय मामलों व गगनचुंबी इमारतों की नगरी। ज्यादा गहराई से देखें तो इस शहर के ढेर सारे रूप हैं। खास बात यह है कि यहां परंपरा व आधुनिकता, व्यवसाय व संस्कृति, हो-हल्ला व शांति, सब साथ-साथ मिल जाते हैं। वैसे यह हमारी दिल्ली की ही तरह एक कॉस्मोपोलिटन शहर है-वित्तीय सेवाओं का महत्वपूर्ण केंद्र और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों व इंटरनेशनल मोटर शो का आयोजन स्थल। यहां की परिवहन व्यवस्था भी शानदार है। यहां की सेंट पॉल्स चर्च में ही 1848 में जर्मनी की पहली निर्वाचित संसद की बैठक हुई थी।

गेलसेनकिरचेन

इस शहर का नाम लेते ही लोगों को फुटबाल की याद आ जाती है। यहां के लोग शायद इसी तरह चाहते भी हैं। यहां का नया बना ऑफस्खाल्क एरेना इस खेल से जुड़े मनोरंजन के नए आयाम स्थापित कर रहा है। कोयले के उत्पादन के प्रमुख स्थल के रूप में सिटी ऑफ थाउजेंड फायर्स कहे जाने वाले शहर ने खुद को गतिशील व विविधरूपी नगरी में बदल लिया है। एरेना के अलावा भी शहर में देखने की कई जगह हैं।

हैम्बर्ग

यह जर्मनी का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। पारंपरिक नहरें, कई पार्क व बगीचे इसे जमनी का सबसे हरा-भरा शहर बनाते हैं। यहां का बंदरगाह यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा कंटेनर टर्मिनल है। जिस एल्ब नदी पर यह बंदरगाह बना है, उसने ऐतिहासिक काल से इस शहर के विकास को स्वरूप देने में भूमिका निभाई है। शहर के बीचोंबीच एल्स्टर लेक है जो तमाम मनोरंजक गतिविधियों का केंद्र है। सेंट माइकल की चर्च यहां का सर्वप्रमुख स्थान है। स्पेखरस्ताद वेयरहाउस जिला दुनिया का सबसे बड़ा पूर्व वेयरहाउस परिसर है और यहां की रेडलाइट डिस्टि्रक्ट रीपरबान भी कम चर्चित नहीं है। हैम्बर्ग में विभिन्न कलाओं के 50 से ज्यादा संग्रहालय हैं।

हनोवर

यहां का शानदार ग्रेट गार्डन पिछले तीन सौ सालों से वैसा ही है। हैरनहॉसन के रॉयल गाडन भी बेहद शानदार हैं। सैलानियों के लिए यहां की खास बात रेड थ्रेड है। यह दरअसल सड़कों पर लाल रंग से बनी 4200 मीटर लंबी एक लाइन है जो शहर में खास-खास स्थानों- न्यू टाउन हाल, ओल्ड टाउन हॉल, ओल्ड क्वार्टर, सरकारी इमारतें, विभिन्न संग्रहालय, ओपेरा हाउस, वगैरह तक ले जाती है और इस तरह सैलानी किसी गाइड की मदद के बिना ही शहर में सैर कर सकते हैं। यह दुनिया का सर्वप्रमुख ट्रेड फेयर शहर है जो इसकी पहचान है। कैसर विलहेम के जमाने के बने न्यू टाउन हॉल में एक ढलवा लिफ्ट लगी है जो लोगों को इस भव्य इमारत के गुंबद तक ले जाती है।

कैसरस्लॉटर्न

इस शहर को यह नाम होहेनस्टॉफन के राजा कैसर बारबारोसा की देन है जिसने लॉटर्न में 850 साल पहले एक राजमहल बनवाया था। आज यह शहर एक जीवंत छात्र शहर, दक्षिण पश्चिम जर्मनी की फुटबाल राजधानी और सांस्कृतिक दिल माना जाता है। यहां प्रकृति का आनंद लेने के लिए आपको शहर से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ता। जर्मनी का सबसे बड़ा निकटवर्ती वनक्षेत्र फॉरेस्ट बायोस्फीयर रिजर्व यहां है।

कोलोन

इसे जर्मनी के सबसे मौलिक शहरों में से एक कहा जा सकता है। यहां की बोली अपनी है, बीयर बनाने की भी कला यहां की अलग है और लोगों का अपना ही खुशनुमा अंदाज है जो शहर के सुप्रसिद्ध कार्निवल में खास तौर पर देखने में आता है। यह राइन नदी के इलाके की आर्थिक व सांस्कृतिक राजधानी है। राइन नदी यहां के कण-कण में रूमानियत फूंकती है। हालांकि दो हजार साल पुरानी ऐतिहासिक विरासत को समेटे इस शहर में आधुनिकता का शानदार मिश्रण देखने को मिलता है। घूमने वालों के लिए यहां कोई कमी नहीं। दो मीनारों वाला कोलोन कैथेड्रल काफी प्रसिद्ध है और यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत का दरजा प्राप्त है। इसी शहर ने दुनिया को वह महक दी जो बाद में कोलोन नाम से ही लोकप्रिय हुई।

लीपजिग

इस शहर का सदियों से यूरोपीय वाणिज्यिक व बौद्धिक जीवन पर गहरा प्रभाव रहा है। यहां की ऐतिहासिक इमारतों खास तौर पर बाजार का वही प्राचीन स्वरूप अब भी उतनी ही खूबसूरती के साथ कायम रखा गया है। यहां की सेंट निकोलस चर्च 1989 में दुनियाभर में प्रसिद्ध हो गई जब यहीं से उस शांतिपूर्ण क्रांति की शुरुआत हुई जिसने अंतत: जर्मनी के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त किया। यहां के चिडि़याघर में बंदर प्रजाति के लिए दुनिया में सबसे बड़ा स्थान है। यहां के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला केंद्र में दुनिया का सबसे बड़ा हवा में उठा हुआ शीशे का हाल है।

म्यूनिख

बड़े शहर का अंदाज और ग्रामीण आकर्षण, यहां दोनों हैं। एल्पाइन चरित्र और भूमध्यसागर का जोश, पारंपरिक वेशभूषा और उच्च प्रौद्योगिकी, बीयर गार्डन और कला का खजाना, ओपेरा व ओक्टोबेरफेस्ट, ये सब म्यूनिख मिक्स के अंग हैं। ये सब इस बावरिया राजधानी को बेइंतहा आकर्षक बनाते हैं। यहां का रॉथस ग्लोकेनस्पेल (घंटाघर) दुनियाभर में अनूठा है। यह 1908 में न्यू टाउन हाल के निर्माण के दूसरे चरण का हिस्सा था। आपने दीवार घड़ी में से चिडि़या या ऐसे ही किसी पक्षी को बाहर निकलते-बोलते तो देखा होगा लेकिन यहां दुनियाभर से आए पर्यटकों की हैरतभरी आंखों के सामने रोज सवेरे 11 बजे (गरमियों में दोपहर 12 व शाम 5 बजे भी) घंटियां बजती हैं और 16वीं सदी की दो कहानियां लोगों को देखने को मिलती हैं। इसमें 43 घंटे और 32 मानवाकृतियां होती हैं। ऊपरी हिस्से में स्थानीय ड्यूक विलहेम की शादी का किस्सा होता है तो निचले हिस्से में कूपर डांस की कहानी। पूरा शो 10 से 15 मिनट चलता है और अंत में घंटाघर के ऊपर बैठा सुनहरा पक्षी तीन बार बोलकर शो खत्म होने का ऐलान करता है। इतना ही नहीं, सात साल में एक बार पूरी कहानी शहर के कार्निवल में लोगों द्वारा दोहराई जाती है। इस कहानी का अगला चित्रण कार्निवल में 2012 में होगा। तब तक घंटाघर तो है ही।

न्यूरेमबर्ग

यहां आने वाले लोगों को हर मोड़ पर 950 साल पुराने इतिहास की झलक देखने को मिलेगी। आधुनिक, गतिशील शहरी केंद्र के हो-हल्ले में यहां कई सदियों से शहर की खोजपरकता और सांस्कृतिक आत्मविश्वास के प्रतीक जहां-तहां खड़े नजर आते हैं। ऐतिहासिक ओल्ड क्वार्टर 80 टावरों वाली मोटी दीवारों से घिरा है। यहां का जर्मेनिक नेशनल म्यूजियम जर्मन कला व सस्कृति का सबसे बड़ा संग्रहालय है। यहां जर्मन संस्कृति से संबद्ध हर खास चीज मौजूद है- पहला ग्लोब, न्यूरेमबर्ग एग, पॉकेट घड़ी, वगैरह। यहां का टॉय म्यूजियम बच्चों के लिए तो स्वर्ग है ही, बड़ों के लिए भी यादें ताजा करने का मौका है।

स्टुटगार्ट

पूरे यूरोप में यहां का माहौल सबसे खूबसूरत में से एक माना जा सकता है। हरे-भरे पहाड़, जंगल और वाइनयार्ड। यहां के लोगों को जलसा मनाना सबसे शानदार तरीके से आता है-बीयर फेस्टिवल, वाइन फेस्टिवल और क्रिसमस मार्केट इसके उदाहरण हैं। दूसरे विश्व युद्ध में यहां का सिटी सेंटर काफी नष्ट हो गया था। तब शहर ने अपना ऐतिहासिक ढांचा काफी कुछ खो दिया था। सांस्कृतिक, प्रशासनिक व आर्थिक महत्व की वजह से यह जर्मनी के सबसे प्रमुख शहरों में से एक है। यहीं मोटरबाइक व चौपहिया वाहनों का आविष्कार हुआ। यह ऑटो उद्योग का शुरुआती बिंदु है। मर्सीडीज बेंज, पो‌र्श्च व मैबेख जैसी कारें यही बनती हैं। यहीं 1950 में दुनिया का पहला कंक्रीट टीवी टॉवर बना। यहां का विलहेमा जर्मनी का अकेला साझा जू व बोटोनिकल गार्डन है।

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