यूरोप का दिल है जर्मनी

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फ्रांस प्रेम और रोमांस तथा इटली शौर्य और वीरता के लिए प्रसिद्ध है तो जर्मनी इन बातों के अलावा कर्मठता के लिए भी जाना जाता है। शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञापन और तकनीकी आदि में तो जर्मनी उन्नत है ही, यहां के लोग मनोरंजन को भी पूरा महत्व देते हैं। जर्मनी की भूमिगत रेल सेवा तथा संचार व्यवस्था विश्वप्रसिद्ध है। आधी से ज्यादा जनसंख्या यहां मेट्रोरेल से ही यात्रा करती है। शहरों में सड़कों पर दिखाई देने वाले लोगों से अधिक लोग जमीन के नीचे मेट्रो में चलते हैं। आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की दुनिया में हर स्तर पर धाक जमाने वाला जर्मनी अपने अतीत की थाती को सहेजने के लिए भी विश्वविख्यात है।    आज के यूरोप में होने वाली सभी हलचलों का मुख्य केंद्र आम तौर पर जर्मनी ही होता है।

यूरोपीय संघ का गठन रहा हो, चाहे यूरो मुद्रा का चलन – मुख्य भूमिका जर्मनी की ही रही है। इस तरह जर्मनी यूरोप में सत्ता का बड़ा केंद्र हो गया है। शायद यही कारण है कि जर्मनी को यूरोप का दिल कहा जाता है। इसका एक महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि यह यूरोप के नौ देशों के बीच स्थित है। जर्मनी की सीमाएं पोलैंड, चेकोस्लोवाकिया, ऑस्टि्रया, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, लग्जमबर्ग, बेल्जियम, नीदरलैंड और डेनमार्क से मिलती हैं। जर्मनी का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा फ्रंकफर्ट में है। यह जर्मनी में अंतरराष्ट्रीय व्यापार का मुख्य केंद्र है। जर्मनी के सभी बड़े शहरों और यूरोप के सभी देशों से यह हवाई मार्ग से जुड़ा है। यहां से जर्मनी के सभी शहरों के लिए रेल सेवाएं भी हैं।

सुंदर शहर है म्यूनिख

पर्यटन की दृष्टि से जर्मनी का सर्वाधिक लोकप्रिय शहर म्यूनिख है। एल्प्स पर्वत की श्रृंखलाओं के साथ बसा म्यूनिख सुंदर शहर है। कई ऐतिहासिक इमारतें, प्राचीन चर्च, संग्रहालय, कला दीर्घाएं और पुराने महल यहां हैं। पार्क और बाग-बगीचे, बोटिंग, सर्फिग और डाइविंग के स्थान, विभिन्न प्रकार के विदेशी व्यंजनों वाले रेस्तरां, बीयर गार्डन्स, डिस्कोथेक, इंग्लिश, आयरिश व अन्य पब पर्यटकों को विशेष रूप से लुभाते हैं। 1972 के ओलंपिक खेलों तथा विश्व प्रसिद्ध अक्टूबर फेस्टिवल का शहर म्यूनिख ही है। सितंबर के मध्य से अक्टूबर के पहले सप्ताह तक चलने वाले अक्टूबर फेस्टिवल में अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों के लोग आते हैं। अगले साल विश्व कप फुटबॉल का आयोजन भी म्यूनिख में होना है। इसके लिए यहां नया स्टेडियम बनाया जा रहा है। पहले चरण के मैच डसेलडौर्फ शहर में होंगे। इसके बाद म्यूनिख में अन्य मैच खेले जाएंगे। फाइनल मैच राजधानी बर्लिन में होगा।

म्यूनिख के लोग बहुत जीवंत हैं। सुहाने मौसम में लोग स्केट्स पहनकर सड़कों पर निकल पड़ते हैं। सोमवार की शाम को तीन घंटे के लिए लोगों के मनोरंजन हेतु यातायात को इधर-उधर मोड़ दिया जाता है। भारत के स्वाधीनता दिवस के उपलक्ष्य में 15 अगस्त को यहां लोग क्रिकेट खेलते हैं। फुटबाल, गोल्फ और हॉकी यहां के लोकप्रिय खेल हैं। सिनेमा दिखाने का यहां एक अनूठा तरीका है, जिसे ऑटो कीनो कहते हैं। इसमें शहर से बाहर खुली व अंधेरी जगह पर फिल्में दिखाई जाती हैं।

ऐतिहासिक स्थल व संग्रहालय

म्यूनिख शहर के तीन बड़े दरवाजे हैं। सबसे पूर्व में इजार गेट, पश्चिम में चा‌र्ल्स गेट और दक्षिण में सेंडर लिंगर गेट है। सुंदर इमारत फेल्टहेर्न हॉल को राजा लुडविग प्रथम ने 19वीं सदी में बनवाया था। 1933 में सत्ता हाथ में लेने से पहले हिटलर ने यहीं से म्यूनिखवासियों को संबोधित किया था। वर्जिन मैरी स्तंभ के नाम पर बना मैरियन प्लाट्ज स्क्वायर ‘नियो गोथिक टाउन हॉल’ के लिए प्रसिद्ध है। मैरियन प्लाट्ज बड़ा व्यावसायिक केंद्र है। ब्लैक फॉरेस्ट की लकड़ी से बनी कक्कू वॉच यहां खूब मिलती हैं। पुराना टाउनहाल मैरियन प्लाट्ज के पूर्वी छोर पर स्थित है। इसके भीतर बने काउंसिल हॉल तथा बॉलरूम को आज भी संगीत तथा अन्य समारोहों के आयोजन हेतु प्रयोग किया जाता है। यहां पुराने खिलौनों का संग्रहालय भी है। शाही स्क्वायर क्यूनिग प्लाट्स को लुडविग प्रथम ने नियोक्लासिक शैली में बनवाया था। यहां ग्रीक व रोमन मूर्तिकला के कई संग्रहालय हैं।

थेरेजिनविजे नामक पुराना स्थान घोड़ों की दौड़ का मैदान है। इसके समीप ही एक  हॉल में बावेरिया प्रांत के प्रतिष्ठित एवं मान्य लोगों की मूर्तियां रखी हैं। हॉल ऑफ फेम 1843-1855 में बना था। इसके सामने लगी कांस्यमूर्ति बावेरिया राज्य का प्रतिनिधित्व करती है। ओलंपिक टॉवर का निर्माण यहां 1972 में ओलंपिक खेलों के समय हुआ था। जर्मनी की सबसे ऊंची यह मीनार आज टेलीविजन टॉवर है। म्यूनिख के पश्चिम में निमकेनबर्ग का बारोक महल है, जहां बावेरिया के सम्राट रहते थे। 1644 में निर्मित हौफबाउहाउस (बीयर हॉल) आज भी शानोशौकत से चल रहा है। यहां कई और बीयर गार्डन भी हैं। जहां आप अपना खाना तो ले जा सकते हैं, परंतु बीयर वहीं खरीदनी पड़ेगी। ऐसे गार्डन खासे लोकप्रिय हैं।    दो सौ वर्ष पुराना इंगलिश गार्डन शहरों में बने दुनिया के सबसे बड़े पार्को में से एक है। पार्क में चार बियर गार्डन भी हैं। ओलंपियासेंट्रुम पार्क 1972 के ओलंपिक खेलों के दौरान बना था। यहां एक बड़ा बोटैनिकल गार्डन भी है।

कैथेड्रल चर्च ऑफ ऑवर लेडी

कैथेड्रल चर्च ऑफ ऑवर लेडी (फ्राउएन किरखे) म्यूनिख शहर की पहचान है। इसके भीतर पांच सदियों में पूर्ण हुई सुंदर कलाकृतियां हैं। सेंट पीटर चर्च म्यूनिख का सबसे पुराना पैरिश चर्च है। थीटिनेर किरखे सेंट काजेटन तथा सेंट जोहान-नोपोमुक किरखे (आसेम किरखे) अन्य चर्चो में प्रमुख हैं। राजा लुडविग द्वितीय का बनवाया परी महल यहां आकर्षण के प्रमुख केंद्रों में है। पहाड़ पर बने इस महल के समीप ही सुंदर एल्पजी झील है।

सांस्कृतिक शहर है बर्लिन

म्यूनिख के बाद जर्मनी में पर्यटकों के लिए सबसे आकर्षक शहर बर्लिन है। म्यूनिख से    बर्लिन के लिए प्रतिदिन उड़ानें हैं। मेट्रो व सड़क मार्ग से भी दोनों शहर एक-दूसरे से जुड़े हैं। जर्मनी की राजधानी होने के अलावा इसकी पहचान सांस्कृतिक महानगर के रूप में है। यहां विश्वस्तरीय ओपेरा हाउस, थिएटर, कंसर्ट हॉल और संग्रहालय हैं। शिक्षा का भी यह बड़ा केंद्र है। यहां तीन विश्वविद्यालय, ललित कला के चार महाविद्यालय, यूरोपियन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट तथा उच्च शिक्षा के नौ अन्य संस्थानों के अलावा 250 गैर विश्वविद्यालयी अनुसंधान संस्थान हैं।

यूरोप में प्रकाशन व्यवसाय का सबसे बड़ा केंद्र भी बर्लिन ही है। इनके अलावा यहां कई पुस्तकालय भी हैं। बर्लिन अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल और जा़ज फेस्टिवल ऑफ म्यूजिक के लिए भी जाना जाता है। यहां की संसद राइखस्टाग बिल्डिंग में है। यह भवन और चांसलर का कार्यालय भवन भी दर्शनीय हैं। स्टुटगार्ट शहर काले जंगल के लिए मशहूर है। यह काली लकड़ी के घने जंगलों से घिरा है। जिस लकड़ी से कक्कू वॉच बनाई जाती है, वह यहीं पाई जाती है। यह लकड़ी के उत्पादों और मशीनरी वस्तुओं के निर्माण का भी प्रमुख केंद्र है। उत्तर सागर के तट पर बसे ब्रेमेन और बाल्टिक सागर के तटवर्ती हैम्बर्ग की ख्याति बंदरगाह शहरों के रूप में है। इसके अलावा क्योल, बिसबडेन, श्वेरिन, हनोवर, डेफिडर्फ, मेंज, जारबु्रकेन, ड्रेस्डेन, मैक्डेबर्ग व एरफर्ट आदि जर्मनी के अन्य शहर हैं।

उपयुक्त समय

मई से अक्टूबर तक छह महीने का समय  सबसे उत्तम है। यद्यपि इन महीनों में भी कुछ ठंड होती है, अत: थोड़े गर्म वस्त्र ले जाने चाहिए। कभी-कभी छतरी की भी जरूरत पड़ती है, क्योंकि थोड़ा तापमान बढ़ते ही वर्षा हो जाती है।

कैसे जाएं

एयर इंडिया तथा लुफ्थांजा की उड़ानें दिल्ली से सीधे फं्रकफर्ट जाती हैं। वहां से दूसरे हवाई जहाजों से लगभग एक घंटे में यात्रियों को म्यूनिख, बर्लिन या अन्य शहरों तक पहुंचा दिया जाता है। अन्य यूरोपीय देशों की एयरलाइनें पहले अपने देश जाती हैं और फिर कनेक्टिंग फ्लाइट्स से यात्रियों को फ्रंकफर्ट पहुंचाती हैं। इनमें के एल एम, ऑस्ट्रियन, स्विस, एयर फ्रांस तथा ब्रिटिश एयरवेज प्रमुख एयरलाइनें हैं। वैसे जर्मनी में एक से दूसरे शहर जाने के लिए सुंदर, सक्षम और सस्ती मेट्रो रेल हर जगह उपलब्ध है। बसों की सेवाएं भी यहां खूब हैं, लेकिन टैक्सी से सफर करना काफी महंगा है।

कहां ठहरें

जर्मनी के म्यूनिख और बर्लिन जैसे शहरों में सस्ते, मध्यमवर्गीय और महंगे सभी प्रकार के होटल हैं। यहां के बिलकुल सस्ते होटलों में भी आगंतुकों की सुख-सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाता है। महंगे होटलों में नाश्ता और टेलीविजन की सुविधा किराये में शामिल होती है। कम से कम 20 यूरो से लेकर 300 यूरो या अधिक प्रतिदिन एक-कमरे का किराया लगता है। शहर के बाहरी क्षेत्रों में बने होटलों में ठहरना उचित रहता है। अच्छे होटल सस्ते दामों पर मिल जाते हैं। मेट्रो एवं बस सेवा इतनी अच्छी है कि लगता ही नहीं कि हम शहर से बाहर हैं।

स्थान भ्रमण

जर्मनी के दर्शनीय स्थलों को देखने के ट्रेवल एजेंट्स साइट सीइंग टूर आयोजित करते हैं। यह टूर पूरी जर्मनी के लिए भी होते हैं और अलग-अलग शहरों में भी। म्यूनिख जैसे  शहर में अगर आप व्यक्तिगत तौर पर वाहन रिजर्व कराकर घूमें तो 50 से 60 यूरो प्रति घंटे का खर्च होता है। आपकी इच्छित भाषा में बताने वाला गाइड भी इस खर्च में मिल जाता है। समूह में  जाएं तो तीन यूरो प्रति व्यक्ति प्रति घंटा खर्च आता है। शहर में मेट्रो तथा सिटी बस का एक ही टिकट होता है। पूरे दिन घूमने के लिए एक दिन का टिकट 13 से 15 यूरो में मिलता है। परिवार के साथ घूमने पर टिकट के खर्च में छूट मिलती है।

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