हनीमून: साथ के एहसास का पहला सफर

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हनीमून की तैयारी भी आज शादी की तैयारी का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है। हनीमून के सुखद पलों में एक-दूसरे से किए वादों से विवाहित जीवन का आगाज होता है, जो विवाह की वेदी पर नहीं किए जा सकते। इसके लिए उन्हें ऐसी शांत और सुंदर सैरगाह चाहिए जहां पहुंचकर वे किसी सपनीले संसार में खो जाएं। शिमला, मसूरी, दार्जिलिंग, ऊटी जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में सैलानियों की बढ़ती भीड़ के कारण वह बात नहीं रह गई है, जिसकी तलाश उन्हें होती है। इसीलिए नवयुगल नए ठिकाने तलाशते हैं। इसके लिए बेचैन होने की जरूरत नहीं, क्योंकि हमारे देश में ऐसी कई सैरगाहें हैं, जहां का सुरम्य वातावरण एवं नैसर्गिक सौंदर्य हनीमूनर्स को मौन निमंत्रण देता है।

कश्मीर की वादियां

धरती का स्वर्ग कही जाने वाली कश्मीर घाटी तो पहले ही हनीमून के लिए सबसे आदर्श सैरगाह थी। शालीमार व निशात बाग जैसे मुगल गार्डन, नागिन लेक एवं डल लेक नामक सुंदर झीलें उन पर तैरते शिकारे और हाउस बोट हर पर्यटक को आकर्षित करते हैं। कश्मीर आने वाले पर्यटक गुलमर्ग और पहलगाम भी जरूर जाते हैं। श्रीनगर से गुलमर्ग की दूरी 57 किमी है तो लिद्दर नदी के किनारे बसा पहलगाम करीब 16 किमी है। वैसे तो दोनों ही जगह अनेक अच्छे होटल हैं। फिर भी बहुत से पर्यटक इन स्थानों को साइटसीन टूर की तरह देख कर वापस श्रीनगर आ जाते हैं। श्रीनगर में पर्यटक स्वागत केंद्र पहुंच कर ठहरने की व्यवस्था की जा सकती है। श्रीनगर के लिए दिल्ली एवं जम्मू से नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं। सड़क मार्ग द्वारा जाना हो तो जम्मू से बस एवं टैक्सी आसानी से मिल जाती हैं। जम्मू तक सैलानी रेलगाड़ी द्वारा भी पहुंच सकते हैं।

हिमाचल का सुकून

हिमाचल प्रदेश में अगर आप भीड़ के कारण शिमला या मनाली न जाना चाहें तो पालमपुर में सुकून भरे कुछ दिन बिता सकते हैं। यह कांगड़ा घाटी का सुंदरतम स्थल है। विश्वप्रसिद्ध कांगड़ा चाय के हरे-भरे बागान इसके चारों ओर फैले हैं।  यहां से धौलाधार पर्वत श्रृंखला के पर्वत शिखर साफ दिखते हैं। पालमपुर पठानकोट से 128 किमी की दूरी पर है। यही ब्राडगेज का निकटतम रेलवे स्टेशन है। पठानकोट से बस, टैक्सी या टॉयट्रेन द्वारा सैलानी पालमपुर पहुंच सकते हैं।

पठानकोट से ही सैलानी डलहौजी होकर खजियार पहुंच सकते हैं। यहां पर्यटकों की भीड़भाड़ नहीं होती। क्योंकि ज्यादातर पर्यटक डलहौजी में ठहरते है और वहां से एक-दो घंटे के लिए साइटसीन के रूप में खजियार घूमने आते हैं। इसलिए हनीमून के लिए आए जोड़े यहां के शांत वातावरण का भरपूर आनंद लेते हैं। यहां एक विशाल तश्तरी के आकार जैसा घास का मैदान है। इसी मैदान में एक छोटी सी झील है। चारों ओर पहाड़ी ढलानों पर देवदार के घने जंगल हैं। खजियार की सुंदरता का आलम यह है कि इसे हिमाचल का स्विटजरलैंड कहा जाता है। पठानकोट से खजियार की दूरी 100 किमी है। वहां से बस से डलहौजी होकर खजियार पहुंच सकते हैं या फिर टैक्सी द्वारा सीधे खजियार पहुंचा जा सकता है।

मध्य प्रदेश का वास्तुशिल्प

मध्य प्रदेश की छोटी सी सैरगाह ओरछा भी शांत स्थल है। 16वीं से 18वीं सदी तक बुंदेला राजाओं की राजधानी रहा यह शहर राणा रुद्र प्रताप सिंह द्वारा बसाया गया था। बेतवा नदी के तट पर स्थित ओरछा में महलों, मंदिरों और छतरीनुमा स्मारकों का सौंदर्य पर्यटकों को प्रभावित करता है। ठहरने के लिए यहां होटल मानसरोवर, होटल पालकी महल तथा यात्री निवास उपयुक्त स्थान हैं। ओरछा का निकटतम एयरपोर्ट 114 किमी दूर ग्वालियर व नजदीकी रेलवे स्टेशन झांसी मात्र 19 किमी दूर है।

मांडू मध्य प्रदेश का ऐसा ही एक और पर्यटन स्थल है। यहां की आबोहवा में आज भी बाज बहादुर और रानी रूपमती की प्रेमगाथाएं गूंजती हैं। ऐतिहासिक महत्व वाले मांडू में जहाज महल, बाज बहादुर महल, रूपमती महल, हिंडोला महल विशेष रूप से दर्शनीय हैं। युगल जब इनसे जुड़ी कहानियां सुनते हैं तो उन्हें प्रेम की महत्ता का भान होता है। खास कर वर्षाऋतु में मांडू की खूबसूरती अलग रूप में नजर आती है। विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित मांडू को सिटी ऑफ जॉय भी कहा जाता है। इंदौर से मांडू की दूरी 11 किमी है। जहां निकटतम एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशन हैं। ठहरने के टूरिस्ट कॉटेज व ट्रेवलर्स लॉज है। किले के अंदर स्थित होटल रूपमती एक लग्जरी होटल है।

गोवा के सुंदर समुद्रतट

गोवा एकमात्र ऐसा हनीमून डेस्टीनेशन कहा जा सकता है जहां आप चाहें तो शांत सागरतट पर सपनों भरी दुनिया में खो जाएं या फिर पर्यटकों की चहल-पहल से भरे किसी बीच की रौनक का हिस्सा बन जाएं। राजधानी पणजी के निकट मीरामार बीच है जहां शाम के समय पर्यटक सूर्यास्त का दृश्य देखने पहुंच जाते हैं। दोना पाउला, कलंगूट, अंजुना और बागा के अलावा कई अन्य बीचों की सुंदरता यहां देखने लायक हैं।

हनीमून के लिए आए युगल शाम का समय रिवर क्रूज पर बिताना पसंद करते हैं। यहां कई ऐतिहासिक चर्च व मंदिर भी दर्शनीय हैं। यहां हर बजट के होटल हैं। मडगांव व वास्को डी गामा मुख्य स्टेशन हैं। डेबोलिन हवाई अड्डा पणजी से 30 किमी दूर है।

आंध्र प्रदेश का सतरंगी संसार

दक्षिण भारत में चारमीनार और मोतियों के लिए प्रसिद्ध शहर हैदराबाद के निकट एक अनोखी सैरगाह है- रामोजी फिल्मसिटी। इसकी विशेषता यह है कि यह एक विशाल फिल्म स्टूडियो के साथ ही पर्यटन स्थल भी है। जहां आप ऐतिहासिक इमारत, पहाड़, सुदंर उद्यान और विदेशी जगह पर घूमने का सा आनंद एक साथ उठा सकते हैं। रामोजी का सतरंगी संसार हनीमून के लिए आए जोड़ों के लिए स्वर्ग है। जैसी तनहाई की उन्हें तलाश होती है, वह उन्हें यहां ड्रीम वैली, जापानी, डेजर्ट व कोंबो गार्डन में मिल जाती है। एंजे फाउंटेन पर प्रणय निवेदन करते युगलों की मूर्तियां उनके दिल में अनोखा स्पंदन भर देती हैं। ठहरने के लिए यहां तीन अलग-अलग स्तर के होटल हैं। हनीमूनर्स के लिए इनके खास पैकेज भी हैं। हैदराबाद पहुंचकर लगभग 33 किमी दूर रामोजी सिटी आसानी से पहुंचा जा सकता है।

यहां एक पर्वतीय स्थल अरकु घाटी भी है। यह हार्बर सिटी विशाखापट्टनम से 112 किमी दूर है। घाटी में फैली ऊंची नीची पहाडि़यों पर उतरती मेघमालाओं को देख प्रतीत होता है मानो ये युगलों के स्वागत करने चली आई हों। अरकु का प्राकृतिक वैभव तो उन्हें सम्मोहित ही कर देता है। सड़क व रेल मार्ग दोनों से ही विशाखापट्टनम से अरकु के लिए पैकेज टूर भी उपलब्ध होते हैं। वैसे वहां ठहरने के लिए पन्नामी यात्री निवास तथा पन्नामी मयूरी हिल रेसार्ट के अलावा कई छोटे एवं कॉटेज भी हैं। एकांतप्रिय पर्यटकों के लिए अरकु वैली सचमुच एक उपयुक्त पर्यटन केंद्र है।

उड़ीसा के बालू के तट

उड़ीसा का तटीय शहर पुरी अपने सुंदर, स्वच्छ और सुनहरे सागर तट के कारण विश्वभर के पर्यटकों को आमंत्रित करता है। तब भला हनीमूनर्स को यह आकर्षित कैसे नहीं करेगा। सफेद बालू के विस्तृत तट पर बलखाती सागर की लहरों को देख हर कोई मंत्र मुग्ध हो जाता है। सुबह से शाम तक यहां समुद्र स्नान और सूर्य स्नान करने वालों की रौनक रहती है। शाम के समय बीच पर एक जगमगाता बाजार भी लगता है। जहां उड़ीसा के हस्तशिल्प आदि की दुकानें होती हैं। जगन्नाथपुरी के नाम से भी जाना जाने वाला यह शहर भारत के चार धामों में एक है। यहां का जगन्नाथ मंदिर आस्था से जुड़ा एक महत्वपूर्ण आकर्षण है।  ठहरने के लिए यहां हर बजट के बहुत से होटल हैं। पर्यटक प्राय: बीच रोड पर स्थित होटलों में ठहरना पसंद करते हैं। पुरी देश के प्रमुख शहरों से रेलमार्ग से बखूबी जुड़ा है। यहां का निकटतम हवाई अड्डा भुवनेश्वर में है।

हनीमून ट्रिप पर बिताया हर पल सुनहरा होता है। नवदंपती उन पलों को जीवनपर्यत याद रखना चाहते हैं। हनीमून के दौरान जीवनसाथियों में एक नए प्रेम का उदय होता है। अत: वे इसे यादगार बना लेना चाहते हैं। इसलिए जरूरी है कि हनीमून ट्रिप को साधारण सफर न समझें। इसकी तैयारी विशेष रूप से करें। सबसे पहली बात हनीमून डेस्टीनेशन का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि यह साथ दो दिन के सफर का नहीं, बल्कि जीवन भर के सफर का है। इसलिए अकेले एक व्यक्ति अपनी रुचि के आधार पर कोई फैसला न करे। जब भी जगह का चुनाव करना हो तो दोनों की रुचियों, स्वास्थ्य और  प्रकृति का पूरा खयाल रखा जाए। दोनों व्यक्तियों को चाहिए कि वे एक-दूसरे को अपनी रुचियों के बारे में स्पष्ट रूप से बताएं और साथ एक दूसरे की इच्छाओं का सम्मान भी करें। इसके अनुसार ही हिल स्टेशन, सी बीच या किसी और सैरगाह का चुनाव करें।

पर्यटन स्थल के मौसम के बारे में पूरी जानकारी पहले से कर लें। इसके अनुरूप कपड़े आदि भी रख लें। हनीमून पर आप प्राय: अपने तक ही सीमित रहना चाहेंगे। अत: अपनी वेशभूषा का ध्यान रखें। विशेषकर युवतियों को ऐसे भड़काऊ कपड़े नहीं पहनने चाहिए, जिससे वह दूसरों की नजरों का केंद्र बनें। इससे कभी-कभी अप्रिय घटना का अंदेशा रहता है।    हनीमून के रंगीन पलों को आप अपनी स्मृतियों में तो कैद करेंगे ही, उन्हें वीडियो फिल्म या स्टिल फोटो के रूप में अवश्य कैद करें। अपने साथ पर्याप्त वीडियो कैसेट, कैमरा रोल तथा बैटरी जरूर रखें। जहां जाएं वहां का नक्शा तथा अन्य जानकारी साथ रखें। उस स्थान के पर्यावरण तथा संस्कृति का ध्यान रखना आपका दायित्व बनता है जिस स्थान पर आप घूमने पहुंचे है।

शॉपिंग सबसे अंत में करें। जहां तक संभव हो स्टेट एंपोरियम या बड़े शो रूम से खरीदारी करें। छोटी मोटी दुकानों पर ठगे जाने की आशंका रहती है। अपने खास रिश्तेदार और मित्रों के लिए कुछ उपहार भी खरीद लें। इससे आपका हनीमून उनके लिए भी यादगार बन जाएगा।    हनीमून एक शाश्वत सच है, जो हर किसी की जिंदगी में आता है और यह हर जोड़े का नितांत निजी मामला है। चूंकि पर्यटन के लिहाज से भी यह एक महत्वपूर्ण मसला है, इसलिए कई राज्यों के पर्यटन विभाग पर्यटकों को अपने यहां आकर्षित करने के लिए नए-नए पैकेज पेश कर रहे हैं। कई निजी होटल और ट्रेवल एजेंसियां भी पर्यटकों को नए-नए तरीकों से लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

वैसे तो भारत के लगभग हर प्रांत में ही एक से एक दिलकश जगहें हैं देखने के लिए। नवविवाहित युगलों को आम तौर पर हरे-भरे पहाड़ या समुद्री तट के एकांत कोने ज्यादा भाते हैं। इनके बारे में पर्यटन विभाग अकसर अखबारों और पत्रिकाओं में विज्ञापन प्रसारित करते हैं। विभिन्न वेबसाइटों पर भी इनके बारे में खासी जानकारियां उपलब्ध हैं। अपनी जरूरत और जेब के मुताबिक आप कोई भी पैकेज चुन सकते हैं। सामान्यत: दो रातों का पैकेज तीन हजार से शुरू होता है।

बुकिंग समय से कराएं

सबसे पहले तो जहां जाना हो वहां की टिकट कन्फर्म कराएं, आने और जाने दोनों की। होटल के कमरे आदि पहले ही बुक करा लें तो ज्यादा सुविधा रहेगी। कई जगह फोन या ई मेल से भी रूम बुक हो जाते हैं। पहले रूम बुक कराने से आप निश्चिंत होकर सफर का लुत्फ उठा सकते हैं।

स्थानीय यातायात के लिए होटल स्टाफ से संपर्क कर सकते हैं। वे आपको गाइड भी उपलब्ध करा देंगे। अनजान जगह, खासतौर से जंगल के रास्तों पर गाइड के बिना न जाएं।

सामान सीमित रखें

गहने और कैश ज्यादा न ले जाएं। अब लगभग हर जगह क्रेडिट कार्ड व एटीएम की सुविधा उपलब्ध है। इनका उपयोग कीजिए। ये ज्यादा सुविधाजनक है। शादी के भारी जेवर भूलकर भी न ले जाएं। सामान जरूरत के लिहाज से ही ले जाएं। ज्यादा सामान हमेशा ही मुसीबत का कारण बनते हैं।

एक बात का ध्यान रखें कि अनजान जगह पर कहीं भी ज्यादा एकांत में न जाएं। देर रात को भी एकांत की तलाश में किसी पार्क वगैरह में न जाएं। इन सब बातों का ध्यान रख कर आप अपने हनीमून टूर को यादगार बना सकते हैं।

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