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भई, सच कहूं तो मुझे मेरे जन्म स्थल दिल्ली से दिली लगाव है। वहीं अब मुंबई मेरी कर्मभूमि है। इस शहर ने मुझे एक अदने से कलाकार से किंग खान बना दिया। बहुत कुछ दिया है इस शहर ने। मैं जब भी मुंबई के बाहर घूमने के लिए जाता हूं, अक्सर गौरी (पत्नी) और बच्चों को ले जाता हूं। वैसे मेरा प्रिय पर्यटन स्थल है लंदन । यहां मेरा जाना अचानक ही हो गया था। दरअसल मुझे जो कमर में दर्द होता रहता है, उसके ट्रीटमेंट के लिए मेरा पहली बार लंदन जाना हुआ। उसके बाद बार-बार जाने से मैं इस शहर को करीब से जानने लगा। लंदन अपना सा लगने लगा धीरे-धीरे। यह शहर काफी हद तक मुझे मुंबई का जुड़वा भाई लगता है। यहां के निवासी भी मुंबई वासियों की तरह हमेशा भागते रहते है।
टॉवर ऑफ लंदन और मैडम तुसाद का संग्रहालय
यह शहर खूबसूरत भी है। इस शहर का कुछ हिस्सा अपने पुराने अवशेषों को जतन से सहेजे हुए है। तो कुछ शहरी हिस्सा बाईसवीं सदी का सा आधुनिक लगता है। एक तरफ टेम्स नदी के किनारे बसे इस शहर का नजारा आसमान से दिखाने वाली विशालकाय लंदन आई और टॉवर ऑफ लंदन है तो दूसरी तरफ मैडम तुसाद का संग्रहालय। संग्रहालयों व गैलरियों की तो यहां भरमार है- हर विधा और हर दौर के लिए अलग-अलग। यहां का पब्लिक ट्रांसपोर्ट और खास तौर पर यहां की ट्यूब ट्रेन तो अपने आप में दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण है। लंदन में दुनिया की सबसे लंबी राजशाहियों में से एक के भी तमाम चिह्न- रस्में, महल, चर्च, बगीचे इत्यादि देखने को मिलते हैं। इसके अलावा दुनिया में खरीदारी की सबसे बढि़या जगह कोई है तो वह है लंदन। यहां आप स्टार होने के बावजूद सड़क पर मनचाहे जैसे शॉपिंग कर सकते है, कोई आपके पीछे पड़ने वाला नहीं। मुझे तो लंदन अब दूसरा घर लगने लगा है। इसमें इस बात का योगदान भी कम नहीं कि लंदन में बड़ी संख्या में हिंदुस्तानी भी रहते हैं, जो हमेशा अपने लोग आसपास होने का आभास देते हैं। जब भी फुर्सत मिले, मेरा वहां जाने का मन करने लगता है।