मस्ती का शहर म्यूनिख

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यूरोप महाद्वीप के मध्य में स्थित है। जर्मनी और भौगोलिक स्थिति के कारण यह देश यूरोप का दिल कहलाता है। इस संघीय गणराज्य में सोलह प्रांत हैं जिनमें बावेरिया [बार्यन] प्रांत सबसे बड़ा है। देश के दक्षिण में स्थित इस प्रांत की राजधानी म्यूनिख है जो समय के साथ एक अंतरराष्ट्रीय शहर बन चुका है। पर्यटन की दृष्टि से आज यह एक महत्वपूर्ण केंद्र है। प्राचीन चर्च, कला दीर्घाएं, संग्रहालय, ऐतिहासिक इमारतें, राजाओं के पुराने महल आदि आकर्षक पर्यटन स्थल हैं। इसके अतिरिक्त मशहूर व्यावसायिक केंद्र मैरियन प्लाट्ज, पार्क, बगीचे, सर्फिग, और ड्राइविंग व बोटिंग के स्थान विभिन्न प्रकार के विदेशी व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध रेस्तरां, डिस्कोथिक, बियर गार्डंस और कई प्रकार के पब पर्यटकों को बहुत लुभाते हैं। यहां साफ नदियां हैं और लगभग 50 किलोमीटर दूर आल्प्स पर्वत श्रृंखला है।

जन जीवन

म्यूनिख के मेहनतकश लोगों को देखकर सभी प्रभावित होते हैं। कहा जाता है यदि फ्रांस प्रेम व रोमांस और इटली वीरता व शौर्य के लिए प्रसिद्ध हैं तो जर्मनी इन सभी बातों के अलावा कर्मठता के लिए भी जाना जाता है। म्यूनिख के लोग सुंदर वस्त्रों के बहुत शौकीन होते हैं। एक और विशेष बात यह है कि जर्मनी में म्यूनिख की लड़कियां सबसे सुंदर मानी जाती हैं। कोई भी छोटी-बड़ी खुशी की बात हो तो लोग एक-दूसरे को पार्टियां देते रहते हैं। यह बात म्यूनिख में बड़ी दिलचस्प है।

15 अगस्त को क्रिकेट

यह जानकर आपको हैरानी होगी कि म्यूनिख के लोग 15 अगस्त को क्रिकेट खेलने निकलते हैं। वर्ष 1929 में स्थापित ‘इंस्टीटयूट फॉर कलचरल रिलेशंस’ नामक एक भारतीय संस्था द्वारा इस दिन क्रिकेट मैच का आयोजन किया जाता है। हालांकि फुटबाल, गोल्फ और हॉकी यहां के सबसे लोकप्रिय खेल हैं। यूं तो म्यूनिख में लगभग 15 मल्टीस्क्रीन सिनेमाघर हैं लेकिन चलचित्र दिखाने का एक दूसरा तरीका भी है जिसे ऑटो कीनो कहते हैं। इसका आयोजन शहर से दूर खुली और अंधेरी जगह में होता है जहां लोग बड़े चाव से चलचित्र देखते हैं। जर्मनी की भूमिगत रेल सेवा और संचार व्यवस्था विश्व भर में प्रसिद्ध है। आधी से ज्यादा जनसंख्या मेट्रो से यात्रा करती है। सड़कों पर दिखाई देने वाले से अधिक लोग जमीन के नीचे होते हैं।

ऐतिहासिक स्थल, इमारतें, संग्रहालय

वर्जिन मैरी स्तंभ के  नाम पर बना मैरियन प्लाट्ज स्क्वायर ‘नियो गोथिक टाउन हॉल’ के लिए प्रसिद्ध है। टाउन हॉल की ऊंची दीवार से बाहर को निकले हुए खिड़कीनुमा बड़े झरोखे हैं। इनमें डांस करने और संगीत बजाने वाली मशीनी आकृतियां पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। मैरियन प्लाट्ज सबसे बड़ा व्यावसायिक केंद्र है। यहां बड़े-बड़े डिपार्टमेंट स्टोर और दुकानें हैं। विश्व की अत्याधुनिक वस्तुएं यहां उपलब्ध हैं। ब्लैक फॉरेस्ट लकड़ी से बनी कुक्कू वाचेज [कुक्कू घडि़यां] यहां खूब मिलती हैं।

पुराना टाउन हॉल

पुराना टाउन हॉल मैरियन प्लाट्ज के पूर्वी छोर पर स्थित है। वर्ष 1474 में बना यह भवन दूसरे महायुद्ध में ध्वस्त हो गया था। पुनर्निर्माण के उपरांत इसके भीतर बने पुराने काउंसिल हॉल और बालरूम को आज भी संगीत व अन्य समारोहों के लिए प्रयोग में लाया जाता है। पुराने खिलौनों का संग्रहालय भी यहीं है।

शाही स्क्वायर

शाही स्क्वायर क्यूनिग प्लाट्ज को राजा लुडविग प्रथम ने ‘नियोक्लासिक’ शैली में बनवाया था। यहां कई संग्रहालय हैं, विशेषकर ग्रीक और रोमन मूर्ति कला के। म्यूनिख शहर के तीन बडे़ दरवाजे हैं। सबसे पूर्व में इजार गेट (इजारटूअर) और पश्चिम में चा‌र्ल्स गेट [का‌र्ल्स टूअर] 14वीं सदी में बने थे। दक्षिण में है सेन्डलिंगर गेट [जेन्डलिंगर टूअर] जिसकी मुख्य दीवार 1808 में टूट गई थी। फेल्टहेर्न हॉल [कमान्डर्स हॉल] को राजा लुडविग प्रथम ने 19वीं सदी में बनवाया था और म्यूनिख की मध्यकालीन युग की पहचान को शाही निवास के शहर की छवि देकर बदल दिया था।

घोड़ों की दौड़ का मैदान

थेरेजिन विजे नामक पुराना स्थान घोड़ों की दौड़ का मैदान है। अब यहां विश्व प्रसिद्ध अक्टूबर फेस्ट आयोजित किया जाता है। इसके समीप ही एक हॉल में बावेरिया प्रांत के प्रसिद्ध लोगों की मूर्तियां रखी हैं। हॉल ऑफ फेम 1843-1853 में बना था। इसके सामने कांस्य मूर्ति है जो बावेरिया राज्य का प्रतिनिधित्व करती है।

ओलंपिक टावर

जर्मनी में 1972 में हुए म्यूनिख ओलंपिक के दौरान बनी प्रसिद्ध ओलंपिक टावर [ओलंपियाट्रुम] देश की सबसे ऊंची मीनार है जो आज टेलीविजन टावर है। लिफ्ट से ऊपर जाकर सारे शहर और आल्प्स पर्वतों का दृश्य देखा जा सकता है। म्यूनिख के पश्चिम में निमफेनबर्ग का बारोक महल है। बावेरिया के सम्राट यहां रहते थे। महल के साथ बने भवनों में आज भी शाही परिवार के लोग रहते हैं।

वर्ष 1644 में निर्मित हौफ ब्राड हाउस या प्रिय बीयर हॉल आज भी अपनी शानो-शौकत से चल रहा है। परी महल के नाम से विश्व प्रसिद्ध महल राजा लुडविग द्वितीय द्वारा एक पहाड़ पर बनवाया गया। वह महल बनवाने का शौकीन था और उसने कई अन्य महल भी बनवाए।

चर्च

कैथेड्रल चर्च ऑफ ऑवर लेडी म्यूनिख शहर की पहचान है। इसके भीतर पांच सदियों से पूर्ण हुई कलाकृतियों की सुंदरता देखने को मिलती है। सेंट पीटर चर्च म्यूनिख का सबसे पुराना चर्च है। इसके अतिरिक्त कई अन्य चर्च भी हैं।

पार्क व गार्डन

प्रसिद्ध इंगलिश गार्डन 900 एकड़ क्षेत्र में फैला है। दो सौ वर्ष पुराना यह पार्क सबसे बड़े पाकरें में से एक है। पेड़ों की घनी छाया में पैदल चलने और साइकिल चलाने के रास्ते बने हैं। यहां कुछ झीलें भी हैं जो सर्दियों में जम जाती हैं। इसी पार्क में चार बीयर गार्डन भी हैं। यहां आप अपना खाना बाहर से ला सकते हो लेकिन बीयर आपको गार्डन में खरीदनी पड़ेगी। म्यूनिख में कई अन्य बीयर गार्डन और फाउंटेन भी हैं। इसी प्रकार 1972 में बने ओलंपिया सेंट्रम पार्क में कई प्रकार की खेल सुविधाएं उपलब्ध हैं। एक फुटबाल स्टेडियम भी है। निमफेनबर्ग में प्रसिद्ध बौटेनिकल गार्डन है जहां विश्व भर से लाए गए पौधों को देखा जा सकता है।

झील व नदियां

म्यूनिख के बाहर स्टार्नबर्ग नामक प्रसिद्ध झील है। 20 कि.मी. चौड़ी और 5 कि.मी. लंबी यह झील अत्यंत लोकप्रिय है। वास्तव में यहां की नदियां इतनी स्वच्छ हैं कि इनका सौंदर्य देखते ही बनता है। झील का पानी हरा है। अमरजे व केमजे अन्य झीलें हैं। क्यूनिगजी नामक एक पहाड़ी झील भी है जो 10 किमी लंबी है। शहर के बीचों बीच बहने वाली सबसे बड़ी नदी इजार है जो म्यूनिख की सुंदरता में चार चांद लगाती है।

स्केटिंग व साइकिल

सुहावने मौसम में म्यूनिख के लोग स्केट्स पहनकर सड़कों पर निकल पड़ते हैं। सोमवार की शाम को तीन घंटे के लिए लोगों के मनोरंजन के लिए यातायात को इधर-उधर मोड़ दिया जाता है ताकि लोग निर्भय होकर कुछ सड़कों पर स्केटिंग कर सकें। इसी प्रकार साइकिलों पर भी कुछ लोग घूमने निकलते हैं और दूर-दूर तक चले जाते हैं।

कब जाएं

मई से अक्टूबर तक के छह महीने का समय म्यूनिख भ्रमण के लिए सबसे उपयुक्त समय है। इन दिनों मौसम थोड़ा अनुकूल होता है। यदि कभी तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आस-पास या ऊपर पहुंच जाए तो बारिश हो जाती है। तब छतरी की आवश्यकता भी पड़ सकती है। नवंबर के बाद से कड़ाके की सरदी का दौर शुरू हो जाता है। सरदी से डर न लगता हो तो इस मौसम का भी अलग मजा है। और खास बात यह है कि सरदी में चूंकि सैलानी कम जाते हैं, इसलिए डिस्काउंट की खासी गुंजाइश रहती है।

कैसे जाएं

म्यूनिख जाने के लिए भारत से अब सीधी उड़ान नॉन स्टाप उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त सभी यूरोपीय विमान कंपनियों की वहां के लिए उड़ानें हैं। जर्मनी की लुफ्थंासा एयर लाइंस को छोड़कर अन्य सभी एयर लाइंस के जहाज पहले अपने देश जाते हैं। वहां से म्यूनिख के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट्स मिलती है। म्यूनिख हवाई अड्डे से शहर लगभग 90 किमी. दूर है। प्रत्येक एयर लाइंस की बसें हवाई अड्डे और शहर के बीच चलती हैं। मेट्रो भी उपलब्ध हैं। टैक्सी का सफर महंगा होता है।

कहां ठहरें

म्यूनिख में सस्ते, मध्यम वर्गीय और महंगे होटल उपलब्ध हैं परंतु शहर के किनारों पर अच्छे होटलों में ठहरा जा सकता है जो किराया भी कम लेते हैं। म्यूनिख आने से पहले सरकारी विभाग या विश्वसनीय टे्रवल एजेन्टों से हर संभव जानकारी ले लेना ठीक रहता है। यूरोप के ज्यादातर देशों में किफायती यूथ होस्टल भी हैं जो ठहरने का सस्ता विकल्प देते हैं।

स्थानीय भ्रमण

म्यूनिख के दर्शनीय स्थल देखने के लिए ट्रेवल एजेंसियां ‘साइट सीइंग’ टूर आयोजित करती हैं। व्यक्तिगत रूप से जाने पर टैक्सी द्वारा लगभग 100 यूरो प्रति घंटा तक खर्च आता है जो महंगा होता है। जाने से पहले रेल टिकटों वगैरह की पैकेज डील और डिस्काउंट वगैरह के बारे में दरियाफ्त जरूर कर लें।

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