नियाग्रा-प्रकृति का करिश्मा

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नियाग्रा नदी पर स्थित इस अद्भुत जल प्रपात को देखते समय कई सारे अहसास एक साथ पैदा होते हैं। खूबसूरती के लिहाज से देखें तो यह अतुलनीय है। झरने या प्रपात वैसे भी आकर्षक होते हैं, उसपर फिर कोई धरती के नक्शे पर इस तरह से उकेरा गया हो, जैसे कि नियाग्रा तो कहने ही क्या। इससे गिरने वाली अथाह जलराशि इसकी विशालता का अंदाजा दे सकती है। लेकिन प्रपात की चौड़ाई, गति और नीचे गिरते पानी का शोर देखें-सुनें तो कहीं न कहीं मन में डर भी पैदा होता है। हालांकि कितनी जोरदार बात है कि इसी डर से पारे पाने का इंसानी जज्बा उसे चुनौती के रूप में लेता है और लगभग दो सौ सालों से कई जुनूनी इंसान इस प्रपात की ताकत का रह-रहकर मुकाबला करते रहे हैं। उसके नजदीक, और नजदीक जाने की चाह रोमांचप्रेमियों को प्रेरित करती रही है।

आकर्षक नियाग्रा फॉल्स

नियाग्रा फॉल्स अमेरिका के न्यूयार्क और कनाडा के ओंटारियो सूबों के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बहने वाली नियाग्रा नदी पर स्थित हैं। यह न्यूयार्क में बफेलो से 27 और ओंटारियो में टोरंटो से 110 किलोमीटर दूर है। दोनों ही देशों में नियाग्रा फाल्स नाम से शहर भी हैं जो प्रपात के दोनों और स्थित है। लिहाजा जल प्रपात का एक हिस्सा कनाडा और दूसरा अमेरिका में आता है। इन दोनों प्रपातों के बीच एक जमीन का टुकड़ा है जिसे गोट (बकरी) आईलैंड कहा जाता है। अमेरिकी जल प्रपात खुद भी दो हिस्सों में है। यूं तो उसे, अमेरिकन फॉल्स कहा जाता है लेकिन गोट आईलैंड की तरफ ब्राइडल वेल (अपनी भाषा में कहें तो दुल्हन का घूंघट) नाम का एक छोटा सा प्रपात और है। अमेरिकन फॉल्स और ब्राइडल वेल फॉल्स के बीच भी जमीन का टुकड़ा है जिसे लुना आईलैंड कहा जाता है। यानी अगर क्रम से देखा जाए तो अमेरिकन फॉल्स के बाद लुना आईलैंड, फिर ब्राइडल वेल फॉल्स, फिर गोट आईलैंड और उसके बाद प्रपात का कनाडा का हिस्सा आ जाता है। इसे होर्सशू फॉल्स कहा जाता है क्योंकि उसकी शक्ल घोड़े की नाल जैसी है।

अथाह जलराशि

नियाग्रा फॉल्स के नामपर होर्सशू फॉल्स की ही खूबसूरती, भव्यता और विशालता का मुख्य आकर्षण है। नियाग्रा नदी का 85 फीसदी हिस्सा इसी प्रपात में गिरता है। हालांकि सैलानियों को लुभाने के लिए दोनों ही देश अपने-अपने हिस्से को ज्यादा खूबसूरत बताने में लगे रहते हैं। अमेरिकी तरफ से होर्सशू फॉल्स की भव्यता का पूरा अंदाजा नहीं लगता लेकिन कनाडा की तरफ से होर्सशू के अलावा अमेरिकन फॉल्स का भी शानदार नजारा दिखता है क्योंकि कनाडा का इलाका प्रपात के ठीक सामने है और अमेरिकी हिस्सा बगल में। लेकिन वहीं सच यह भी है कि आप किसी भी तरफ से देखें, नियाग्रा से चमत्कृत हुए बिना नहीं रहेंगे।

कहा जाता है कि हिमयुग की समाप्ति के बाद जब ग्लेशियर पिघले, विशालकाय झीलें बनीं तो उन झीलों के पानी ने अटलांटिक महासागर में जाने के लिए नियाग्रा का रास्ता चुना। ये प्रपात उसी की परिणति हैं। नियाग्रा जलप्रपात की ऊंचाई (होर्सशू की 173 फुट और अमेरिकन फॉल्स की सौ फुट) कोई बहुत ज्यादा नहीं है, हकीकत यह है कि दुनिया का सबसे ऊंचा जलप्रपात उससे 15 गुना से भी ज्यादा ऊंचा है। लेकिन उसकी चौड़ाई (होर्सशू की 2600 फुट) और उससे गिरने वाली जलराशि शानदार है (हालांकि यह दुनिया का सबसे चौड़ा फॉल्स भी नहीं)।

यह निर्विवाद रूप से दुनिया का सबसे आकर्षक प्रपात है। हर मिनट इस प्रपात से 3.5 करोड़ गैलन पानी गिरता है। इसमें से आधा बिजली बनाने में इस्तेमाल आ जाता है। इसीलिए इसे दुनिया में पनबिजली का अकेला सबसे बड़ा स्त्रोत माना जाता है।

हनीमून कैपिटल

नियाग्रा दुनिया के सबसे बड़े सैलानी आकर्षणों में से तो एक है ही, यह तक कहा जाता है कि पर्यटन की आधुनिक अवधारणा देने में भी उसका खासा योगदान रहा। 19वीं सदी के मध्य से ही सैलानी यहां उमड़ते रहे हैं। इसे नवविवाहितों की पसंद के चलते हनीमून कैपिटल ऑफ व‌र्ल्ड भी कहा जाता है। कहा जाता है कि सबसे पहले नैपोलियन के भाई जेरोम बोनापार्ट और उनकी पत्नी (जो एरोन बर्र की बेटी थी) ने 1803 में यहां हनीमून मनाया था।

नियाग्रा यूएसए का मानना है कि हर साल पचास हजार लोग यहां हनीमून मनाने पहुंचते हैं। इस आकर्षण के ही बूते इसके आसपास वैक्स म्यूजियम, एम्यूजमैंट पार्क और अन्य कई चीजें सैलानियों को लुभाने के लिए जुट गई हैं। अमेरिकी तरफ ओल्ड फोर्ट नियाग्रा में इतिहास की कई झलक दिख जाएंगी तो नियाग्रा यूएसए ने रोमांच प्रेमियों के लिए नियाग्रा नदी में छलांग लगाने, जेट बोट से प्रपात के नजदीक जाने और हेलीकॉप्टर से फॉल्स का आकाशीय नजारा लेने की सहूलियतें भी जुटा रखी हैं। नियाग्रा इलाके में कई पार्क व द्वीप हैं। इसलिए यह डाइविंग के अलावा पक्षियों को देखने और मछलियों को पकड़ने के लिए भी जाना जाता है। नवविवाहितों के लिए यहां के छोटे-छोटे शांत कस्बे, रोमांच के मौके, बहुतेरे हैं। यहां कई गेनिंग सेंटर हैं तो सुरा के शौकीनों के लिए इस इलाके में 12 खास वाइनरीज हैं।

जाने का मौसम

नियाग्रा जाने का सबसे शानदार मौका गर्मियों में है, जब वो अपने पूरे प्रवाह पर होता है। यूं तो सर्दियों में भी इसकी खूबसूरती देखने लायक होती है क्योंकि इस इलाके में जमकर बर्फ गिरती है। जितनी जलराशि इस प्रपात से गिरती है, उसका नजारा हिमपात में कैसा होता होगा, कल्पना की जा सकती है। कहा जाता है कि 1848 में समूची जलराशि जम गई थी। हालांकि उस समय भी एक-दो धाराएं गिर रही थीं, लेकिन नदी का पाट पूरी तरह जम गया था (थोड़ा पानी बर्फ के नीचे से बह रहा था), जिसपर लोग टहल रहे थे। 1911 में फिर इसके जमने की बात कही जाती है लेकिन ऐसा था नहीं।

आम तौर पर दिसंबर-फरवरी में सर्दी के चरम पर यहां काफी बर्फ होती है और उसकी खूबसूरती अलग होती है। लेकिन जाहिर है कि जब हम किसी जल प्रपात की बात कर रहे हैं तो मजा उसके जमने से ज्यादा उसके बहने में है और उसके बहने का मौसम अप्रैल-मई से शुरू हो जाता है। केवल अलग-अलग मौसम ही नहीं, बल्कि नियाग्रा को दिन-रात में देखने का भी अलग-अलग मजा है। दिन में चटख खिली धूप में तो रात में प्रपात की धाराओं पर नाचती रंग-बिरंगी रोशनियों में। नियाग्रा में दोनों तरफ होटलों की भरमार है। कई होटल ऐसे भी मिल जाएंगे जिनके कमरों की खिड़कियों से आप फॉल्स को देख सकते हैं। नियाग्रा फॉल्स के नजदीक ही बफेलो में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा भी है।

मैड ऑफ द मिस्ट

नियाग्रा को नजदीक से देखने और महसूस करने का यही नाम है। यह एक बड़ी नौका है जो सैलानियों को प्रपात के नजदीक ले जाती है। नियाग्रा नदी के शांत पानी में रेनबो ब्रिज के नजदीक से यह यात्रा अमेरिकी व कनाडियाई, दोनों छोरों से शुरू होती है। सैलानियों को अमेरिकन व ब्राइडल फॉल्स के सामने से ले जाते हुए यह नौका नियाग्रा के मुख्य होर्सशू फॉल्स में उस स्थान तक ले जाती है जहां गिरते पानी की धार की तेजी से धुंध सी छा जाती है। आप पानी की बौछारों तक को महसूस कर सकते हैं क्योंकि वे पलक झपकते आपको भिगो डालती हैं। इस रोमांचक अहसास के बाद नौका फिर शुरुआती स्थान पर लाकर छोड़ देती है। स्टीम इंजन से चलने वाली यह दोमंजिला फेरी 1848 में नदी के दोनों और लोगों को लाने-ले जाने के लिए शुरू हुई थी। लेकिन नदी पर पुल बन जाने के बाद नाव का यह धंधा खत्म हो गया। लिहाजा 1854 में मूल नौका की जगह नई लग्जरी नाव लेकर सैलानियों को प्रपात के नजदीक ले जाने का आकर्षण शुरू हुआ।

काम की बात

आज नियाग्रा जाने वाला हर सैलानी इसे अनुभव करना चाहता है। नौकाएं तीन-चार हैं लेकिन सबका नाम एक ही है। कई नामी-गिरामी लोग इसका आनंद उठा चुके हैं। दोनों तरफ नीचे डॉक पर जाने के लिए एलीवेटर लगे हैं। इस अनूठी सैर का किराया 13.50 से 14.50 डॉलर है। बच्चों का किराया लगभग आधा है। यह नौका सामान्यतया अप्रैल से अक्टूबर तक चलती है। सवेरे 9.45 बजे से शाम पौने पांच बजे तक हर 15 मिनट में। लेकिन गर्मियों में जून से सितंबर तक इसका समय सवेरे 9 बजे से शाम पौने आठ बजे तक रहता है। आपको बतला दें कि नौका में बैठते समय आपको अपने बदन को भीगने से बचाने के लिए बरसाती दी जाती है।

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