समृद्धि का दूसरा नाम है हॉलैंड

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कृति और प्रकृति दोनों ही ने अगर अपनी संपदा किसी देश को खुले हाथों से लुटाई है तो वह है हॉलैंड यानी रॉयल किंगडम ऑफ द नीदरलैंड्स। यह स्थिति केवल प्राकृतिक सौंदर्य ही नहीं, बल्कि ज्ञान-विज्ञान, कला व तकनीक, कृषि और अर्थव्यवस्था हर स्तर पर इसे दुनिया के सबसे समृद्ध देशों में शुमार किया जाता है। हॉलैंड के विकास की तेज गति का मुख्य कारण है प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित दोहन और उदार चेतनासंपन्न व्यवस्था। वैचारिक स्तर पर भी इसे दुनिया के सबसे प्रगतिशील देशों में गिना जाता है। भांति-भांति के संघर्षो से भरे इतिहास वाले इस देश में देह व्यापार और समलैंगिक विवाह को भी संवैधानिक मान्यता प्राप्त है।

यह न केवल मौज-मस्ती, बल्कि कला और विज्ञान की जानकारी बढ़ाने की दृष्टि से भी घुमक्कड़ी के लिए आदर्श जगह है। मन मोह लेने वाले यहां के खेतों की हरियाली का कारण तकनीकी विकास ही नहीं, ऊर्जा के पारंपरिक स्त्रोतों का सुनियोजित और संतुलित उपयोग भी है। शहरों में एक तरफ ऊंची बिल्डिंगों, बड़े कारखानों, अत्याधुनिक सुविधाओं वाले बाजारों, थिएटर, पब, बार आदि की भरमार है, तो कला के पुराने नमूनों को सहेजने वाले संग्रहालय व सांस्कृतिक संस्थान भी खूब हैं। हॉलैंड के हर शहर का अपना अलग मिजाज है, जो उसकी परंपरा की ही देन है।

एम्सटर्डम की नहरें

राजधानी एम्सटर्डम को व्यावसायिकता में कलाप्रियता और हर हाल में मौज-मस्ती के अपने खास मिजाज के लिए जाना जाता है।स्वच्छ जल से भरी इसकी झिलमिलाती नहरें व दिलचस्प संस्कृति आकर्षण का केंद्रबिंदु हैं। नहरें इस शहर की नसें हैं। माल की ढुलाई के अलावा पर्यटन के लिए  भी इनका खूब उपयोग होता है। गर्मी में आने वाले पर्यटक नहरों में सैर का मजा जरूर लेते हैं। यहां बने कला संग्रहालय भी दर्शनीय हैं। रेम्ब्रांट और वान गॉग जैसे कई बड़े चित्रकार यहां हो चुके हैं। पिछली पांच सदियों में हुए कई चित्रकारों की कृतियां व मध्यकालीन लोककला के नमूने यहां रिक्स म्यूजियम में देख सकते हैं।

समुद्री जहाजों का संग्रहालय शीपवार्त म्यूजियम भी देखने लायक जगह है। आयमीर और एम्सटेल नदियों के संगम पर स्थित यह संग्रहालय एम्सटर्डम सेंट्रल रेलवे स्टेशन के पास ही है। समुद्री यातायात के लिए डच लोगों द्वारा 15वीं शताब्दी से अब तक उपयोग में लाई गई सभी तरह की नावें व जहाज यहां रखे हैं। यहां मैग्ना प्लाजा, रॉयल पैलेस और द न्यू चर्च भी देखने लायक हैं।

यादों का शहर मास्ट्रिच

पुराने जमाने का हॉलैंड अगर आप देखना चाहते हैं तो मास्टि्रच जरूर जाएं। पुराने जमाने के बने घर, दीवारें, गिरजाघर और टाउन हॉल, कुल मिलाकर एक पुराने शहर का पूरा माहौल बन जाता है। हालांकि ये चीजें पुराने जमाने की हैं नहीं। दरअसल दूसरे विश्वयुद्ध के बाद जब इसे नए सिरे से संवारा गया उस समय इस बात का पूरा खयाल रखा गया कि इसका मौलिक चरित्र नष्ट न होने पाए। लोगों ने भी अपने स्वभाव में परंपरा की गरिमा सहेज रखी है।

इतिहासप्रेमी घुमक्कड़ों के लिए यहां दो मोर्चाबंद किले खास तौर से दर्शनीय हैं। इनमें होज फ्रॉन्टेन की बाहरी और भीतरी दीवारें मिल कर एक गुफा जैसा दृश्य बनाती हैं। इसकी भीतरी दीवारों में बंदूकधारी सैनिकों के लिए चाक-चौबंद होकर बैठने की व्यवस्था भी है। भीतर चलते हुए हर कदम पर ऐसा लगता है जैसे अभी पकड़ लिए जाएंगे। दूसरा वाल्डेक बैशन छोटा किला है। मास्टि्रच के विश्वविद्यालय चौक के चारों तरफ बने लाल ईटों वाले घर पुराने शहर में होने का एहसास दिलाते रहते हैं। स्टाडुस चौक पर लगी स्टाडुस की प्रतिमा किंवदतियों में इस शहर की आस्था को उजागर करती है। हाथ में सचमुच की जलती मशाल लिए स्टाडुस के बारे में सही जानकारी किसी को नहीं है, पर उनके बारे में किंवदतियां खूब हैं। इसके पास ही सफेद सितारों से जड़ा लाल रंग का झंडा फहराता है, जो मास्ट्रिच शहर का प्रतीक है।    अंतरराष्ट्रीय महत्व का हेग

अंतरराष्ट्रीय अदालत के लिए मशहूर द हेग शहर वैसे तो अपने कूटनीतिक तेवर के लिए जाना जाता है, पर यहां इसके अलावा भी बहुत कुछ है। डच पार्लियामेंट और एंबेसी क्वाटर्स के अलावा यहां बनी राष्ट्रीय महत्व की कई सुंदर इमारतें आकर्षण की खास केंद्रबिंदु हैं। युद्धबंदियों के मामलों पर फैसले करने वाला अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण भी यहीं हैं। समुद्रतटीय कस्बा शेवेनेंजिन यहां से कुछ ही दूर है। यहां एक अत्याधुनिक सभागार है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद हेग के नाजियों से मुक्त कराए जाने की स्मृति में ‘तेरह फरवरी’ का स्मारक यहीं है। इससे थोड़ी ही दूरी पर स्थित डच संसद बिनेनहॉफ भी सुंदरता की दृष्टि से बेजोड़ है। इसका भीतरी चौक आम जनता के लिए हमेशा खुला रहता है। बिनेनहॉफ के पीछे मॉरिशस संग्रहालय है और इसके बाद पैलेस ऑफ जस्टिस।

अपनेपन से भरा रोटर्डम

अगर आप बड़े शहर में घूमते हुए छोटे शहर में होने के एहसास का मजा लेना चाहें तो फिर रोटर्डम जरूर जाएं। यूरोप का प्रमुख व्यावसायिक शहर होने के बावजूद न तो यहां बेतहाशा भीड़ है, न उबाऊ व दमघोंटू वातावरण और न ही स्थानीय लोगों के निस्संग अजनबीपन से भरे व्यवहार के कारण मन को सालता अकेलापन। चुंबक की तरह आंखों से चिपक जाने वाले प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर इस महानगर के लोगों के व्यवहार में परदेसियों के लिए भी एक शालीन किस्म का अपनापन दिखता है।

मास नदी के किनारे बसे इस शहर के चारों तरफ कई द्वीप हैं। शहर के बाहरी सिरे पर नदी से लगे एक दर्जन से ज्यादा बंदरगाह हैं। रेलवे स्टेशन उत्तरी भाग में है, जिससे बाहर निकलते ही मुख्य बाजार है। दिल्ली के कनॉट प्लेस की तरह आठ खंडों में बंटा यह बाजार वास्तुयोजना, स्थापत्य और सुविधाओं, हर दृष्टि से अत्याधुनिक है। इनमें ज्यादातर भवन नए और स्थापत्य की दृष्टि से अनूठे हैं। इसके पूर्वी हिस्से में कई रेस्टोरेंट और कैफे हैं। पास ही बिनेनरॉट है, जहां भारत के गांवों की तरह हर रविवार को साप्ताहिक हाट लगता है। सभी बाजारों के आसपास 17वीं-18वीं शताब्दी में लाल ईटों से बने मकान भी शहर की ऐतिहासिक गरिमा का एहसास दिलाते हैं।

नदी के किनारे स्थित विनावेन मौज-मस्ती के लिए अच्छी जगह है। रोटर्डम का प्रसिद्ध जलपोत संग्रहालय यहीं है। इस इलाके में पुराने ढंग के कई बार और क्लब भी हैं। दिन में यह इलाका आम तौर पर शांत होता है, जबकि रात में यहां चहल-पहल होती है। रोटर्डम में धातु की बनी कई बड़ी और महत्वपूर्ण प्रतिमाएं भी हैं।    उत्रेख्त की तहजीब    ऊंचे-ऊंचे मकानों, बेतहाशा भीड़, कल-कारखानों, बदनाम रेड लाइट इलाके और खुलेआम समलैंगिक संबंधों के स्वीकार वाले निहायत उत्तर आधुनिक एम्सटर्डम शहर से ऊबकर अगर आप तुरंत उसका विकल्प चाहें तो सीधे उत्रेख्त चले जाएं। यह एम्सटर्डम से दक्षिण पूर्व दिशा में थोड़ी ही दूरी पर शहर बसा है। यहां बाजार, नहरें, रेस्टोरेंट और प्राकृतिक परिवेश – सब कुछ भीड़ से मुक्त और पारंपरिक शिष्टाचार से युक्त है। पुरानी नहर के किनारे बने लाल ईटों वाले फुटपाथ से सटे तमाम दुकानें हैं।

फूलों का विश्वप्रसिद्ध बाजार यहीं है, जिसे बेकर्सबग कहते हैं। हुग कैथरीन यहां का सबसे बड़ा आधुनिक बाजार है, जो रेलवे स्टेशन से सटे है। शहर का दक्षिणी इलाका अपेक्षाकृत नीचा है और इसके बीचोबीच स्थित है यहां की स्थापत्य कला महत्वपूर्ण नमूना डॉम टॉवर। यहां विश्वविद्यालय के पास ही म्यूजियम हॉफ है। इसे म्यूजियम हॉफ कहने का कारण यह है कि वस्तुत: यह पूरे शहर का आधा क्षेत्रफल घेरे हुए है और इस पूरे इलाके में तरह-तरह की चीजों से भरे कई संग्रहालय हैं। इसके सेंट्रल म्यूजियम का भवन भी बेजोड़ है। जबकि वाटर टॉवर म्यूजियम एक बड़े तालाब के बीच बने टॉवर में स्थित है। मुख्य नहर के पूर्वी छोर पर स्थित रेलरोड म्यूजियम भी अत्यंत आकर्षक है।

इस शहर की एक और बड़ी खासियत लॉम्बॉक जिला है। दुकानों और रेस्टोरेंटों से भरा यह इलाका उत्रेख्त में  परंपरा की विविधता का जीवंत नमूना है। यहां इंडोनेशिया, थाईलैंड, तुर्की, सूरीनाम और अफ्रीका में बने कई सामान सस्ते दाम पर मिल सकते हैं। इसके पास ही स्थित रेलवे स्टेशन के पश्चिम तरफ जारब्यूर्स नाम का खूबसूरत थियेटर है। सचमुच, हॉलैंड में कला और इतिहास के प्रेमियों के देखने के लिए बहुत कुछ है। यूं तो यहां कितने भी दिनों तक घूम कर मन नहीं भरता, पर पूरे देश के भीतर आने-जाने के तमाम साधन होने से थोड़ी सी अवधि में भी इसे पूरा घूमा जा सकता है।    छाया सौजन्य : नई दिल्ली स्थित रॉयल नीदरलैंड्स दूतावास वैसे तो यहां पूरे साल में कभी भी जाया जा सकता है, पर घूमने के लिए मौसम की दृष्टि से सबसे अच्छा समय अप्रैल से जुलाई के बीच है। इस दौरान यहां के सभी शहरों की नहरों में नौकायन का भरपूर लुत्फ लिया जा सकता है।

उत्सव

देश के दक्षिणी भागों में फरवरी में होने वाला कार्नीवाल यहां का सबसे लुभावना उत्सव है। एम्सटर्डम में 30 अप्रैल को मनाया जाने वाला महारानी दिवस भी दर्शनीय होता है। एम्सटर्डम और हेग में हॉलैंड फेस्टिवल जून में मनाया जाता है और इसमें भारी भीड़ जुटती है। जुलाई में संगीत का जाज उत्सव देखने के लिए पूरे यूरोप से लोग हेग में जुटते हैं। मध्य नवंबर में यहां स्पेन से सांताक्लॉज आते हैं तो उन्हें देखने के लिए भारी संख्या में बच्चे जुटते हैं। क्रिसमस और नववर्ष की पूर्व संध्या पर तो पूरा हॉलैंड ही उत्सवमय हो उठता है।    कैसे जाएं    नई दिल्ली से एम्सटर्डम के लिए रॉयल जॉर्डनियन एयरलाइंस की सीधी उड़ानें है। एम्सटर्डम स्थित शिफोल हवाई अड्डा दुनिया के सभी प्रमुख देशों की राजधानियों से सीधे जुड़ा है। इसके अलावा यहां स्थित सेंट्रल रेलवे स्टेशन से पूरे देश के भीतर और आसपास के देशों में भी आने-जाने के लिए कई रेलगाडि़यां उपलब्ध हैं।

यातायात के साधन

हॉलैंड के अंदर घुमक्कड़ी के लिए नहरों की छोटी-बड़ी नौकाओं से लेकर बसें और ट्रेनें तक कई साधन उपलब्ध हैं। खास तौर से जलमार्ग से घूमने का मजा लेने के लिए ही कुछ लोग गर्मी में हॉलैंड जाना बेहद पसंद करते हैं। शहरों के भीतर घूमने के लिए यहां किराये की साइकिलें मिलती हैं।    कहां ठहरें    एम्सटर्डम और अन्य सभी शहरों में सभी तरह के होटल उपलब्ध हैं। औसत होटलों का किराया यहां 20 से 50 डॉलर, अच्छे होटलों का 50 से 80 तथा बहुत अच्छे होटलों का किराया 100 डॉलर से अधिक है।    मुद्रा विनिमय    नीदरलैंड्स में अब यूरो चलता है। मुद्रा विनिमय की प्रक्रिया यहां आसान है। किसी भी डाकघर से मुद्रा बदल सकते हैं और ट्रेवलर चेक को भी कैश करा सकते हैं। बड़े शहरों में मुद्राएं बदलने वाले चेंज ब्यूरो भी खूब हैं। एटीएम यहां सभी प्रमुख जगहों पर हैं और भारत के प्राय: सभी बैंकों के मास्टर क्रेडिट कार्ड यहां स्वीकार किए जाते हैं।

अगर आप खाने-पीने और खरीदारी के शौकीन हैं तो नीदरलैंड में आपके लिए बहुत कुछ है। यहां के रेस्तराओं में  स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के कई व्यंजन आसानी से मिलेंगे। अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों में यहां फ्रांस व इंडोनेशिया के व्यंजन बहुत लोकप्रिय हैं। इंडोनेशियाई,  चीनी व सूरीनामी रेस्तरां भी यहां हर शहर में हैं। अगर आप सी फूड या मछली के बने व्यंजनों का स्वाद लेना पसंद करते हैं तो स्थानीय डच रेस्टोरेंट्स में जरूर जाएं। खासतौर से ऑयस्टर के बने तमाम तरह के व्यंजन यहां फुटपाथों पर खूब मिलते हैं। शाकाहारी व्यंजनों में फ्रेंच फ्राई ले सकते हैं। इसके अलावा फ्रेंच फ्राई के आकार वाली आलू की बनी फ्लेमिश फ्राई भी यहां बहुत पसंद की जाती है।

शाकाहारी लोगों को यहां जो चीज सबसे ज्यादा पसंद आती है वह हैं चीज के बने व्यंजन। पशुपालन और इसीलिए दुग्ध उत्पादों के मामलों में दुनिया भर में अव्वल हॉलैंड के हर शहर में चीज के बने कई तरह के व्यंजनों की पूरी श्रृंखला आपको मिलेगी। जाड़े के दिनों में यहां एक खास किस्म के मटर के स्वादिष्ट सूप की बहार होती है। डेजर्ट के तौर पर यहां के रेस्टोरेंट्स में आम तौर पर डच पैनकेक परोसा जाता है। कुछ बड़े और महंगे रेस्टोरेंट्स में तो भारतीय, चीनी, इंडोनेशियाई और सूरीनामी व्यंजन भी एक ही जगह मिल सकते हैं। यहां रेस्टोरेंट्स में जो मीनू मिलता है वह आमतौर पर डच भाषा में होता है, लेकिन  मांगने पर उसका अंग्रेजी वर्जन भी मिल जाता है। कई रेस्तरां टूरिस्ट मीनू अलग से रखते हैं। एक समय के भोजन पर  पांच से 20 अमेरिकी डॉलर तक खर्च हो सकते हैं। पीने के शौकीन लोग यहां जिनेवर पीना पसंद करते हैं। यह नीदरलैंड में बनने वाली खास किस्म की जिन है। बेरी के गंध वाली बेसेन जिनेवर और एक हर्बल लीकर बियरेनबर्ग भी यहां बहुत पसंद की जाती है।

खरीदारी

वैसे तो एम्सटर्डम के शिफोल हवाई अड्डे पर ही डयूटी फ्री शॉपिंग सेंटर मिलेगा। इसके अलावा यहां सभी शहरों में बड़े-बड़े तथा अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित शॉपिंग मॉल हैं। यहां आने वाले लोग हीरे की ज्वेलरी, चीज की बनी खाने-पीने की चीजें और लकड़ी के सोल वाले जूते खरीदना पसंद करते हैं। कुछ लोग सजावटी टाइलें भी यहां से ले जाते हैं। डेल्फ्ट पोर्सलेन के बर्तन भी यहां से पर्यटक खूब ले जाते हैं। चॉकलेट की भी यहां कई किस्में मिलती हैं।

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