सिंगापुर: आधुनिक विश्व की तस्वीर

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सिंगापुर पर्यटन के लिहाज से भारतीयों की सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। इसकी कई वजह हैं जिनमें प्रमुख है इसका भारत के नजदीक होना। दूसरा, यहां भारतीयों की आबादी खासी तादाद में है। तीसरी बात, खरीदारी के शौकीन भारतीयों के लिए भी इससे बेहतर जगह और नहीं हो सकती। भारतीयों के इससे जुड़ाव का इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है कि यह दुनिया की उन जगहों में से एक है जहां आपको हवाई अड्डे पर ही भारतीय रेस्तरां मिल जाएगा। और तो और यहां की मेट्रो रेल के सबसे बड़े स्टेशनों में से एक का नाम धोबी घाट है। है न चौंकाने वाली बात ! दिल्ली वालों को तो यहां की बस सेवाओं के नाम भी जाने-पहचाने से लगेंगे-ब्लू लाइन, ग्रीन लाइन, रेड लाइन, येलो लाइन इत्यादि। इसके नाम में भी भारतीय मूल है सिंग (सिंह) + पुर यानि सिंगापुर। सिंह ही यहां का मुख्य प्रतीक भी है जिसे यहां मर्लिओन कहा जाता है।

संपन्न, आत्मनिर्भर, आधुनिक, अनुशासित व विकसित देश

सिंगापुर यूं तो महज एक शहर है लेकिन वह एक स्वतंत्र देश भी है। इस लिहाज से मलेशिया के दक्षिण छोर पर स्थित यह द्वीप राष्ट्र दक्षिण-पूर्व एशिया का सबसे छोटा देश है। यह मूलत: मलय मछुआरों का एक गांव था जो 19वीं सदी में ब्रिटेन का उपनिवेश बन गया। दूसरे विश्व युद्ध में जापान ने इसपर कब्जा जमा लिया था और उसके बाद यह मलेशियाई संघ का हिस्सा बन गया। आजादी के समय बेहद नाजुक राजनीतिक-सामाजिक-आर्थिक हालात वाला यह देश अब एक संपन्न, आत्मनिर्भर, आधुनिक, अनुशासित व विकसित दुनिया की तस्वीर दिखाता है। अब यह इतना विकसित है कि यहां की नब्बे फीसदी आबादी सरकारी आवास बोर्ड के नियोजित एस्टेट में रहती है और पचास फीसदी आबादी रोजाना सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करती है। यहां गगनचुंबी इमारतें हैं तो प्रकृति के नजारे भी। आधुनिकतम फैशन है तो पुरानी संस्कृति की जड़ें भी।

प्राकृतिक संसाधनों के लिहाज से यहां कुछ ज्यादा नहीं लेकिन अपने व्यापार के बल पर सिंगापुर ने दुनिया में अपनी जगह बनाई है। यही बात उसके पर्यटन पर भी लागू होती है। उसे प्रकृति से एक द्वीप के सिवाय कुछ नहीं मिला लेकिन उसने इसे दुनियाभर के सैलानियों के लिए प्रमुख आकर्षण में तब्दील कर दिया। यहां के ज्यादातर पर्यटन स्थल मानवनिर्मित हैं।

संतोसा

यह द्वीप यहां के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। इसे यहां का मुख्य पर्यटन केंद्र भी कहा जा सकता है। मुख्य राजधानी क्षेत्र से यहां जाने के लिए बसों (सड़क मार्ग के लिए समुद्र पर पुल बना है) के अलावा 1.6 किलोमीटर लंबी केबल कार भी है। जाहिर है, यह केबल कार खूबसूरत नजारे पेश करती है। संतोसा द्वीप पर घूमने के लिए बसों के अलावा बीच ट्राम भी है। यहीं पर का‌र्ल्सबर्ग स्काई टॉवर भी है। यह 135 मीटर ऊंचा टावर एशिया का सबसे ऊंचा ऑब्जर्वेशन टॉवर है। टॉवर के ऊपर एक घूमता हुआ रेस्तरां है। प्राकृतिक रूप से भले ही सिंगापुर समृद्ध न हो लेकिन जीव-जंतु देखने के लिए यहां बेहद रोमांचक बंदोबस्त हैं। समुद्र की गहराइयों में यहां एक 83 मीटर लंबी पारदर्शी सुरंग है जिसमें से शार्क, ईल व अन्य समुद्री जीवों को अपने अगल-बगल तैरते देख सकते हैं। यह तो पानी के नीचे की बात हुई, पानी के ऊपर डॉल्फिन लैगून में इस अद्भुत जीव को करतब करते देखा जा सकता है।

धरती के जीवों की बात करें तो यहां एक बटरफ्लाई पार्क व इंसेक्ट किंगडम है। यहां आप डेढ़ हजार से ज्यादा किस्म की तितलियों और तीन हजार से ज्यादा किस्म के खूबसूरत व दुर्लभ कीड़ों का नजारा ले सकते हैं। अब बात पक्षियों की, तो यहां बर्ड एनकाउंटर्स में खास तौर पर तोतों व मकाऊ की कई किस्मों से आप बाकायदा खेल सकते हैं। इन पक्षियों को देखकर आपका मन भी उड़ने को करने लगे तो फ्लाइंग ट्रेपेजी में आप वाकई प्रशिक्षित इंस्ट्रक्टरों से उड़ना सीख सकते हैं। कैसे? तो इसके लिए आपको सिंगापुर जाना होगा।

हर्ब एंड स्पाइस गार्डन

बाग-बगीचों के शौकीनों के लिए यहां हर्ब एंड स्पाइस गार्डन ट्यूर है जहां औषधीय पौधों की ढाई सौ से ज्यादा किस्में हैं तो संतोसा ऑर्किड गार्डस में अलग-अलग रंगों की छटा बिखेरते आर्किड आपको मिल जाएंगे। इतिहास के नाम पर यहां फोर्ट सिलोसो है जो सिंगापुर के अतीत से आपका परिचय कराएगा। लेकिन यहां इसका अंदाज भी निराला है। यहां देखकर आपको लगेगा मानो समूचा इतिहास आपके सामने आ खड़ा हुआ हो। इसके अलावा इमेजेस ऑफ सिंगापुर में आपको यहां की सांस्कृतिक विविधता का अतीत व वर्तमान, दोनों देखने को मिल जाएंगे। इसके अलावा भी यहां मनोरंजन के तमाम साधन हैं जिनमें सिनेमैनिया, म्यूजिकल फाउंटेन पर मैजिकल संतोसा शो, संतोसा 4डी मैजिक्स, वगैरह शामिल हैं, जहां आप सिनेमा को केवल देख ही नहीं बल्कि महसूस भी कर सकते हैं।

नाइट सफारी

यह सिंगापुर का खास आकर्षण है। चालीस हेक्टेयर के जंगल में 132 किस्मों के नौ सौ से ज्यादा जानवरों के बीच नाइट सफारी दुनिया का पहला वाइल्ड लाइफ पार्क है जहां आप रात में जानवरों को देख सकते हैं। यह मानवनिर्मित जंगल अनूठा है। आप चाहें तो तीन रास्तों पर पैदल चलकर जानवरों को उनके मौलिक अंदाज में अठखेलियां करते देख सकते हैं या फिर दो रास्तों पर 3.2 किलोमीटर की ट्राम राइड ले सकते हैं। इन रास्तों पर कहीं आपको हिमालयी तराई का अनुभव होगा तो अफ्रीकी जंगलों का। हर तरीके से यह एक यादगार सफर होगा।

जुरोंग बर्ड पार्क

जानवरों के साथ-साथ सिंगापुर में पक्षियों की भी अलग दुनिया है। जुरोंग पार्क में छह सौ किस्मों के नौ हजार से ज्यादा पक्षी हैं। पक्षियों के उनके प्राकृतिक माहौल में संरक्षण का यह दुनिया में सबसे अनूठा पार्क है। यहां आपको मिलेगा दुनिया का सबसे ऊंचा मानवनिर्मित वाटरफाल और झरने का सफर कराने वाली वातानुकूलित मोनोरेल। यहां आप देख सकेंगे अलग-अलग तरह के पक्षियों का साझा शो, पेंग्विन परेड और शिकारी पक्षियों के शिकार करने का अंदाज। यहां दिन में ही रात का आभास कराके रात के पक्षियों से आपको रू-ब-रू कराया जाता है। इस अनुभव को यादगार बनाने के लिए आप मनपसंद पक्षियों के साथ फोटो खिंचवा सकते हैं और चाहें तो उन्हें लंच टेबल पर आमंत्रित भी कर सकते हैं। जुरोंग पार्क में दुनिया के कई दुर्लभ पक्षियों की ब्रीडिंग भी की जाती है।

सिंगापुर जू

यहां पशुओं के नजारे उसी तरह से लिए जा सकते हैं जैसे जुरोंग पार्क में पक्षियों के। हर जानवर को यहां उसी तरह से रखा जाता है मानो वह अपने प्राकृतिक घर में हो। इसे दुनिया के सबसे खूबसूरत जंतुआलयों में से एक माना जाता है। यहां आप अलग-अलग समय पर इन जानवरों को भोजन दिए जाने के तौर-तरीकों को भी देख-समझ सकते हैं। इन सबके अलावा सिंगापुर का साइंस म्यूजियम बच्चों के लिए जानकारी का भंडार है। यहां का आर्ट म्यूजियम और एशियन सिविलाइजेशन म्यूजियम भी देखने लायक हैं। इन दिनों सिंगापुर जाने का यूं भी खास फायदा है क्योंकि 26 मई से 23 जुलाई तक यहां ग्रेट सिंगापुर सेल लगी हुई है जिसमें लगभग हर चीज पर सत्तर फीसदी तक डिस्काउंट है। जुलाई में ही यहां सिंगापुर फूड फेस्टिवल भी रहेगा।

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