अर्जेटीना आइए टैंगो करें

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हमसफर का साथ हो तो जिंदगी का हर सफर हसीन हो जाता है और जब बात अर्जेटीना की राजधानी-बोइनेस आइरेस (ब्यूनस आयर्स) की हो तो हमसफर का साथ और भी जरूरी हो जाता है। आपने अंग्रेजी की मशहूर कहावत ‘इट टेक्स टू टू टैंगो’ सुनी ही होगी। यह अर्जेटीना के पारंपरिक नृत्य टैंगो को लेकर ही बनी है। बोइनेस आइरेस में आप प्रकृति के साथ-साथ अचंभित करने वाले स्मारक व इमारतों के बीच रह सकते हैं। कुछ समय पहले अर्जेटीना की अर्थव्यवस्था थोड़ी डगमगाई थी लेकिन इस देश ने आज भी अपने आकर्षण को बनाया हुआ है। बोइनेस आइरेस को लेटिन अमेरिका का पेरिस कहा जाता है। सचमुच यह शहर जादू सा बिखेर देता है। पांच लेन वाली सड़कों के शहर में हमेशा हलचल सी रहती है। काफी हाउस वहां भारी तादाद में है। हर ओर गगनचुंबी इमारतें है। स्टेन ग्लास पेंटिग से सजे हुए शापिंग मॉल है। रात के समय यह शहर जुगनू की भांति झिलमिलाता है। बोइनेस आइरेस में घूमने व मस्ती करने के लिए कई जगह हैं।

मोनसिरातमोनसिरात बोइनेस आइरेस का वह मोहल्ला है जहां से इस मनमोहक शहर की शुरुआत हुई। आपको यहां इतिहास की खूब जानकारी हासिल होगी।

पिंक हाउस: इस गर्वमेंट हाउस का निर्माण 1580 में हुआ था। महल जैसी दिखने वाली यह फ्रेंच इटैलियन इमारत कभी इटली तो कभी फ्रांस में होने का अहसास कराती है। अर्जेटीना के राष्ट्रपति के इस कार्यालय का निर्माण इटली के फ्रांसिस्को टामबुरीनि के निर्देशन में हुआ था। गुलाबी रंग की यह इमारत 19वीं शताब्दी के दो राजनीतिक दलों की प्रतीक हैं। लाल फेडरल पार्टी का रंग और सफेद युनेटरी पार्टी का रंग। जब दोनों का मिलन हुआ तब गुलाबी रंग की यह शानदार इमारत तैयार हुई ‘द पिंक हाउस’। उल्लेखनीय है कि 50 बालकारसी स्ट्रीट पर स्थित यह गर्वमेंट हाउस पहले राजधानी का किला था।

प्लाजा दी मायो: यानी शहर का दिल। सिटी टूर यानी शहर को घूमने की शुरुआत प्लाजा दी मायो से ही करनी चाहिए। यह बोइनेस आइरेस का अत्यधिक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह देश की हर हलचल का साक्षी है।

मेट्रोपोलिटन कैथिड्रल: प्लाजा दी मायो के सामने स्थित इस विशाल गिरजाघर को ऐतिहासिक राष्ट्रीय इमारत का गौरव प्राप्त है। यहां बारह खंभे हैं जो ईश्वर के बारह दूतों के प्रतीक हैं। इस कैथेड्रल का निर्माण 1745 में हुआ था। परंतु इसको नए रूप में 1836 में ढाला गया। नक्काशी करके इस गिरजा की दीवारों पर जैकब और उसके बेटे जोसेफ की कहानी लिखी गई है। अत्यंत आकर्षक कैथेड्रल के अंदर विश्व प्रसिद्ध जनरल जनरल जोसे दी सेन मार्टिन का मकबरा है। हमारे बापू की तरह जनरल मार्टिन अर्जेटीना के राष्ट्रपिता है। इनका नाम न सिर्फ अर्जेटीना बल्कि पूरे दक्षिण अमेरिका में बड़े सम्मान से लिया जाता है।

काबिल्डो: सफेद रंग की यह इमारत अत्यंत आकर्षक है। यहां एक छोटा सा म्यूजियम है जहां आप राष्ट्र-कला और अत्यंत पुराना फर्नीचर देख सकते हैं। बृहस्पतिवार व शुक्रवार को सुबह 11 से शाम 6 बजे तक यहां शिल्प बाजार लगता है।

रिटेरो: चहलकदमी से भरा यहां का माहौल आपको आकर्षित करेगा।

इंगलिश मैन टावर: यह भव्य टावर अर्जेटीना एयरफोर्स स्क्वायर में स्थित है। हालांकि अब इसे इंगलिश मैन टावर नहीं बल्कि मॉन्युमेंटल टावर कहा जाता है। इसकी लंबाई 60 मीटर है। इसके ऊपरी हिस्से में पांच घंटे लगे हुए हैं। यह टावर अर्जेटीना में बसे अंग्रेजों ने भेंट स्वरूप अर्जेटीना को दिया था। लेकिन ब्रिटेन और अर्जेटीना में फॉकलैंड युद्ध के बाद इसे मॉन्युमेंटल टावर कहा जाने लगा। लिफ्ट लेकर टॉवर के ऊपर जाएं, यहां से आप शहर का मनमोहक नजारा देख सकते है।

कवानम बिल्डिंग: बोइनेस आइरेस की सबसे पहली गगनचुंबी इमारत यही थी। तीस मंजिल वाली यह इमारत 120 मीटर ऊंची है। 1936 में जब इसका निर्माण हुआ, तब यह समूचे दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची इमारत थी।

प्लाजा सेन मार्टिन: अर्जेटीना के राष्ट्रपति जनरल मार्टिन का यह स्मारक अद्वितीय है। इसका निर्माण 1862 में फ्रेंच कलाकार लुईस जोसेफ डाऊमेस ने किया था। कांस्य की यह प्रतिमा गजब की है। प्रचंड घोड़े पर सवार जनरल मार्टिन वीर-योद्धा से कुछ ज्यादा ही लग रहे है। इस प्रतिमा की खूबसूरती यह है पूरे स्मारक चिन्ह का भार घोड़ों के पीछे वाले दोनों पैरों पर है। जिस पार्क में यह प्लाजा है वहां आपको धूप सेंकने में भी आनंद आएगा अर्जेटीना के लोग सन बाथ के लिए इन खूबसूरत पार्को का रुख करते हैं।

पोरतो मदेरो: बोइनेस आइरेस का एक ऐसा हीरा है पोरतो मदेरो जिसकी जितनी तारीफ की जाए, कम ही है। प्यार का इजहार करना हो, शादी की सालगिरह मनानी हो, बच्चे का जन्मदिन हो, लोगों को जब भी कोई जश्न या उत्सव मनाना होता है तब वे पोरतो मदेरो का रुख करते हैं। पोरतो मदेरो दुनिया भर के खानपान वाले रेस्तराओं का वह समूह है जो कभी जहाज गोदाम हुआ करता था। बोइनेस आइरेस एक बंदरगाह शहर है। लाल रंग के पत्थरों से बना यह पूर्व जहाज गोदाम बेहद आकर्षक है। खाने के लुत्फ के अलावा यहां आकर वाइन पीना न भूलें। यहां वाइन का मजा दोगुना हो जाता है। यहां देश का सबसे बड़ा सिनेमा घर है जहां तकरीबन बीस स्क्रीन हैं। इस मोहल्ले में शहर के मशहूर डांस क्लब-ओपेरा बे और ‘एशिया दी कूबा’ स्थित हैं। शाम को पोरतो मदेरो में पानी के किनारे चलते हुए पानी में डूबते सूरज को देखकर अजीब सुकून मिलता है। नीले पानी में लाल-पीले और नारंगी रंग के तमाम रूप देखने को मिलते हैं।

रिकोलेता: अचंभित कर देने वाला बोइनेस आइरेस का यह मोहल्ला ‘पेरिस से चुराया’ हुआ सा लगता है। यहां शहर के ऊंचे तबके के लोगों की रिहाइश है। दुनिया भर के मशहूर डिजाइनर लेबल और प्रतिभाशाली डिजाइनरों के बुटीक आपको अपनी ओर खींचेंगे। रिकोलेता में फ्रेच स्टाइल की सुंदर इमारतें हैं। बड़े-बड़े हरे-भरे पार्क व आकर्षक स्मारक है। यहां भी दुनिया-भर के रेस्तरां हैं। चाइनीज खाना भारतीय अंदाज में खाना हो तो रिकोलेता स्थित गार्डन रेस्तरां’ अवश्य जाए। यहां आप नेशनल म्यूजियम ऑफ फाइन आ‌र्ट्स’ और पलाइस डी ग्लेस म्यूजियम’ जाना न भूलें।

ला रिकोलेता सिमेटरी: सन् 1822 में निर्मित यह समाधि स्थल विश्व के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है। छह हेक्टेयर में फैले इस स्थल में अर्जेटीना के वीर योद्धाओं, पूर्व राष्ट्रपतियों, लेखकों, वैज्ञानिकों के साथ-साथ ईवा पेरोन ‘लेडी ऑफ अर्जेटीना’ को भी दफनाया गया है। सुबह 10 से शाम 4 बजे तक आप यहां जा सकते है। रविवार दोपहर 2.30 बजे यहां गाइडेड टूर का भी आनंद उठाया जा सकता है।

डेल पिलर बासिलिका: रिकोलेता का यह गिरजाघर दर्शनीय है। यह गिरजा 15वीं शताब्दी के अंग्रेजों के शिल्प का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। इस चर्च में आज भी रिकोलेता मान्कस की चीजें देखने को मिल जाती है।

फ्रेंच स्क्वायर: फ्रांसीसी शिल्पकार ‘एडमंड पेयोट’ द्वारा बनाया गया यह स्मारक- प्लाजा फ्रांसिया या फ्रेंच स्क्वायर अद्भुत है। इसका उद्घाटन सन् 1910 में हुआ था। कांसे की चार मूर्तियां फ्रांस व अर्जेटीना के ऐतिहासिक पलों को एक साथ दर्शाती हैं। इसके ऊपरी भाग पर दो महिलाओं की मूर्ति है जो फ्रांस और अर्जेटीना को हाथ में हाथ डाले और फरिश्ते द्वारा साथ रहने का वरदान देती हुई सी मालूम पड़ती है। हर रविवार यहां विशाल शिल्प मेला भी लगता है।

डाउन टाउन: बोइनेस आइरेस के मध्य भाग में घूमते हुए लगता है मानो यह शहर कभी सोता ही नहीं। कही टैंगो म्यूजिक सुनाई देता है तो कहीं कांच के टुकड़ों पर नृत्य करते लोग..यहां की सुंदर इमारतों से भी नजर हटाने का मन नहीं करता।

कुलोन थियेटर: विश्व के चार प्रसिद्ध ओपेरा हाउस में से एक बोइनेस आइरेस का कोलोन थियेटर है। इसका निर्माण 1908 में हुआ था। इस ओपेरा हाउस को देखकर ऐसा जान पड़ता है मानो यह प्रेम करने वालों की दास्तां कह रहा हो। इसके गुंबद को मशहूर कलाकार राउल-सोल्दी ने रंगा है। आप यहां ओपेरा का आनंद तो ले ही सकते हैं, साथ ही साथ बैकस्टेज तैयारियों को भी देख सकते हैं।

ओबिलिस्क व नौंवी डी जूलियो: नौवीं डी जूलियो विश्व की सबसे चौड़ी स्ट्रीट है। ओबिलिस्क इस स्ट्रीट पर स्थित बोइनेस आइरेस का सबसे ऊंचा चिह्न है। इसका निर्माण 1936 में बोइनेस आइरेस की 400वीं वर्षगांठ पर हुआ था। यह रिपब्लिक स्क्वायर के बीचों-बीच स्थित है। यह वह स्मारक है जहां देश के झंडे को पहली बार फहराया गया था। इसकी ऊंचाई 220 फीट है। यहां कई सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहते है, अत: यहां अवश्य जाएं। फुटबाल के प्रेमी अपनी राष्ट्रीय टीम की जीत को मनाने भी यहीं एकत्र होते हैं।

ला बोसा: यहां जाए बिना बोइनेस आइरेस का सफर पूरा ही नहीं हो सकता। इंद्रधनुषी रंगों से रंगा यह मोहल्ला बहुत ही सुंदर जान पड़ता है। यहां लकड़ी व धातु के छोटे-छोटे घर है। यहां की प्रमुख गली ‘कामिनीतो’ है। यहां आपको देश भर के कलाकार मिल जाएंगे। कहीं चित्रकार अपनी कलाकृतियां बेचते मिल जाएंगे तो कही टैंगो नृत्य में मग्न नृत्यकार नजर आएंगे। यहां आप टैंगो ड्रेस पहनकर नृत्य की मुद्रा में खड़े होकर विभिन्न प्रकार की तसवीरें खिंचवा सकते है। ला बोसा की दुकानों में से अर्जेटीना की यादगार चीजों की खरीदारी करना न भूलें।

सेन टेलमो: एकदम पोस्टकार्ड सा दिखने वाला यह मोहल्ला अपनी पथरीली सड़कों, औपनिवेशिक काल के मकानों और हरियाली की वजह से जादू सा बिखेरता है। रविवार को यहां घूमने का मजा ही कुछ और है। दोरेगो स्क्वायर में रविवार की सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक लगने वाले सेन टेलमो मेले में आप पारंपरिक टैगो का तो आनंद ले ही सकते है, साथ ही एकदम भिन्न एंटीक सामान भी खरीद सकते हैं। पुराने शहर का अहसास करना हो तो सेन टेलमो का रुख कीजिए।

पलेरमो: यह मोहल्ला इतना हरा-भरा है कि लोग इसे अकसर बोइनेस आइरेस का फेफड़ा कहकर संबोधित करते हैं। यहां शहर के जाने-माने लोग रहते हैं।

जेनिरिक फ्लावर: अर्थात् विश्व के सभी फूलों का प्रतीक..यूनाइटेड पार्क का यह फूल अचंभित कर देता है। स्टील का यह फूल कम्प्यूटराइज्ड है। यह इस तरह से प्रोग्राम्ड है कि सूर्य की रोशनी पड़ने से यह खुल जाता है और शाम को बंद हो जाता है। आकर्षक फूल में छह पंखुडि़यां हैं। हर पंखुड़ी की लंबाई 20 मीटर है। आप इसकी छटा शीशे जैसे तालाब में भी देख सकते हैं। चारों और रंग-बिरंगे फव्वारे हैं। 25 मई, 21 सिंतबर, 24 व 31 दिसंबर को इसकी पंखुडि़यां रात में भी खुलती हैं।

जापानी गार्डन: जापान के बाहर स्थित यह सबसे बड़ा जापानी गार्डन है। इसका निर्माण सिविल इंजीनियर ‘ईसाकारी’ ने किया था। यह अत्यंत खूबसूरत बगीचा है। यहां प्रवेश करने पर लगता है, मानो आप जापान में ही हो क्योंकि यहां जापानी रोशनी के साथ-साथ जापान की वास्तुकला भी देखने को मिलती है।

पल्लवी निगम  शॉपिंग का शौक रखने वालों के लिए यह शहर स्वर्ग की भांति है। आप यहां दिल खोल कर खरीदारी कर सकते हैं। यहां अत्याधुनिक शापिंग मॉल है जहां आप अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की चीजों को बहुत सस्ते दामों पर खरीद सकते है। यूं तो यहां कई इलाके हैं पर इनमें खास हैं:

फ्लोरिडा स्ट्रीट: चमड़ों की दुकानों से भरी इस स्ट्रीट में आपको कम दाम पर काफी अच्छी चीजें मिल जाएगी। आप यहां से जूते, चप्पल, सेंडिल बैग, बेल्ट, जैकिट इत्यादि खरीद सकते हैं। आल्तो पलेरमो, गलेरियो पेसिफिको, पाशियो बुलरिक इत्यादि यहां के शानदार शापिंग मॉल हैं।

टैक्स फ्री: कुछ भी खरीदने से पहले यह पता कर लें कि जिस दुकान से आप खरीदारी कर रहे हैं वह टैक्स फ्री है या नहीं। यह राशि आप एयरपोर्ट पर ‘बोर्डिग पास’ लेने से पहले ले सकते हैं।

महत्वपूर्ण जानकारियां

कब जाएं: बोइनेस आइरेस यूं तो सदाबहार पर्यटन स्थल है परंतु मार्च से मई और सितंबर से नवंबर के महीने एकदम सटीक हैं।

वीजा: भारतीय मूल के लोगों को अर्जेटीना जाने के लिए वैध पासपोर्ट व वीजा चाहिए। नई दिल्ली स्थित अर्जेटीना दूतावास से आप एक से तीन हफ्ते में टूरिस्ट वीजा प्राप्त कर सकते है। यूं तो यहां की राष्ट्र-भाषा स्पेनिश है फिर भी आप अंग्रेजी से काम चला सकतें।

खासमखास टैंगो शो देखना न भूलें। आप पारंपरिक टैंगो का मजा फ्लोरिडा और सैन टेलमो इत्यादि जगहों पर तो ले ही सकते हैं, साथ ही कुछ रेस्तराओं, क्लबों में भी यह नृत्य देखते हुए डिनर का आनंद उठा सकते है। यहां से वाइन ले जाना न भूले। अर्जेटीना अपनी वाइन के लिए मशहूर है। यदि आपको किताबों से प्यार है तो कोरिएंतस एवेन्यू जाना न भूले। विश्व में कहीं भी एक साथ इतने बुक स्टोर नहीं है। दुल्से दी लेचे कस्टर्ड दूध और जेली अर्जेटीना की खास मिठाई है। इसका स्वाद चखना न भूले। दुल्से एक तरह के चॉकलेट पेस्ट जैसा है। इसे रोटी या ब्रेड पर लगाकर खाया जा सकता है।

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