विलेज वेज: सारी दुनिया में बेहतर

  • SocialTwist Tell-a-Friend

दुनिया में रुकने के लिए सर्वश्रेष्ठ जगह का खिताब किसी के लिए भी बेहद सम्मानजनक है, चाहे वह किसी की भी ओर से आए। इसमें और भी तारीफ की बात तब है जब खिताब इसलिए आए कि वह जगह पर्यावरण के लिहाज से सबसे अनुकूल है, स्थानीय जनजीवन को बदले में कुछ दे रही है, और वन्य जीवन को बचाने व बढ़ाने में मदद दे रही है। उत्तराखंड के बिनसर वन्यजीव अभयारण्य में विलेज वेज (हिंदी में तर्जुमा करें तो गांव के रास्ते) को लंदन के द टाइम्स द्वारा पहले ग्रीनस्पेस अवा‌र्ड्स में दुनिया में रुकने की सर्वश्रेष्ठ जगह (बेस्ट प्लेस टू स्टे) के खिताब से नवाजा गया है। उसने मोजाम्बिक, कनाडा, केन्या, पेरू व मलावी की जगहों को फाइनल में पछाड़ा। उल्लेखनीय बात यह है कि इनमें से हर जगह पर जाकर उसे देखा गया और उसके बाद विजेता का फैसला किया गया। पूरी प्रक्रिया में छह महीने का समय लगा। इससे इस खिताब की प्रमाणिकता पुष्ट होती है। इसे 2007 में भी ब्रिटिश गिल्ड ऑफ ट्रैवल राइटर्स का सर्वश्रेष्ठ टूरिज्म परियोजना अवार्ड मिल चुका है।

आत्मनिर्भर टूरिज्म परियोजना

विलेज वेज कुमाऊं की पहाडि़यों में छह गांवों को मिलाकर तैयार की गई एक आत्मनिर्भर टूरिज्म परियोजना है। यह परियोजना मूल रूप से दो भारतीय और तीन ब्रितानी परिवारों की मिलीजुली मेहनत व कोशिश का नतीजा है जिन्होंने इन गावों को इस बात का अहसास कराया कि वे अपने पर्यावरण को बचाते हुए पर्यटन का व्यवसाय कर सकते हैं और खुद को आत्मनिर्भर भी बना सकते हैं। इससे इन गांवों से पलायन भी रुका और रोजगार मिला। परियोजना से होने वाली पूरी आय इसी इलाके के सामाजिक-आर्थिक विकास में खर्च हो जाती है, लिहाजा लोगों में स्थानीय स्वामित्व का भी तगड़ा अहसास है।

प्रकृति से एकाकार

यहां रुकने की खास बात यह है कि केवल यहां के सारे तौर-तरीके पर्यावरण के अनुकूल नहीं हैं, बल्कि यहां आने वाले सैलानी हर पल खुद को प्रकृति के मूल रूप से एकरूप महसूस करते हैं। उनका रुकना होटलों में नहीं होता, विशेष रूप से तैयार पारंपरिक शैली के गेस्टहाउसों में होता है जो आपको होटल का नहीं बल्कि गांव का अहसास कराते हैं।

ठहरने वाले गांव के जनजीवन को नजदीक से महसूस करते हैं, लोगों से मिलते-जुलते हैं और बुरांश के जंगलों व हिमालय के दिलकश नजारों से भरी वहां की प्रकृति, जनजीवन, और वन्यजीवन को महसूस करते समझते हैं। विलेज वेज ने एक चैरिटेबल ट्रस्ट भी बना रखा है जो लोगों में पर्यावरण सुरक्षा बढ़ाने, सिलाई-कढ़ाई सिखाने, साबुन बनाने और स्वास्थ्य सुरक्षा में भी योगदान दे रहा है।

पैकेज टूर

यहां घूमने आने वाले सैलानियों के लिए विलेज वेज ने कई पैकेज टूर भी तैयार कर रखे हैं, जिनमें खली एस्टेट में चार दिन या आठ दिन के टूर हैं। चार दिन के पैकेज की कीमत 8400 रुपये से शुरू है और आठ दिन के पैकेज की कीमत 18,400 रुपये से। पूरे टूर में गाइड साथ होता है जो रोज नए गांव घूमने के सिलसिले में वहां की हर चीज से आपका परिचय कराता चलता है। विलेज वेज जाने के लिए आखिरी रेल स्टेशन काठगोदाम है जहां से तीन घंटे के सफर के बाद खली एस्टेट पहुंचा जा सकता है। अप्रैल से सितंबर और फिर दिसंबर से फरवरी तक का समय यहां जाने के लिए परफेक्ट है।

इसके अलावा कुमाऊं की ही सरयू घाटी में सुपी गांव और बिनसर सेंचुरी में भी ठहरने के शानदार इंतजाम हैं। सुपी बागेश्वर के रास्ते में काठगोदाम से सात घंटे के सफर पर और बिनसर अल्मोड़ा के रास्ते में चार घंटे के सफर पर स्थित है। सुपी में थोड़े ट्रैक के बाद पिंडारी ग्लेशियर, नंदा देवी और त्रिशूल पर्वत का अद्भुत नजारा लिया जा सकता है, जबकि बिनसर में विलेज वेज का मुख्य प्रोजेक्ट पांच गांवों में फैला है। बिनसर कई तरह के पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है। बाकी कई जानवर तो मिलते ही हैं। सुपी में एक रात का किराया (दिनभर के खाने व घुमाई समेत) 5250 रुपये प्रति युगल है। जबकि बिनसर में यह 5650 रुपये प्रति युगल प्रति रात्रि है। एक खालिस देसी अंदाज में शानदार पहाड़ी छुट्टियां बिताना और स्थानीय आबादी की बेहतरी के मकसद से बिताना-विलेज वेज इसी का मौका देता है।

VN:F [1.9.1_1087]
Rating: 6.0/10 (2 votes cast)
विलेज वेज: सारी दुनिया में बेहतर, 6.0 out of 10 based on 2 ratings



Leave a Reply

    * Following fields are required

    उत्तर दर्ज करें

     (To type in english, unckeck the checkbox.)

आपके आस-पास

Jagran Yatra