सर्दी में सफर सौंदर्य और रोमांच का

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जाड़े के दिनों में घूमने का मौका मिले तो आम भारतीय के मन में सबसे पहले समुद्रतट देखने की चाहत आती है। सागर का सौंदर्य देखने और वहां व्याप्त शांति को महसूस करने की इच्छा सबके भीतर होती है। अधिकतम लोगों को समुद्रतट पसंद होने की बड़ी वजह वहां मौसम की अनुकूलता है। वैसे तो हर शख्स में साहसिक कारनामों का रोमांच महसूस करने की चाह भी होती है, पर जोखिम कम ही लोग उठा पाते हैं। जो उठा पाते हैं जाड़े में स्कीइंग करने से नहीं चूकते। भारत में जब समुद्रतट की बात आती है तो सबकी पहली पसंद गोवा होता है। इसके बाद केरल व तमिलनाडु की बात आती है। ऐसे ही स्कीइंग के लिए उत्तरांचल में औली सबसे मुफीद जगह है। हिमाचल में सोलंग घाटी और नारकंडा भी अच्छे स्कीइंग क्षेत्र हैं।

लुभाती है गोवा की संस्कृति

भारत की समुद्रतटीय जगहों में गोवा केवल सौंदर्य ही नहीं, अपनी खास संस्कृति के कारण भी लोगों को पसंद है। पर्यटकों को यहां के लोगों से जैसा अपनापन मिलता है, वैसा बहुत कम जगहों पर संभव है। यहां के समुद्रतटों में कोल्बा सबसे लोकप्रिय है। सागर, रेत व सूर्य की त्रिवेणी सबका मन मोह लेती है। चपोला किले से सटे अंजुना बीच के पास अल्बुकर्क महल है। डोना पौला बीच सुंदरता के लिए तो मशहूर है ही, यहां वाटर स्पो‌र्ट्स की सुविधा भी है। मीरामार बीच पाम के पेड़ों के कारण हरियाली से भरा है। आरामबोल बीच की खूबी यहां चट्टानों पर की गई कलाकारी है। बेतुल बीच पर फैले पाम के पेड़ उसे अलग रंग देते हैं।

बेनौलिम, बोगमालो व बागा बीच का सौंदर्य भी अनूठा है। गोवा के मंदिर भारत के अन्य मंदिरों से अलग हैं। इनमें देवस्थान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। यहां शयनमुद्रा में भगवान विष्णु की प्रतिमा प्रतिष्ठित है। यहां ब्रह्मा जी का भी मंदिर है। आप योगाभ्यास में रुचि लेते हों तो श्री देव बोडगेश्वर संस्थान जा सकते हैं।    गिरजाघरों की बहुलता होने से गोवा को पूरब का रोम कहा जाता है। इनमें बासिलिका द बॉम जीसस अपनी बेमिसाल वास्तुकला के नाते दुनिया की धरोहरों में शामिल है। चर्च ऑफ एंड्रयू, चर्च ऑफ लेडी ऑफ रोझेरी और चैपल ऑफ संत कैथरीन आदि भी दर्शनीय हैं।

केरल की विरासत

समुद्रतटों में गोवा के बाद सबसे लोकप्रिय है केरल। इसके सुंदर बीच रेतीले किनारों, चट्टानी द्वीपों व नारियल के पेड़ों से घिरे हैं। अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल कोवलम में तीन अर्ध चंद्राकार बीच हैं। विख्यात लाइटहाउस बीच राजधानी तिरुवनंतपुरम से 16 किमी दूर है। वारकला का शांत समुद्रतट रेत के विस्तार, स्वच्छ झरनों और चट्टानी पहाडि़यों के लिए मशहूर है। बेकल बीच भी बहुत सुंदर है। अगर आप बिलकुल शांत समुद्रतट की सैर करना चाहें तो भारतीय पर्यटन विकास निगम की देखरेख में व्यवस्थित अशोका बीच जा सकते हैं। कोझीकोड से 16 किमी दूर कप्पड बीच वह जगह है जहां सन 1498 में वास्को डि गामा पहुंचा था। वायपीन, तिरुमुल्लावरम, चेराई, अलेप्पी, वेली व षणमुगम बीच भी घूमने लायक हैं। समुद्रतटों के अलावा केरल अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए भी मशहूर है। आयुर्वेदिक मसाज के लिए यहां दूर-दूर से लोग आते हैं।

तमिलनाडु का वैभव

मंदिरों के लिए प्रसिद्ध तमिलनाडु के मैरीना, महाबलीपुरम व कन्याकुमारी सागरतट भी पर्यटकों को खूब लुभाते हैं। चेन्नई के पूर्वी किनारे पर स्थित मैरीना बीच से सूर्योदय और सूर्यास्त देखने का अपना अलग ही अनुभव है। चेन्नई से 58 किमी दूर ममल्लापुरम को महाबलीपुरम नाम से भी जाना जाता है। कुदरत की सुंदरता के लिहाज से तो यह खास है ही, पत्थरों को तराश कर बनाई गई मूर्तियां इसे एक अलग पहचान भी देती हैं। कन्याकुमारी का समुद्रतट तो भौगोलिक स्थिति की दृष्टि से ही अनूठा है। बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर और अरब सागर से घिरे होने से इसे त्रिवेणी संगम कहते हैं। यहां का कांचीपुरम शहर देश के सबसे पवित्र तीर्थो में गिना जाता है।

औली में स्कीइंग

साहसिक और रोमांचक पर्यटन के शौकीन लोगों के लिए जाड़े के मौसम में बर्फ के मैदानों में स्कीइंग का अपना अलग ही मजा है। भारत के स्कीइंग मैदानों में उत्तरांचल के औली क्षेत्र का नाम सबसे ऊपर है। समुद्रतट से ढाई से साढ़े तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित औली चीड़ और देवदार के पेड़ों से भरा है। यह दुनिया के कुछ चुने हुए स्की मैदानों में से एक है और यही वजह है कि यहां हर साल तमाम विदेशी सैलानी केवल स्कीइंग करने आते हैं।

हिमाचल में कई मैदान

हिमाचल प्रदेश में स्कीइंग के दो मैदान हैं। पहला मनाली और दूसरा नारकंडा। मनाली से 13 किमी दूर सोलंग घाटी लंबा-चौड़ा और बढि़या स्की मैदान है। नारकंडा भारत के सबसे पुराने स्की रिसॉ‌र्ट्स में एक है। यह जगह समुद्रतल से 8100 फुट की ऊंचाई पर है। इस मैदान की खासियत यह है कि यहां सिर्फ अनुभवी स्कियर्स ही नहीं, नौसिखिये भी अपना शौक पूरा कर सकते  हैं। गोवा देश के प्रमुख महानगरों से वायुमार्ग से जुड़ा है। कम किराये वाली उड़ानें भी गोवा के लिए उपलब्ध हैं। चाहें तो मुंबई पहुंचकर वहां से कोकण रेलवे की ट्रेन से भी गोवा जा सकते हैं। मुंबई और पुणे से गोवा के लिए बसें भी जाती हैं। गोवा में स्थानीय घुमक्कड़ी के कई विकल्प हैं। आप चाहें तो टैक्सी कर सकते हैं, या फिर बसों से सफर कर सकते हैं। अगर अकेले हैं तो सबसे अच्छा यह होगा कि किराये पर मोटरसाइकिल ले लें। यहां ठहरने के लिए हर तरह के होटल, गेस्ट हाउस और पेइंग गेस्ट सुविधाएं मौजूद हैं।

तमिलनाडु में करें साइटसीइंग टूर

राजधानी चेन्नई प्रमुख शहरों से हवाई, रेल व सड़क मार्ग से जुड़ी है। यहां स्थानीय घुमक्कड़ी के लिए आपको बसें व ट्रेनें मिलेंगी। ट्रेवल कंपनियों की ओर से सस्ते व सुविधाजनक साइट सीइंग टूर भी  चलाए जाते हैं। ठहरने के लिए यहां सभी शहरों में सभी तरह के होटल उपलब्ध हैं।

केरल में पानी पर सफर

राजधानी तिरुवनंतपुरम प्रमुख शहरों से वायु, रेल और सड़क मार्ग से सीधे जुड़ी है। राज्य के भीतर घूमने के लिए कई ट्रेवल एजेंसियां ट्रिप्स चलाती हैं। सबसे मजेदार होगा यहां जलमार्ग से घुमक्कड़ी करना। इस तरह आप केरल के शहरों और समुद्रतट दोनों का मजा ले सकते हैं। ठहरने के लिए यहां प्राय: सभी शहरों में सभी तरह के होटल उपलब्ध हैं। अगर आप जलमार्ग से घूमने के शौकीन हों तो हाउसबोट भी मिल जाएंगे।

हरिद्वार से जाएं औली

सीधे दिल्ली से औली की दूरी मात्र 500 किमी है। वैसे आप चाहें तो हरिद्वार या देहरादून तक ट्रेन से जाकर वहां से बस से औली पहुंच सकते हैं। ठहरने के लिए औली में गढ़वाल मंडल विकास निगम के हट हैं। वहां कैंटीन और रेस्टोरेंट भी हैं, जहां शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का भोजन मिल जाता है।

मनाली और नारकंडा

मनाली पहुंचने के लिए आपको पहले कुल्लू आना होगा। कुल्लू सड़क मार्ग के जरिये दिल्ली से सीधा जुड़ा है। आप चाहें तो शिमला, चंडीगढ़ या कालका तक रेल से जाकर फिर वहां से बस ले सकते हैं। कुल्लू से मनाली के लिए प्राय: बसें मिल जाती हैं। स्कीइंग के लिए प्रसिद्ध सोलंग घाटी यहां से केवल 13 किमी दूर है। मनाली में ठहरने के लिए कई तरह के होटल और रेस्टोरेंट भी हैं। नारकंडा शिमला से रामपुर के मार्ग पर करीब 60 किमी आगे है। शिमला-किन्नौर हाइवे पर स्थित होने के कारण यहां के लिए बसें लगातार मिलती हैं। हत्तू चोटी, जहां स्कीइंग की जाती है, वह नारकंडा से करीब 6 किमी और आगे है। ठहरने के लिए नारकंडा में पर्यटन निगम का एक होटल और पीडब्ल्यूडी का रेस्ट हाउस है।

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