प्रकृति की विरासत के दुर्लभ नजारे

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सर्तसे द्वीप: यह प्राकृतिक अजूबा ज्यादा पुराना नहीं। आइसलैंड के दक्षिणी छोर से 32 किलोमीटर दूर मिला यह द्वीप 1960 के दशक में ज्वालामुखी के लावे से बना था। यह द्वीप वैज्ञानिकों के लिए किसी अनूठी प्रयोगशाला से कम नहीं। वनस्पति व प्राणी जीवन के विकास की कहानी यहां देखने को मिलती है। समुद्री बहाव में 1964 में यहां पहले बीज पहुंचे। यहां से जो जीवनक्रम शुरू हुआ वह आज पेड़ों व जानवरों की बड़ी संख्या में तब्दील हो चुका है। पक्षियों की 89 किस्में यहां मिलती हैं।

सोकोत्रा आर्कीपेलागो, यमन: यहां ड्रैगन के खून के पेड़ उगते हैं। पूर्वोत्तर अफ्रीका (इसे होर्न ऑफ अफ्रीका या अफ्रीका का सींग भी कहा जाता है) से 250 किलोमीटर दूर इस आर्कीपेलागो (यानी द्वीप समूह) में चार द्वीप और दो चट्टानी लघुद्वीप हैं। यहां की खास बात यहां की विलक्षण जैवविविधता है। यूनेस्को का कहना है कि सोकोत्रा की 825 पौध किस्मों में से 37 फीसदी, रेप्टाइल किस्मों में से 90 फीसदी और जमीनी घोंघो की किस्मों में से 95 फीसदी दुनिया में कहीं और नहीं पाए जाते।

जोगिंस फोसिल क्लिफ, कनाडा: कभी यहां जीवन से भरपूर घना जंगल था। अब नोवा स्कोटिया की तटवर्ती चोटियों का यह 14.7 किलोमीटर लंबा हिस्सा जीवाश्मों (फोसिल) की खान कहा जा सकता है। यहां 35 करोड़ साल पुराने जीवाश्म मिल जाएंगे। यहां पर 148 प्राचीन जीवों के जीवाश्म और जीवाश्म पदचिह्नों के बीस समूह मिल जाएंगे। हमसे पहले जीवन कैसा था, उसका शानदार नजारा यह इलाका दिखलाता है।

न्यू कैलेडोनिया लैगून (फ्रांस), प्रशांत महासागर: फ्रांसीसी नियंत्रण वाला यह द्वीप समूह फ्रांस से बहुत दूर प्रशांत महासागर में आस्ट्रेलिया से 1200 किलोमीटर पूर्व में है। न्यू कैलेडोनिया के लैगून दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कोरल रीफ (मूंगा चट्टानें) ढांचे को अपने में समेटे हुए हैं। यहां की अक्षुण्ण बची समुद्री पारिस्थतिकी कई दुर्लभ व लुप्तप्राय मछलियों, कछुओं और डुगोंग की दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी का बसेरा है। डुगोंग विशाल शाकाहारी स्तनपायी होते हैं। साइरेनिया प्रजाति के इस जीव को समुद्री गाय भी कहा जाता है।

मोनार्क बटरफ्लाई बायोस्फेयर रिजर्व, मैक्सिको: हर साल ऐसी करोड़ों मोनार्क तितलियां मैक्सिको सिटी से सौ किलोमीटर उत्तर पश्चिम में स्थित घने जंगलों में सरदियां बिताने पहुंचती हैं। बसंत में यह तितलियां आठ माह का प्रवास शुरू करती हैं जिसमें ये पूर्वी कनाडा तक का सफर तय करके लौटती हैं। इस दौरान उनकी चार पीढि़यां पैदा होती हैं और खत्म हो जाती हैं। प्रकृति का यह खूबसूरत कारनामा है।

माउंट सांकिंगशान नेशनल पार्क, चीन: चीन के जियांगशी प्रांत में हुआईयू पर्वत श्रृंखला में स्थित यह पार्क लगभग 23 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। जंगलों से घिरे, झरनों से ओतप्रोत, सफेद इंद्रधनुषों की छटा बिखरेते इस पार्क में अद्भुत आकृति वाले ग्रेनाइट के पहाड़ और स्तंभ हैं जो अक्सर पशुओं व इंसानों की प्रतिमाओं सरीखे लगते हैं। इसे कुदरत की बेजोड़ चित्रकारी कहा जा सकता है।

सरयार्का मैदान और झीलें, कजाखस्तान: उत्तरी कजाखस्तान के नौरजुम और कोरगालझिन प्राकृतिक रिजर्व के बीच बंटा यह इलाका साढ़े चार लाख हेक्टेयर इलाके में फैला है। यह घास का मैदान और झीलें मुख्य रूप से एक सूखे इलाके के बीच स्थित हैं। खास बात यह है कि ये मध्य एशिया से अफ्रीका, यूरोप और दक्षिण एशिया के रास्ते में प्रवासी पक्षियों के रुकने का एक प्रमुख स्थल है।

स्विस टेक्टोनिक एरेना सारडोना, स्विट्जरलैंड: दुनिया के इस सबसे खूबसूरत हिस्से को देखने जाने का एक और बढि़या बहाना। उत्तरपूर्वी स्विट्जरलैंड के इस पहाड़ी इलाके का भूवैज्ञानिक हाल में नहीं बल्कि सन 1700 यानी तीन सौ साल से अध्ययन कर रहे हैं। महाद्वीपों के टकराव के जरिये पहाड़ों के निर्माण की भौगोलिक प्रक्रिया का इसे बिलकुल किताबी नमूना कहा जा सकता है। हवाई तस्वीरें देखें तो यह प्रकृति का अद्भुत शिल्प लगता है।

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