गोविंदा आला रे, आला..

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1.हवाई इंटरनेशनल बिलफिश टूर्नामेंट, कोना कोस्ट, हवाई, अमेरिका: मछलीमारों का मुकाबला। मछली भी छोटी-मोटी नहीं, बल्कि बड़ी वाली मर्लिन मछलियां। दुनियाभर के मछलीमार हर साल यहां इस मुकाबले में गवर्नर्स ट्रॉफी पर कब्जा जमाने के लिए जुटते हैं। हर टीम में कम से कम दो और ज्यादा से ज्यादा छह एंगलर होने चाहिए। हर रोज सवेरे सात बजे से शाम चार बजे तक मुकाबला खुला रहता है। पिछले साल इस प्रतियोगिता में आस्ट्रेलिया, बहामास, जापान, न्यूजीलैंड, पापुआ न्यू गिनी, दक्षिण अफ्रीका और पूरे अमेरिका से बड़े-बड़े मछलीमार इकट्ठा हुए। इस मुकाबले की शुरुआत 48 साल पहले हुई थी। तब से इसे बिग गेम फिशिंग मुकाबलों का बाप कहा जाता है। अब इसमें कोना कोस्ट का आकर्षण क्यों है? इसलिए कि यहां पानी में गरमाहट है, समुद्र में गहराई है, आकाश खुला है और सबसे बड़ी बात मर्लिन मछलियां पकड़ने की पूरी-पूरी गुंजाइश है।

2.एम्सटर्डम कैनाल परेड, एम्सटर्डम, नीदरलैंड: दुनियाभर में निकलने वाली गे प्राइड परेडों में एम्सटर्डम प्राइड का अलग ही महत्व है। कैनाल परेड दरअसल उसी का एक हिस्सा है, एक तरह से उसका चरम मुकाम। कैनाल परेड इस खूबसूरत शहर की नहरों में निकलती है और इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस परेड को साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग देखते हैं। वर्ष 1995 में इसकी शुरुआत के बाद से इसकी लोकप्रियता में लगातार इजाफा हुआ है। लगभग अस्सी सजी-धजी नावों में रंग-बिरंगे नर्तक और बाकी लोग दर्शकों को लुभाते हैं। शुक्रवार से रविवार तक तीन दिन चलने वाली एम्सटर्डम प्राइड परेड के दूसरे दिन कैनाल परेड होती है। पूरे शहर में बड़े जलसे का सा माहौल होता है। शनिवार को ही दिनभर की कैनाल परेड के बाद रात को मैकवेग में व्हाइट पार्टी होती है। देर तक संगीत की मस्ती। व्हाइट पार्टी इसलिए कि वहां आपका सफेदपोश होना जरूरी है।

3.बर्लिन इंटरनेशनल बीयर फेस्टिवल, बर्लिन, जर्मनी: यूरोप के कई देशों, खास तौर से जर्मनी में बीयर पीने-पिलाने के बस बहाने ढूंढे जाते रहते हैं। बर्लिन बीयर फेस्टिवल में आपको एक मील लंबे दुनिया के सबसे बड़े बीयर गार्डन का नजारा मिल सकता है। इस मौके पर बर्लिन के कार्ल मा‌र्क्स एले में हर साल दस लाख लोग जुटते हैं। हर साल अगस्त के पहले सप्ताहांत में एक मील लंबी सड़क पर लगे स्टालों में 1200 से ज्यादा किस्म की बीयर मिलेंगी। आनंद दूना करने के लिए 12 मंच संगीत व अन्य शो पेश करते रहते हैं। पूरी जर्मनी के अलावा पोलैंड, चेक गणराज्य, बेल्जियम और ब्रिटेन की तमाम ब्रेवरीज अपनी स्टाल लगाती हैं।

4.श्रावणी तीज, जयपुर, राजस्थान: सावन के भीगे-भीगे महीने की मौजमस्ती, चारों तरफ हरियाली और पेड़ों पर लगे झूले। तीज की बात ही निराली है। खास तौर पर महिलाओं का त्योहार। धार्मिक महत्व की बात की जाए तो देवी पार्वती के प्रति आस्था का पर्व। इस पर्व की खास रौनक भले ही राजस्थान में दिखती हो लेकिन इसे मनाया पूरे उत्तर भारत और नेपाल में भी जाता है। जयपुर में देवी पार्वती की पूजा के बाद हाथियों, ऊंटों व घोड़ों की सवारी देखने लायक होती है।

5.नेहरू ट्रॉफी बोट रेस, अल्लपुझा, केरल: केरल में बोट रेसों की श्रृंखला की सबसे महत्वपूर्ण व प्रतिष्ठित रेस। यह रेस हर साल अगस्त के दूसरे शनिवार को उस जगह पर होती है जो केरल में बैकवाटर्स का गढ़ माना जाता है-एलेप्पी या अल्लपुझा की पुन्नमड़ा झील। सौ-सौ फुट लंबी सजी-धजी सर्प नौकाओं में लगती है नेहरू ट्रॉफी के लिए होड़। वर्ष 1952 से हर साल हो रही इस रेस की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसको देखने के लिए दो लाख से ज्यादा लोग जुटते हैं जिनमें बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी होते हैं। सौ फुट की नाव में चार मुख्य नाविक, सौ चप्पूचालक और 25 गायक होते हैं।

6.कृष्ण जन्माष्टमी, मथुरा-वृंदावन और हर कहीं: कृष्ण के व्यक्तित्व की यह खूबी थी कि वह भक्तों को उनसे प्रेम करने पर मजबूर कर देती थी। भक्त उस प्रेम रस में डूब से जाते हैं। उसी प्रेम की पराकाष्ठा नजर आती है जन्माष्टमी में। कृष्ण जन्मभूमि होने के कारण भले ही मथुरा में भक्त उमड़ पड़ते हों। लेकिन दुनिया के हर कोने में कृष्णभक्त इस दिन को अपने ही तरीके से मनाते हैं। गली-गली, घर-घर में जिस तरह से इस मौके पर झांकियां सजाई जाती हैं वे इस पर्व में आम लोगों की भागीदारी और कृष्ण के प्रति उनकी आस्था को व्यक्त करते हैं।

7.ला टौमेटिना या टमाटरों से जंग, बुनयोल, स्पेन: हर साल एक दिन इस छोटे से गांव के लगभग नौ हजार बाशिंदे यह पाते हैं कि रातों-रात उनकी आबादी चार-पांच गुना बढ़ गई है। आखिर आस-पास से हजारों की तादाद में लोग टमाटरों से लड़ी जाने वाली इस सबसे बड़ी जंग में हिस्सा लेने पहुंचते हैं। हर व्यक्ति अपनी जंग सामने आने वाले हर व्यक्ति से लड़ता है। टमाटर से भरे पांच रॉकेट आकाश में छोड़कर जंग का ऐलान किया जाता है और फिर दो घंटे तक खुला खेल फर्रूखाबादी होता है। नियम के तौर पर केवल एक यह नियम है कि टमाटर के सिवाय कुछ नहीं फेंका जएगा और टमाटर साबुत नहीं, फोड़कर फेंका जाएगा। टमाटरों की कमी की चिंता करने की जरूरत नहीं है- सवा लाख (जी हां, सवा लाख) किलो पके हुए टमाटर जंग के लिए उपलब्ध रहते हैं। इस जंग के बाद क्या नजारा होता होगा- या तो इसकी कल्पना कीजिए या फिर स्पेन का रुख कर लीजिए।

8.कोलोराडो स्टेट फेयर, पुबलो, कोलोराडो, अमेरिका: गरमियों के सबसे लोकप्रिय आयोजनों में से एक कोलोराडो का यह सालाना मेला 130 साल से भी पुराना है और स्वरूप में हमारे पंजाब में होने वाले ग्रामीण ओलंपिक से काफी-कुछ मिलता-जुलता है। यहां सूअरों की दौड़ से लेकर गायों को दुहने तक की सारी प्रतियोगिताएं होती हैं। यहां डॉग एक्सपो भी है, रॉकेट लांच भी और ट्रैक्टर खींचने का मुकाबला भी। इस अमेरिकी मेले में हमारी देहाती मेले की सारी खूबियां मौजूद हैं- कारीगर अपनी कला का नमूना दिखाते भी हैं और उसे बेचते भी हैं। देसी बीयर से लेकर उम्दा वाइन तक, फूलों की सजावट से लेकर रजाई, तक हाथ की बनी तमाम चीजें यहां मिल जाएंगी। कार्निवल और आतिशबाजी मेले का खास आकर्षण होती है। जाहिर है, कभी-कभी 11 दिन चलने वाला मेला भी छोटा लगने लगता है।

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