वेनिस: दो लफ्जों की है जिसकी कहानी

  • SocialTwist Tell-a-Friend

हम हिंदुस्तानी वेनिस को दो तरीके से पहचानते हैं। एक तो शेक्सपियर के मशहूर नाटक  मर्चेट ऑफ वेनिस के कथानक के जरिये और दूसरा अमिताभ बच्चन-जीनत अमान की मशहूर फिल्म ‘द् ग्रेट गैम्बलर’ के उस गाने के जरिये जिसकी गिनती हिंदी सिनेमा के सरताज गानों में की जाती है। ‘दो लफ्जों की है दिल की कहानी..’, यह गाना आज 28 साल बाद भी प्यार भरे दिलों में एक झंकार पैदा कर देता है। इस गाने ने वेनिस की खूबसूरती को भी हिंदुस्तानियों तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। ग्रांड कैनाल में गंडोला के ऊपर जीनत-अमिताभ की अदाएं आज भी लोगों को याद हैं।

कैनाल व गंडोला, वेनिस को यही खास बनाते हैं। इटली का यह शहर अपनी नहरों के लिए ही दुनियाभर में जाना जाता है। आज की दौड़ती दुनिया में आप क्या कल्पना कर सकते हैं एक ऐसी जगह की जहां कारें नहीं चलतीं, जहां आवागमन का साधन या तो नावें हैं या फिर आपके पांव।


29septp107द्वीपों का समूह
वेनिस दरअसल एड्रियाटिक सागर से जुड़े एक लैगून में 118 द्वीपों का एक द्वीपसमूह है। इस द्वीप समूह में डेढ़ सौ नहरें हैं। शहर के अलग-अलग द्वीप चार सौ पुलों से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। बस आप इन नहरों को ही यहां की सड़कें समझ लीजिए। हालांकि 19वीं सदी में मुख्यभूमि को जोड़ने वाले एक सेतुमार्ग के जरिये यहां रेल लाइन पहुंची और वेनिस में रेलवे स्टेशन बना। इसी तरह 20वीं सदी में मोटरवाहनों के लिए एक सेतुमार्ग और पार्किग स्थल तैयार किए गए। लेकिन वेनिस के उत्तरी सिरे पर मुख्यभूमि के ये दोनों संपर्क जरिये आकर खत्म हो जाते हैं। लेकिन शहर के भीतर, सदियों पहले की ही तरह आज भी आने-जाने के लिए या तो नावें लेनी होती हैं या फिर पैदल चलना होता है। जाहिर है, वेनिस यूरोप का सबसे बड़ा कारविहीन इलाका है। दुनिया में गिने-चुने शहर होंगे जहां पैदल चलने का इतना महत्व है, जो लुत्फ और आवागमन का मुख्य जरिया, दोनों ही देते हैं।

29septp307गंडोला यहां की पारंपरिक नाव है। लेकिन अब इसका इस्तेमाल पर्यटकों, विवाह, जनाजों आदि के लिए ही होता है। चूंकि ये महंगी पड़ती हैं इसलिए आम वेनिसवासी मोटर से चलने वाली पानी की बसों यानि वेपोरेत्ती का इस्तेमाल करते हैं जो तय रूटों पर चलती हैं। हालांकि शहर में कई निजी नावें भी हैं। आप गंडोला पर घूमेंगे तो शायद धारीदार कमीज पहने नाविक को- ‘ओ सोले मियो..’, गाते सुनने का आनंद उठा सकेंगे। लकड़ी के लट्ठों पर टिकी अद्भुत इमारतों के शहर वेनिस में देखने को और भी बहुत कुछ है। यहां के इतिहास की गवाही देते कई शानदार महल हैं। कई प्रतिष्ठित चर्च हैं। शहर का महत्व इसी से जाहिर हो जाता है कि कई अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी करने का मौका लगातार इसे मिलता रहता है। वेनिस फिल्म फेस्टिवल दुनियाभर के फिल्मजगत में प्रतिष्ठा का स्थान रखता है। इसी तरह कार्निवल ऑफ वेनिस का इंतजार पूरे साल रहता है। पानी का ज्वार  समुद्र के पानी से घिरे रहने और यहां तक कि शहर के भीतर भी पानी ही पानी होने से सर्दी से पहले ही वेनिस में पानी के ज्वार का दौर शुरू हो जाता है। सर्दियों में भी यह चलता रहता है। पानी चढ़ता है और वेनिस की सड़कों पर आ जाता है। हालांकि ऐसा हर रोज नहीं होता और जब होने वाला होता है तो लोगों के लिए चेतावनी के सायरन बजा दिए जाते हैं। नावों के रास्तों पर नक्शे लगा दिए जाते हैं जो बताते हैं कि कौन से पैदल पुल शहर के मुख्य हिस्से में जाने के लिए सुरक्षित हैं।

प्रदूषण के चलते ग्लोबल वार्मिग और समुद्र के बढ़ते जलस्तर को ही वेनिस के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया जा रहा है। हालांकि इस खतरे को दूर करने के प्रयास भी चल रहे हैं।  वेनिस हजार साल तक दुनिया की सबसे ताकतवर समुद्री कारोबारी शक्ति रहा। लेकिन वह प्रभुत्व खत्म हुए जमाना बीत गया। वेनिस जाकर उसका अहसास जरूर होता है। बदलती दुनिया में उसकी उस ताकत के चिह्न बेमेल भले ही लगते हों लेकिन वे हैं इतने सुंदर कि उन्हें देखे बिना रहा नहीं जा सकता। तकलीफ यह सोचकर होती है कि इस खूबसूरती का भविष्य कितना अनिश्चित है। वेनिस को लेकर चल रही आशंकाएं अगर कभी सच साबित होती हैं तो यह दुनिया अपना एक बेशकीमती हीरा हमेशा के लिए खो देगी।
कैसे
 जाएँ
सड़क मार्ग से-वेनिस जाने के लिए बसें व टैक्सी इटली की मुख्यभूमि से मिल जाती हैं। या फिर आप सीधे कार से भी वेनिस पहुंच सकते हैं। लेकिन वेनिस में कार की पार्किग मंहगी पड़ती है। इसलिए यूरोप या इटली के बाकी हिस्सों से आने वाले लोग अपनी कारें मुख्यभूमि में ही पार्क करके बस या ट्रेन से पिआत्सा (पिआत्सा चौराहे या चौक को कहते हैं) रोमा आना पसंद करते हैं।  ट्रेन से-सेंट लूसिया वेनिस का ट्रेन स्टेशन है। यहां इटली से आने वाली अन्य ट्रेनों के अलावा यूरोप में चलने वाली कई लग्जरी ट्रेनें आती है।  हवाई जहाज से-मार्को पोलो हवाईअड्डा वेनिस से 13 किलोमीटर दूर है। यहां से वेनिस जाने के लिए नाव, बसें, एयरपोर्ट शटल व टैक्सियां मिल जाती हैं। पानी के जहाज से-क्रूज जहाजों के लिए टर्मिनल सान मार्टा स्थित पोर्ट ऑफ वेनिस में है। यहां से मुफ्त शटल बोट सेवा आपको पिआत्सा सान मार्को ले जाएगी।
कब
जाएँ
यूं तो वेनिस कभी भी जाया जा सकता है लेकिन बसंत में ईस्टर से जून व सिंतबर-अक्टूबर का समय सबसे व्यस्त होता है। मौसम के लिहाज से जून से अगस्त का समय उमस व चिपचिपाहट वाला होता है। अक्टूबर का समय शांत होता है। नवंबर व दिसंबर के दिन पानी के चढ़ने के होते हैं। उसके बाद सर्दियों में बर्फ जमकर गिरती है। ठंड बहुत ज्यादा होती है लेकिन वेनिस को बर्फ में देखने का अलग ही मजा है, एकदम परीकथाओं जैसा।

VN:F [1.9.1_1087]
Rating: 8.0/10 (3 votes cast)
वेनिस: दो लफ्जों की है जिसकी कहानी, 8.0 out of 10 based on 3 ratings



Leave a Reply

    * Following fields are required

    उत्तर दर्ज करें

     (To type in english, unckeck the checkbox.)

आपके आस-पास

Jagran Yatra