जम्मू और कश्मीर

पर्यटन

कश्मीर में मुगल बादशाह जंहागीर द्वारा निर्मित शालीमार बाग, निशात बाग, चश्मेशाही झरना, डल झील, सोनमर्ग , गुलमर्ग और अमरनाथ की पर्वत गुफा प्रसिध्द दर्शनीय स्थल हैं । लद्धाख स्थित बौध्द मन्दिर व मठ अद्वितीय स्थल हैं । जम्मु की 140 कि.मी. लम्बी व 33-40 कि.मी. चौडी घाटी में स्थापित वैष्णौं दैवी के मन्दिर की सम्पूर्ण भारत में मान्यता है । घाटी में स्थित हजरत बल दरगाह मुसलमानो का बडा धार्मिक तीर्थ है । अनंतनाग में स्थित 600 वर्ष पुरानी बाबा दाऊद काकी की मस्जिद राज्य की सबसे पुरानी मस्जिद है । इसके अतिरिक्त हिन्दुओं का पवित्र तीर्थस्थल अमरनाथ भी यहीं पर है । अनंतनाग जिले का नागबल मन्दिर हिंदुओं का प्रसिध्द तीर्थ हैं ।

राष्ट्रीय उद्यान

यहां के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान निम्नलिखित हैं – दाचिगाम राष्ट्रीय उद्यान (श्रीनगर) (141 वर्ग किमी.) हेमिस लेह (4100 वर्ग किमी.) किश्तवर डोडा (310 वर्ग किमी.)

प्रमुख पर्व और मेले

लोहड़ी, बैसाखी और बहुमेला जम्मु में जाने वाले प्रमुख पर्व हैं । कश्मीर में ईद-उल-फितर, ईद-उल-जुहा तथा मिराजआलम और लध्दाख में मेला लोसर और हेमिस पर्व मनाये जाते हैं ।

जम्मू और कश्मीर के आर्टिकल्स

श्रद्धा की रोमांचक यात्रा अमरनाथ

श्रद्धा की रोमांचक यात्रा अमरनाथ

आस्था एवं साहस की बुलंदियों का पर्याय है अमरनाथ यात्रा। समुद्रतल से 14500 फुट की ऊंचाई पर विशाल प्राकृतिक गुफा के रूप में अवस्थित है यह तीर्थ। इसी गुफा में भगवान शिव हिमलिंग के रूप में आकार लेते हैं। हर वर्ष सावन माह में इस हिम... आगे पढ़े

श्रीनगर एक शहर सपने सा

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बचपन से सुनते आए थे कि कश्मीर जन्नत है! जब बड़े होने लगे तो जन्नत में आग लग गई। लंबे अरसे बाद जब आग थमती सी दिखी तो जम्मू से टैक्सी में सवार हुए और चल दिए। टैक्सी बनिहाल दर्रे और पटनी टॉप को पार करती बढ़ती गई। जवाहर टनल तक पहुंचते-पहुंचते... आगे पढ़े

हिमालय की गोद में माता के द्वार

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शक्ति की उपासना की परंपरा हमारे देश में उतनी ही पुरानी है, जितनी कि संस्कृति। शक्ति को यहां माता कहा गया है। देवताओं को भी जब-जब शक्ति की जरूरत पड़ी उन्होंने देवी के रूप में ही उसका आह्वान किया। शक्ति की देवी के उन्हीं रूपों... आगे पढ़े

बर्फ का देश लद्दाख

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लामाओं की भूमि लद्दाख के बारे में बहुत सुना था, इसलिए उसे देखने की हमारी बहुत इच्छा थी। पहले यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए सुविधाजनक नहीं था। सिर्फ ट्रेकिंग और रोमांच भरी साहसी यात्रा करने वाले लोग ही अपने साधनों से वहां पहुंच... आगे पढ़े

चलो बुलावा आया है..

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नवरात्र में देवी के स्थानों की यात्रा भारत के धार्मिक पर्यटन का अभिन्न हिस्सा है। शिवपुराण की कथा के अनुसार शिव एक प्रसंग के बाद सती पार्वती के शव को लेकर तीनों लोकों में भ्रमण कर रहे थे, तो भगवान विष्णु ने उनका मोह दूर करने... आगे पढ़े

मिट्टी में नहाएं या बनाएं रेत के महल

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आनायुत्तू, वदक्कुमनाथा मंदिर, त्रिशूर केरल की प्रकृति के साथ-साथ वहां की धार्मिक रीति में हाथियों की बड़ी भूमिका है। हर साल मलयालम महीने करकीदकम के पहले दिन मनाया जाने वाला यह पर्व दरअसल हाथियों का महाभोज है। इस दिन बड़ी संख्या... आगे पढ़े

फिर चलें लद्दाख

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कई रोमांचप्रेमी ऐसे हैं जो हर साल जून-जुलाई-अगस्त में लद्दाख जाने को सालाना तीर्थयात्रा की तर्ज पर लेते हैं। लेकिन आप रोमांचप्रेमी न हों तो भी लद्दाख की खूबसूरती देखने लायक है। मौसम और माहौल तैयार है, बस आपके आने की देरी है।... आगे पढ़े

बाइक से सातवें आसमान पर

बाइक से सातवें आसमान पर

ऊंची चोटियों को अब तक कदमों से नापा जाता था लेकिन अब इंसान ने रास्ते बना लिए हैं और वाहनों से उंचाई छूने लगा है। लेकिन रास्ते बन जाने के बाद भी सफर आसान नहीं हो जाता। खासकर यदि आप लद्दाख के रास्ते पर बाइक से जा रहे हों। लंबा सफर,... आगे पढ़े

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