उत्तर भारत के आर्टिकल्स

कुमाऊँ-एक दस्तक

कुमाऊँ-एक दस्तक

उत्त्तरांचल राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों में नैनीताल, मंसूरी, रानीखेत, अल्मोड़ा, कौसानी, देहरादून प्रमुख हैं। पर्यटक देहरादून एवं ऋषिकेश तथा नैनीताल से 36 कि.मी. पहले स्थित काठगोदाम नामक रेलवे स्टेशन तक रेल मार्ग से पहुंच... आगे पढ़े

श्रीनगर एक शहर सपने सा

श्रीनगर एक शहर सपने सा

बचपन से सुनते आए थे कि कश्मीर जन्नत है! जब बड़े होने लगे तो जन्नत में आग लग गई। लंबे अरसे बाद जब आग थमती सी दिखी तो जम्मू से टैक्सी में सवार हुए और चल दिए। टैक्सी बनिहाल दर्रे और पटनी टॉप को पार करती बढ़ती गई। जवाहर टनल तक पहुंचते-पहुंचते... आगे पढ़े

पहाड़ों की वादियों में बिताएं गर्मी की छुट्टियां

पहाड़ों की वादियों में बिताएं गर्मी की छुट्टियां

सैर-सपाटे के शौकीन लोगों को तो जैसे ग्रीष्मावकाश की प्रतीक्षा रहती है। जब परिवार सहित पर्वतों की सुरम्य वादियों में पहुंचने को मन करता है। हिमालय की विभिन्न पर्वत श्रृंखलाओं में एक के बाद एक अनेक ऐसे स्थल मौजूद हैं, जहां से... आगे पढ़े

शहर मंदिरों का

शहर मंदिरों का

वाराणसी में अनेक दर्शनीय धार्मिक व तीर्थ स्थल हैं। इनमें काशी विश्वनाथ मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, ढुंढिराज गणेश, काल भैरव, दुर्गा जी का मंदिर, संकटमोचन, तुलसी मानस मंदिर, नया विश्वनाथ मंदिर, भारतमाता मंदिर, संकठा देवी मंदिर व... आगे पढ़े

बनारस : हर घाट का निराला है ठाठ

बनारस : हर घाट का निराला है ठाठ

सहस्त्राब्दियों से सुख-दुख झेलती काशी ने कभी मोक्ष तीर्थ तो कभी आनंद कानन के रूप में इतिहास के  इति और आरंभ से साक्षात्कार किया। वाराणसी और बनारस के नाम से विख्यात इस नगर को ईस्वी पूर्व 1200 में सहोल के पुत्र काश्य ने बसाया था। कथा... आगे पढ़े

हिमालय की गोद में माता के द्वार

हिमालय की गोद में माता के द्वार

शक्ति की उपासना की परंपरा हमारे देश में उतनी ही पुरानी है, जितनी कि संस्कृति। शक्ति को यहां माता कहा गया है। देवताओं को भी जब-जब शक्ति की जरूरत पड़ी उन्होंने देवी के रूप में ही उसका आह्वान किया। शक्ति की देवी के उन्हीं रूपों... आगे पढ़े

स्वीकारें गिरि शिखरों का मूक निमंत्रण

स्वीकारें गिरि शिखरों का मूक निमंत्रण

हिमालय की भव्यता के प्रतीक ऊंचे पर्वतशिखरों पर विजय हर पर्वतारोही चाहता है। नौजवानों को यह शिखर मूक निमंत्रण देते रहते हैं। विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) पर मई 1953 में पहली बार सर एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्गे... आगे पढ़े

तीन लोक से न्यारी काशी

तीन लोक से न्यारी काशी

अब देश के सभी प्रमुख महानगरों से रेल और सड़क ही नहीं, हवाई मार्ग से भी सीधे जुडे़ बनारस के भीतर अगर आप घूमना चाहते हैं तो ऑटो या साइकिल रिक्शे से बेहतर साधन नहीं हो सकता। जिन कारणों से भारतीय लोकमानस में काशी के नाम से प्रतिष्ठित... आगे पढ़े

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