भारत के आर्टिकल्स

खिलौना गाड़ी का मजेदार सफर

खिलौना गाड़ी का मजेदार सफर

आपने रेलयात्राएं खूब की होंगी, लेकिन सिर्फ पर्यटन या मनोरंजन के लिए भी रेल यात्रा की जा सकती है, इसका पता आपको दार्जिलिंग की खिलौना गाड़ी (ट्वाय ट्रेन) में सफर करके ही चल सकता है। सौ वर्षो से अधिक समय से दार्जिलिंग की पहचान बनी... आगे पढ़े

कर्नाटक में छाए हैं उडुपि  रेस्तरां

कर्नाटक में छाए हैं उडुपि रेस्तरां

जिस तरह मुंबई बड़ा महानगर होने के बावजूद मराठी व और गुजराती संस्कृति का मिलाजुला भाव प्रस्तुत करता है वैसे ही बंगलौर की भोजन परंपरा पर तमिल, मलयाली और आंध्र प्रदेश का मिलाजुला प्रभाव है। आम उत्तर भारतीय को यह संस्कृति सिर्फ... आगे पढ़े

स्वीकारें गिरि शिखरों का मूक निमंत्रण

स्वीकारें गिरि शिखरों का मूक निमंत्रण

हिमालय की भव्यता के प्रतीक ऊंचे पर्वतशिखरों पर विजय हर पर्वतारोही चाहता है। नौजवानों को यह शिखर मूक निमंत्रण देते रहते हैं। विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) पर मई 1953 में पहली बार सर एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्गे... आगे पढ़े

जयपुर में फागुन की मस्ती और हाथियों का उत्सव

जयपुर में फागुन की मस्ती और हाथियों का उत्सव

मेलों और त्योहारों के रंगों में रंगी भारतभूमि के हर राज्य में कई महोत्सव मनाए जाते हैं। फागुन के आते ही पूरे देश में होली से जुड़े रंग-रंगीले आयोजनों का सिलसिला शुरू हो जाता है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में इस मौके पर अनूठा... आगे पढ़े

विरासत को सहेजने का नाम है बंगलौर

विरासत को सहेजने का नाम है बंगलौर

नए दौर में आधुनिक तकनीकी शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी के केंद्र के रूप में उभरता बंगलौर आजादी के बाद से ही शिक्षा का बड़ा केंद्र रहा है। मीडिया, प्रबंधन, विज्ञान व प्रौद्योगिकी के बड़े संस्थानों के अलावा  कला और संगीत के कई... आगे पढ़े

जरूर लें गुजरात के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद

जरूर लें गुजरात के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद

गुजरात या मुंबई के किसी लोकप्रिय गुजराती रेस्तरां में जाएं तो आप गुजराती थाली में व्यंजनों की संख्या देखकर भौंचक्के रह जाएंगे। खाने की पारंपरिक थाली में कढ़ी, उंद्रया, ढोकला, श्रीखंड, सेवगांठी, अमरस, दूधपाक, रोटियां, भाजियां... आगे पढ़े

सांस्कृतिक विविधता की भूमि है गुजरात

सांस्कृतिक विविधता की भूमि है गुजरात

उत्तर में पाकिस्तान, पश्चिम में सागर और पूरब-पश्चिम में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान से घिरे गुजरात की धरती अपनी सांस्कृतिक धरोहरों को बखूबी संजोए हुए है। यह राज्य अपने मंदिरों, समुद्रतटों, कला-शिल्प और वन्य विहारों... आगे पढ़े

पक्षियों के कलरव से गुलजार घना पार्क

पक्षियों के कलरव से गुलजार घना पार्क

राजस्थान में भरतपुर स्थित केवलादेव घना राष्ट्रीय पार्क विश्व के अति सुंदर पक्षी विहारों में से एक है। 1981 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित होने से पहले यह अभ्यारण्य था। 29 वर्ग किमी में फैले इस पार्क में कम गहरी झीलें तथा जंगल हैं,... आगे पढ़े

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