भारत के आर्टिकल्स
खुले आकाश में पंछियों की तरह उड़ना, ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों की चोटियों को छूना या बर्फीली वादियों में अठखेलियां करने का मजा और रोमांच लोगों को साहसिक पर्यटन की ओर आकर्षित करते हैं। यही वजह है कि देश के पर्यटन मानचित्र पर कुछ ऐसे स्थान... आगे पढ़े
गोल्डन चैरियट: दक्षिण भारत की पहली लग्जरी ट्रेन
भारत में लग्जरी ट्रेनों की ग्राहकी तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि मोटी जेबों वाले खास सैलानियों के लिए एक के बाद एक नई शाही ट्रेनें पटरियों पर उतर रही हैं। पैलेस ऑन व्हील्स के नए आधुनिक संस्करण को उतारने की तैयारी चल ही रही... आगे पढ़े
संग्रहालय कहीं न कही हमारी संस्कृति का प्रतिबिंब होते हैं इसलिए उनका पर्यटन महत्व कम नहीं होता। कभी संग्रहालय इतिहास, पुरातत्व, मानव विज्ञान विषयों तक ही सीमित थे लेकिन बीसवीं सदी में जब नए-नए विषयों को लेकर व्यवस्थित रूप... आगे पढ़े
किब्बर: चलें हिमाचल के सबसे ऊंचे गांव
हिमाचल में स्तिथ किब्बर की धरती पर बारिश का होना किसी अजूबे से कम नही होता। बादल यहां आते तो हैं लेकिन शायद इन्हें बरसना नहीं आता और ये अपनी झलक दिखाकर लौट जाते हैं। एक तरह से बादलों को सैलानियों का खिताब दिया जा सकता है जो घूमते,... आगे पढ़े
हिमालय से एकाकार कराता है चोपता तुंगनाथ
उत्तराखंड की हसीन वादियां किसी भी पर्यटक को अपने मोहपाश में बांध लेने के लिए काफी है। कलकल बहते झरने, पशु-पक्षी ,तरह-तरह के फूल, कुहरे की चादर में लिपटी ऊंची पहाडि़या और मीलों तक फैले घास के मैदान, ये नजारे किसी भी पर्यटक को स्वप्निल... आगे पढ़े
सिक्किम की वादियों में बाइकिंग का मजा
कंचनजंघा की धरती सिक्किम भारत के सबसे हसीन इलाकों में से है। प्रकृति ने इसे बेपनाह खूबसूरती बख्शी है। इधर सिक्किम रोमांचक पर्यटन के नए केंद्र के रूप में काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसकी शायद सबसे बड़ी वजह इसका बाकी पहाड़ी पर्यटन... आगे पढ़े
शबरिमला: ब्रह्मचारी अय्यप्पन का वास
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किमी. की दूरी पर पंपा है, और वहीं से चार-पांच किमी. की दूरी पर पश्चिम घाट से सह्यपर्वत श्रृंखलाओं के घने जंगलों के बीच, समुद्र की सतह से लगभग 1000 मीटर की ऊंचाई पर शबरिमला मंदिर है। ‘मला’ मलयालम... आगे पढ़े
कैमल फेस्टिवल, बीकानेर, राजस्थान थार के रेगिस्तान की सैर का उपयुक्त माहौल बनाता एक रंगारंग आयोजन। जूनागढ़ फोर्ट के लाल पत्थरों की पृष्ठभूमि में सजे-धजे ऊंटों की सवारी से शुरू होता है यह जलसा। जब ऊंट फेस्टिवल तो ज्यादातर आयोजन... आगे पढ़े
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