पश्चिम भारत के आर्टिकल्स

कौमी एकता का प्रतीक अजमेरशरीफ

कौमी एकता का प्रतीक अजमेरशरीफ

अजमेर का इतिहास जितना रोचक है, धार्मिक दृष्टि से वह उतना ही महत्वपूर्ण है। अरावली की पहाडि़यो के मध्य तारागढ़ नामक पहाड़ी के आसपास फैले इस शहर को चौहान राजा अजयपाल ने सातवी सदी मे बसाया था। चौहान राजाओं के बाद यह मेवाड़ के राणाओं,... आगे पढ़े

प्राकृतिक सौंदर्य से संपन्न पर्यटकों को सम्मोहित कर लेता है माउंटआबू

प्राकृतिक सौंदर्य से संपन्न पर्यटकों को सम्मोहित कर लेता है माउंटआबू

राजस्थान का एकमात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंटआबू प्रकृति की नायाब देन है। गुजरात व राजस्थान के पर्यटकों के दम पर टिका यह ‘हिल स्टेशन अब उत्तर-पूर्वी राज्यों और विदेशी सैलानियों का भी मुख्य आकर्षण बनता जा रहा है। जीवन की... आगे पढ़े

महाराष्ट्र के अष्टविनायक

महाराष्ट्र के अष्टविनायक

सभी देवों में प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा वैसे तो पूरे देश में होती है, पर महाराष्ट्र में इनकी मान्यता कुछ अधिक ही है। राजधानी मुंबई में स्थित सिद्धिविनायक के दर्शन के लिए कई नामी-गिरामी लोग कतार में खड़े देखे जा सकते हैं।... आगे पढ़े

प्रकृति की गोद में अतीत की थाती

प्रकृति की गोद में अतीत की थाती

देश के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है दीव। छोटा सा यह टापू गुजरात की मुख्य भूमि से सटा हुआ है। करीब 38 किमी का यह टापू प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। अगर आप प्रदूषित पर्यावरण से दूर शुद्ध व साफ हवा में कुछ दिन गुजारना चाहते... आगे पढ़े

हिमालय की गोद में माता के द्वार

हिमालय की गोद में माता के द्वार

शक्ति की उपासना की परंपरा हमारे देश में उतनी ही पुरानी है, जितनी कि संस्कृति। शक्ति को यहां माता कहा गया है। देवताओं को भी जब-जब शक्ति की जरूरत पड़ी उन्होंने देवी के रूप में ही उसका आह्वान किया। शक्ति की देवी के उन्हीं रूपों... आगे पढ़े

जयपुर में फागुन की मस्ती और हाथियों का उत्सव

जयपुर में फागुन की मस्ती और हाथियों का उत्सव

मेलों और त्योहारों के रंगों में रंगी भारतभूमि के हर राज्य में कई महोत्सव मनाए जाते हैं। फागुन के आते ही पूरे देश में होली से जुड़े रंग-रंगीले आयोजनों का सिलसिला शुरू हो जाता है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में इस मौके पर अनूठा... आगे पढ़े

जरूर लें गुजरात के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद

जरूर लें गुजरात के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद

गुजरात या मुंबई के किसी लोकप्रिय गुजराती रेस्तरां में जाएं तो आप गुजराती थाली में व्यंजनों की संख्या देखकर भौंचक्के रह जाएंगे। खाने की पारंपरिक थाली में कढ़ी, उंद्रया, ढोकला, श्रीखंड, सेवगांठी, अमरस, दूधपाक, रोटियां, भाजियां... आगे पढ़े

सांस्कृतिक विविधता की भूमि है गुजरात

सांस्कृतिक विविधता की भूमि है गुजरात

उत्तर में पाकिस्तान, पश्चिम में सागर और पूरब-पश्चिम में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान से घिरे गुजरात की धरती अपनी सांस्कृतिक धरोहरों को बखूबी संजोए हुए है। यह राज्य अपने मंदिरों, समुद्रतटों, कला-शिल्प और वन्य विहारों... आगे पढ़े

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