राजस्थान

पर्यटन

पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान देश के प्रमुख राज्यों में से एक है। यहां के स्थलों में इसकी समुध्द ऐतिहासिक विरासत झलकती हैं। जयपुर का सिटी पैलेस, जंतर- मंतर, हवा महल, आमेर पैलेस, जोधपुर का उमैद भवन, मेहरगढ़ किला, उदयपुर का सिटी पैलेस,रनकपुर जैन मंदिर, हल्दीघाटी, जैसलमेर का किला, भरतपुर का लौहगढ़ किला, जवाहर बुर्ज, फतेह बुर्ज, अजमेर की ख्वाजा मोईनुद्यीन चिश्ती की दरगाह, तारागढ किला, पुष्करनाथ मन्दिर, चितौडगढ़ का विजय स्तंभ, राणाकुम्भ पैलेस, सास-बहु मन्दिर, मीरा बाई मन्दिर और माउंट आबू का गोमुख मन्दिर, दिलवाडा जैन मन्दिर आदि राज्य के प्रसिध्द पर्यटन स्थल है।

राष्ट्रीय उद्यान

राजस्थान के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान निम्नलिखित है – केवलादेव घाना पार्क (भरतपुर) (29 वर्ग किमी.) रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान (सवाई माधोपुर) (392 वर्ग किमी.) सरिस्का बाघ अभ्यारण्य (अलवर) (866 वर्ग किमी.) डेजर्ट नेशनल पार्क (जैसलमेर) (3162 वर्ग किमी.)

प्रमुख पर्व और मेले

होली, दीपावली, विजयादशमी, क्रिसमस यहां मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहार हैं। राजस्थान में सांस्कृतिक मेलों का समय समय पर आयोजन होता है। जिसमें पशु मेले, धार्मिक मेले तथा ऋतुओं और पर्वों के अनुसार मेलों का आयोजन किया जाता हैं। कुछ प्रमुख मेले हैं – नागौर मेला, नागौर ; डेजर्ट फेस्टिवल, जैसलमेर, बानेश्वर फेयर, बानेश्वर; तीज, गणगौर, जयपुर ; मेवाड फेस्टिवल, उदयपुर ; उर्स अजमेर शरीफ, अजमेर; समर फेस्टिवल, माउंट आबू; मेवाड फेस्टिवल, जोधपुर; पशु मेला, पुष्कर मेला, पुष्कर-अजमेर, कैमिल फेस्टिवल, बीकानेर।

राजस्थान के आर्टिकल्स

अब शाही ट्रेन पर करें शादी

अब शाही ट्रेन पर करें शादी

मंदी के इस दौर में राजस्थान की दो शाही रेलगाडि़यों के लिए नए पैकेज तलाशे जा रहे हैं और अगले टूरिस्ट सीजन में हो सकता है पैलेस ऑन व्हील्स पर कोई लिज हर्ले या अरुण नायर सरीखे सेलेब्रिटी अपनी शादी रचाते नजर आएं। जी हां, ट्रेन में... आगे पढ़े

नई रोशनी का उदय

नई रोशनी का उदय

कैमल फेस्टिवल, बीकानेर, राजस्थान थार के रेगिस्तान की सैर का उपयुक्त माहौल बनाता एक रंगारंग आयोजन। जूनागढ़ फोर्ट के लाल पत्थरों की पृष्ठभूमि में सजे-धजे ऊंटों की सवारी से शुरू होता है यह जलसा। जब ऊंट फेस्टिवल तो ज्यादातर आयोजन... आगे पढ़े

नृत्य-संगीत की परंपराओं को सहेजने का वक्त

नृत्य-संगीत की परंपराओं को सहेजने का वक्त

कोणार्क फेस्टिवल, कोणार्क (उड़ीसा) कोणार्क के सूर्य मंदिर भारतीय शिल्प के इतिहास की एक बेजोड़ दास्तान हैं। यह फेस्टिवल इस विरासत को महसूस करने और सहेजने का एक शानदार जरिया है। इन अद्भुत मंदिरों की पृष्ठभूमि में समुद्र की लहरों... आगे पढ़े

पुष्कर-स्नान का लाभ और मेले का मजा

पुष्कर-स्नान का लाभ और मेले का मजा

देश के हिंदू तीर्थस्थानों में पुष्कर का अलग ही महत्व है। यह महत्व इसलिए बढ़ जाता है कि यह अपने आप में दुनिया में अकेली जगह है जहां ब्रह्मा की पूजा की जाती है। लेकिन इस धार्मिक महत्व के अलावा भी इस जगह में लोगों को आकर्षित करने... आगे पढ़े

देलवाड़ा मंदिर : शिल्प-सौंदर्य का बेजोड़ खजाना

देलवाड़ा मंदिर : शिल्प-सौंदर्य का बेजोड़ खजाना

समुद्र तल से लगभग साढ़े पांच हजार फुट ऊंचाई पर स्थित राजस्थान की मरूधरा के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू पर जाने वाले पर्यटकों, विशेषकर स्थापत्य शिल्पकला में रुचि रखने वाले सैलानियों के लिए इस पर्वतीय पर्यटन स्थल पर सर्वाधिक... आगे पढ़े

चलते-फिरते राजमहल में सात दिन

चलते-फिरते राजमहल में सात दिन

अपने नाम के अनुरूप ‘पैलेस ऑन व्हील्स’ पहियों पर घूमते हुए राजमहल की तरह है और इसका हर यात्री राजा के समान। इन महलों में यात्रा करते सैलानियों को एकबारगी लगता है मानो समय के विपरीत चलते हुए यह रेलगाड़ी उन्हें इतिहास के ही... आगे पढ़े

पधारो म्हारे देस

पधारो म्हारे देस

किसी अल्हड़ सुंदरी के लहराते आंचल से फैले रेत के ऊंचे-नीचे टीले थार में फैले विस्तृत रेतीले मैदानों का सौंदर्य हैं। यहां प्रकृति दिन भर में कई रूप बदलती है। दूर-दूर तक फैले बियाबानों की अपनी एक अलग और रोमांचक खूबसूरती है। मरुभूमि... आगे पढ़े

मरुभूमि का नगीना माउंट आबू

मरुभूमि का नगीना माउंट आबू

मरुभूमि पर एक नगीने-सा सजा माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र पर्वतीय स्थल है। लगभग 1220 मीटर की ऊंचाई पर बसा यह पहाड़ी शहर राज्य के दक्षिण में गुजरात की सीमा के निकट है। लगभग 25 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैली यह नगरी अरावली की पहाडि़यों... आगे पढ़े

Page 5 of 6« First...«23456»