ट्रवेल थीम्स के आर्टिकल्स

एक दिवस के मौसम चार मेलबर्न

एक दिवस के मौसम चार मेलबर्न

एक बरस के मौसम चार.. ना-ना .. एक दिवस के मौसम चार। जी हां, वैसे तो यह बात भारतीय वांग्मय में भी मानी गई है कि प्रतिदिन हम छहों ऋतुओं का अनुभव लेते हैं, परंतु यह बात अनुभूति के स्तर की अधिक और भौतिक रूप में स्पष्ट होने वाली बहुत कम है।... आगे पढ़े

कौसानी कण-कण में बसा सौंदर्य

कौसानी कण-कण में बसा सौंदर्य

कौसानी के बारे में 11 जुलाई 1929 के यंग इंडिया में महात्मा गांधी ने लिखा था, मैं साश्चर्य सोचता हूं कि इन पर्वतों के दृश्यों व जलवायु से बढकर होना तो दूर रहा, बराबरी भी संसार का कोई अन्य स्थान नहीं कर सकता। हमारे देशवासी स्वास्थ्य... आगे पढ़े

पूर्ण होती मनोकामना पूर्णागिरि में

पूर्ण होती मनोकामना पूर्णागिरि में

देवभूमि उत्तराखंड में स्थित अनेकों देवस्थलों में दैवीय-शक्ति व आस्था के अद्भुत केंद्र बने पूर्णागिरि धाम की विशेषता ही कुछ और है। जहां अपनी मनोकामना लेकर लाखों लोग बिना किसी नियोजित प्रचार व आमंत्रण के उमड पडते हैं जिसकी... आगे पढ़े

सिलवासा: आपाधापी से दूर सुकून के पल

सिलवासा: आपाधापी से दूर सुकून के पल

महानगरों की आपाधापी से दूर और इतना दूर भी नहीं हैं- दादरा व नागर हवेली। एक नाम जो सामान्य ज्ञान की किताबों से ही जाना-समझा। सिलवासा वहां की ही राजधानी है। विशाल कतारबद्ध पेडों के बीच गुजरती सडकें, क्षितिज तक फैली छोटी-छोटी पहाडियां,... आगे पढ़े

कॉर्बेट में बाघ से साक्षात्कार

कॉर्बेट में बाघ से साक्षात्कार

कई दिनों से दिल्ली से बाहर जाने की योजना बना रहे थे लेकिन काम की व्यस्तता के चलते यह संभव नहीं हो पा रहा था। बचपन से वाइल्ड लाइफ का शौक था तो सोचा कि क्यों न इस बार जिम कार्बेट जाया जाए। आफिस में बॉस को किसी तरह से छुट्टी के लिए... आगे पढ़े

जन्नत है यहां

जन्नत है यहां

हम माले के अहमदी बाजार में राजधानी की सबसे बडी एंटीक व सोवेनियर दुकान में थे। सारे सेल्समैन मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नाशीद द्वारा एक दिन पहले कोपेनहेगन में विश्व जलवायु सम्मेलन में दिए गए भाषण को बडे ध्यान से सुन रहे थे।... आगे पढ़े

जिन्होंने दुधवा को दुधवा बनाया

जिन्होंने दुधवा को दुधवा बनाया

जैसे भीष्म पितामह नहीं होते, तो महाभारत नहीं होता, वैसे ही बिली अर्जन सिंह नहीं होते तो दुधवा नहीं होता। यह बात नसीम गाइड ने हमसे कही थी। दुधवा के अनुभवी गाइड, नसीम ही हमें बिली सर के घर ले गए थे। बात पिछले ही महीने यानी बीते साल... आगे पढ़े

कड़कड़ाती सर्दी में रहें बर्फ के होटल में

कड़कड़ाती सर्दी में रहें बर्फ के होटल में

तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे हो और मैं आपको कहूं कि आज की रात जरा ऐसे होटल में बिताई जाए जिसमें सब तरफ बर्फ की दीवारें हों, और सोने के लिए बिस्तर भी बर्फ की सिल्लियों का बना हो तो आप या तो मुझे पागल मानेंगे या फिर आप समझेंगे कि... आगे पढ़े

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