धर्म-संस्कृति व त्योहार के आर्टिकल्स

डुंडलोद स्थित गोयनका हवेली खुर्रेदार

डुंडलोद स्थित गोयनका हवेली खुर्रेदार

डुंडलोद स्थित गोयनका हवेली खुर्रेदार हवेली के नाम से प्रसिद्ध है। स्थापत्य के अप्रतिम उदाहरण इस हवेली का निर्माण उद्योग कर्मी अर्जन दास गोयनका द्वारा करवाया गया था जो अपने समय के सुविज्ञ और दूरदर्शी थे। व्यापार-व्यवसाय... आगे पढ़े

मानव विकास का आरंभिक स्थान है भीम बैठका

मानव विकास का आरंभिक स्थान है भीम बैठका

मध्य प्रदेश के दर्शनीय स्थलों में भीम बैठका महत्वपूर्ण स्थान है। प्रदेश की राजधानी भोपाल से यह स्थान लगभग 55 किमी. दूर है। भीम बैठका अपने शैल चित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इनकी खोज वर्ष 1957-58 में डाक्टर विष्णु श्रीधर... आगे पढ़े

हवेलियों से भरा-पूरा है शेखावटी

हवेलियों से भरा-पूरा है शेखावटी

डुंडलोद स्थित गोयनका हवेली खुर्रेदार हवेली के नाम से प्रसिद्ध है। स्थापत्य के अप्रतिम उदाहरण इस हवेली का निर्माण उद्योग कर्मी अर्जन दास गोयनका द्वारा करवाया गया था जो अपने समय के सुविज्ञ और दूरदर्शी थे। व्यापार-व्यवसाय... आगे पढ़े

गोविंदा आला रे, आला..

गोविंदा आला रे, आला..

1.हवाई इंटरनेशनल बिलफिश टूर्नामेंट, कोना कोस्ट, हवाई, अमेरिका: मछलीमारों का मुकाबला। मछली भी छोटी-मोटी नहीं, बल्कि बड़ी वाली मर्लिन मछलियां। दुनियाभर के मछलीमार हर साल यहां इस मुकाबले में गवर्नर्स ट्रॉफी पर कब्जा जमाने के लिए... आगे पढ़े

हिम्मत का इम्तिहान लेती दो तीर्थयात्राएं

हिम्मत का इम्तिहान लेती दो तीर्थयात्राएं

कैलाश-मानसरोवर यात्रा शिव के निवास कहने जाने वाले कैलाश पर्वत की यात्रा न केवल तीर्थयात्रियों के लिए बल्कि ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए भी एक चरम उपलब्धि मानी जाती है। कैलाश का सफर बस व पैदल ट्रैक का मिला-जुला रास्ता है। सफर... आगे पढ़े

एक सैर हवेलियों के नाम

एक सैर हवेलियों के नाम

शेखावटी की हवेलियों को दुनिया की सबसे बड़ी ओपन आर्ट-गैलरी की भी संज्ञा दी जाती है। इन हवेलियों पर बने चित्र शेखावटी इलाके की लोक रीतियों, त्योहारों, देवी-देवताओं और मांगलिक संस्कारों से परिचय कराते हैं। ये इस इलाके के धनाड्य... आगे पढ़े

प्रकृति की गोद में परंपरा की दौड़

प्रकृति की गोद में परंपरा की दौड़

1. रामदेवरा मेला, रामदेवरा गांव, पोखरण, जैसलमेर: बाबा रामदेव एक तंवर राजपूत थे जिन्होंने सन 1458 में समाधि ली थी। उनकी समाधि पर लगने वाले इस मेले में हिंदुओं व मुसलमानों की समान आस्था है। 1931 में बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने समाधि... आगे पढ़े

केवल तीर्थ नहीं केदारनाथ

केवल तीर्थ नहीं केदारनाथ

केदारनाथ जाने की प्रबल इच्छा क्यों हो रही थी इसका मेरे पास कोई जवाब नहीं था। किसी तीर्थ पर जाने में मुझे कोई विशेष रुचि कभी नहीं थी। पर केदारनाथ की बात ही अलग है। मेरे पति माइकल तीर्थ आदि जाने में विश्वास नहीं करते हैं। जब मैने... आगे पढ़े

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