धर्म-संस्कृति व त्योहार के आर्टिकल्स

श्रद्धा की त्रिवेणी रिवालसर की ओर

श्रद्धा की त्रिवेणी रिवालसर की ओर

हिमालय प्रदेश की खूबसूरत गोद में पसरी एक झील है पद्मसंभव। लेकिन कोई कहे कि पद्मसंभव झील चलें तो पता नहीं चलेगा, हां कहा जाए कि रिवालसर चलें तो बनेगी बात। पद्मसंभव व रिवालसर अब एक-दूसरे का पर्याय हैं। रिवाल गांव अब कस्बा हो चुका... आगे पढ़े

चलो गंगाधाम

चलो गंगाधाम

अक्षय तृतीया का दिन उत्तरकाशी के लिए विशेष महत्व रखता है। इस तिथि को प्रत्येक वर्ष उत्तराखण्ड के चार में से दो धाम गंगोत्री और यमनोत्री के पट यात्रियों के लिए खुल जाते हैं। इसी के साथ चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो जाता है। अक्षय... आगे पढ़े

महोबा के गली-कूचों में आज भी जिंदा हैं आल्हा-ऊदल

महोबा के गली-कूचों में आज भी जिंदा हैं आल्हा-ऊदल

आल्हा और वीर भूमि महोबा एक दूसरे के पर्याय हैं। यहां की सुबह आल्हा से शुरू होती है और उन्हीं से खत्म। यहां नवजात बच्चों के नामकरण भी आल्हखंड के नायकों के नाम पर रखे जाते हैं। कोई भी सामाजिक संस्कार आल्हा की पंक्तियों के बिना... आगे पढ़े

सोमनाथ - सबसे प्रमुख ज्योतिर्लिग

सोमनाथ – सबसे प्रमुख ज्योतिर्लिग

सोमनाथ का बारह ज्योतिर्लिगों में सबसे प्रमुख स्थान है। भारत के पश्चिम में सौराष्ट्र (गुजरात) के समुद्र तट पर ऐतिहासिक प्रभास तीर्थ स्थित है। यहीं प्रसिद्ध व दर्शनीय सोमनाथ मंदिर है। इस मंदिर की छटा देखते ही बनती है। यहां सुबह... आगे पढ़े

मस्ती का महीना

मस्ती का महीना

खजुराहो डांस फेस्टिवल, खजुराहो, मध्य प्रदेश खजुराहो के मंदिर इतने खूबसूरत हैं कि नृत्य और संगीत मानो यहां के पत्थरों में सब तरफबिखरा पड़ा है। यूं तो हर प्राचीन इमारत का अपना समृद्ध इतिहास होता है लेकिन खजुराहो के मंदिरों जैसे... आगे पढ़े

पत्थरों में छलकता सौंदर्य भोरमदेव

पत्थरों में छलकता सौंदर्य भोरमदेव

छत्तीसगढ़ स्थापत्य कला के अनेक उदाहरण अपने आंचल में समेटे हुए हैं। यहां के प्राचीन मंदिरों का सौंदर्य किसी भी दृष्टि से खजुराहो और कोणार्क से कम नहीं है। यहां के मंदिरों का शिल्प जीवंत है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग... आगे पढ़े

अनसूइया - जहां एकाकार होती है भक्ति और प्रकृति

अनसूइया – जहां एकाकार होती है भक्ति और प्रकृति

मनमोहक दृश्यावलियों के बीच उत्तराखंड के तीर्थ हमेशा से ही श्रद्धालुओं और घुमक्कड़ों को अपनी ओर खींचते रहे हैं। यही वजह है कि उत्तराखंड में प्रकृति और धर्म का अद्भुत समावेश देखने को मिलता है। कोलाहल से दूर प्रकृति के बीच हिमालय... आगे पढ़े

हर तरफ मेलों का समां

हर तरफ मेलों का समां

ताज महोत्सव सूरजकुंड मेले की ही तरह ताज महोत्सव भी शिल्प, कला, संगीत व स्वाद के मिश्रण का आयोजन है। बसंद के आते-आते ताज नगरी आगरा में सारे रंग बिखर जाते हैं। महोत्सव ताजमहल के ठीक निकट शिल्पग्राम में होता है। महोत्सव की शुरुआत... आगे पढ़े

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