धर्म-संस्कृति व त्योहार के आर्टिकल्स

उड़ीसा : जहां विराजते हैं जगत के नाथ

उड़ीसा : जहां विराजते हैं जगत के नाथ

उड़ीसा का नाम लेते ही आंखों के सामने दूर-दूर तक फैले सागर और पत्थरों में उकेरे देवस्थलों की एक अद्भुत और बहुरंगी छटा तैर जाती है। रंगीन चित्रों के इस दृश्य में क्या नहीं होता-कोणार्क का अप्रतिम सूर्य मंदिर, पुरी की विशाल रथ... आगे पढ़े

तमिलनाडु: श्रद्धा के द्वार पर दस्तक

तमिलनाडु: श्रद्धा के द्वार पर दस्तक

पवित्र मंदिरों और स्थापत्य कला के बेजोड़ नमूनों से भरपूर तमिलनाडु को दक्षिण भारत में धार्मिक दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां मदुरै को भगवान शिव और महाबलीपुरम को भगवान विष्णु के वामन अवतार की कृपाभूमि मानते... आगे पढ़े

सौंदर्य के साथ आस्था का सफर

सौंदर्य के साथ आस्था का सफर

उत्तरांचल की हरी-भरी वादियां सैलानियों को तो आकर्षित करती ही हैं, श्रद्धालुओं के लिए भी इस देवभूमि में आकर्षण के कम कारण नहीं हैं। बद्रीनाथ-केदारनाथ धाम की यात्रा पर अगर आप निकलें तो आस्था के इस सफर के दौरान प्रकृति का निष्कलुष... आगे पढ़े

ममल्लापुरम

ममल्लापुरम

जब हमने मंदिर नगरी ममल्लापुरम के लिए प्रस्थान किया तो अनुमान भी न था कि हम प्रस्तर कला की जादूनगरी में जा रहे हैं। वैसे भी हमारा ध्यान ईस्ट कोस्ट हाइवे की सुंदरता पर था। चेन्नई का ईस्ट कोस्ट रोड एक मॉडर्न हाइवे है। यह मार्ग चेन्नई... आगे पढ़े

मरुभूमि का नगीना माउंट आबू

मरुभूमि का नगीना माउंट आबू

मरुभूमि पर एक नगीने-सा सजा माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र पर्वतीय स्थल है। लगभग 1220 मीटर की ऊंचाई पर बसा यह पहाड़ी शहर राज्य के दक्षिण में गुजरात की सीमा के निकट है। लगभग 25 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैली यह नगरी अरावली की पहाडि़यों... आगे पढ़े

कैलास-मानसरोवर की रोमांचकारी यात्रा

कैलास-मानसरोवर की रोमांचकारी यात्रा

कैलास-मानसरोवर की यात्रा न केवल हर ¨हिंदू श्रद्धालु का सपना होता है वरन यह यात्रा राष्ट्रीय एकता की एक अद्भुत मिसाल भी है। हर साल जून से सितंबर तक विभिन्न प्रदेशों के तीस-तीस यात्रियों के सोलह बैच इस रोमांचक, जोखिम से भरी कठिन... आगे पढ़े

बर्फ का देश लद्दाख

बर्फ का देश लद्दाख

लद्दाख में प्राकृतिक सौंदर्य चप्पे-चप्पे में बिखरा हुआ है। वहां से कितना सौंदर्य और आनंद आप अपने हृदय में भरकर ला सकते हैं, यह आपकी क्षमता और दृष्टि पर निर्भर करता है। लामाओं की भूमि लद्दाख के बारे में बहुत सुना था और जब से उसके... आगे पढ़े

कर्नाटक : ऐतिहासिक इमारतों का गढ़

कर्नाटक : ऐतिहासिक इमारतों का गढ़

पहले मैसूर नाम से जाने जाने वाले कर्नाटक प्रदेश का यह वर्तमान नामकरण 1 नवंबर 1973 को हुआ था। अपने अंक में कृष्णा, कावेरी और गोदावरी समाए इस कर्नाटक की भौगोलिक स्थिति कुछ ऐसी है जो पर्यटकों को अपनी ओर बरबस ही आकृष्ट कर लेती है। नदियों... आगे पढ़े

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