धर्म-संस्कृति व त्योहार के आर्टिकल्स

आस्था का उत्सव पुष्कर मेला

आस्था का उत्सव पुष्कर मेला

राजस्थान को महलों, किलों और हवेलियों की धरती होने के साथ-साथ मेलों और उत्सवों की धरती होने का गौरव भी हासिल है। मरुभूमि के इस अंचल को प्रकृति ने भले ही चटख रंगों से नहीं संवारा, लेकिन मरुवासियों ने इसे अपनी संस्कृति के रंगों... आगे पढ़े

प्रकृति और संस्कृति की समृद्ध विरासत छत्तीसगढ़

प्रकृति और संस्कृति की समृद्ध विरासत छत्तीसगढ़

प्राय: जाने-माने पर्यटन स्थलों के आकर्षण के चलते ऐसे कई महत्वपूर्ण सैरगाह सैलानियों से छूट जाते हैं, जो वास्तव में आदर्श सैरगाह होते हैं। छत्तीसगढ़ की अनोखी सांस्कृतिक विरासत एवं प्राकृतिक विविधता का आधार वहां के ऐतिहासिक... आगे पढ़े

उड़ीसा में बौद्ध धर्म के प्रमुख केंद्र

उड़ीसा में बौद्ध धर्म के प्रमुख केंद्र

उड़ीसा में ऐसी कई जगहें हैं, जिनके  बारे में अभी भी पूरी जानकारी दुनिया को नहीं है। प्रकृति के चमत्कारों के अलावा यहां बौद्ध धर्म से जुड़े अवशेष भी हैं। जिस तरह कपिलवस्तु, बोधगया व सारनाथ का संबंध भगवान बुद्ध के जीवन से है, वैसे... आगे पढ़े

उड़ीसा में पर्यटन का सुनहरा त्रिकोण

उड़ीसा में पर्यटन का सुनहरा त्रिकोण

उड़ीसा में पर्यटन की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण स्थल हैं भुवनेश्वर, पुरी और कोणार्क। इन्हीं जगहों के लिए यहां सबसे अधिक पर्यटक आते हैं और ये तीनों जगहें एक-दूसरे से बमुश्किल 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। इसे उड़ीसा में पर्यटन... आगे पढ़े

उदयपुर: रोमानियत भरा ऐतिहासिक शहर

उदयपुर: रोमानियत भरा ऐतिहासिक शहर

रोमानियत भरा ऐतिहासिक शहर उदयपुर राजस्थान के महाराणाओं के शौर्य की गौरवगाथा कहते हुए से लगते हैं। अरावली की पहाडि़यों पर स्थित यह शहर झीलों और महलों के लिए खास तौर से जाना जाता है। इसके आसपास कई और भी दर्शनीय जगहें हैं। खूबसूरत... आगे पढ़े

विशाखापट्नम: अनछुआ है सौंदर्य जिसका

विशाखापट्नम: अनछुआ है सौंदर्य जिसका

तीन दिशाओं से समंदर से घिरे हमारे देश की हजारों मील लंबी तटरेखा पर सैकड़ों मनोरम बीच हैं। लेकिन पर्यटकों का ध्यान कुछ खास सागर तटों पर जाकर ही ठहर जाता है। हमने तय कर लिया था कि बार-बार उन्हीं तटों के दृश्य निहारने से बेहतर है... आगे पढ़े

बस्तर जहां ठहर सा गया है समय

बस्तर जहां ठहर सा गया है समय

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 43 पर दौड़ते हुए जब हमारी कार घुमावदार पहाड़ी रास्तों पर बढ़ने लगी, तो हम समझ गए, यही वह केशकाल घाटी है जिसके बारे में गाइड ने कुछ देर पहले ही बताया था। यह बहुत छोटा लेकिन मनोरम पर्वतीय स्थल है। मार्ग... आगे पढ़े

संगम आस्था और प्रकृति के वैभव का प्रतीक है सोमनाथ मंदिर

संगम आस्था और प्रकृति के वैभव का प्रतीक है सोमनाथ मंदिर

गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में सागरतट पर स्थित सोमनाथ के मंदिर की ओर मैं किसी भक्ति भावनावश नहीं खिंचा चला गया था। बहुत लंबे समय से मेरे अंदर इस जिज्ञासा ने घर कर रखा था कि आखिर इस मंदिर या इस क्षेत्र में ऐसा क्या है जिसने महमूद... आगे पढ़े

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