धर्म-संस्कृति व त्योहार के आर्टिकल्स

घुमक्कड़ी की शुरुआत का मौसम

घुमक्कड़ी की शुरुआत का मौसम

ताकायामा मात्सुरी, ताकायामा, जापान जापान के सबसे शानदार और खूबसूरत जलसों में से एक। यह त्योहार 15वीं सदी से मनाया जा रहा है। साल में दो बार यह होता है-एक बार बसंत में और दूसरी बार पतझड़ में। बसंत का उत्सव हाई जिंजा धर्मस्थल पर... आगे पढ़े

रंगों भरा महीना

रंगों भरा महीना

बरसाने की होली, बरसाना-नंदगांव इस लट्ठमार होली की बात ही कुछ और है। भारत में होली के अलग-अलग रूपों में से सबसे चर्चित। गोप और गोपियों की यह होली सदियों से इसी अंदाज से खेली जा रही है और इसे देखने देश-विदेश से लोग जुटते हैं। एलीफेंट... आगे पढ़े

खजुराहो: पत्थरों पर बोलता प्रेम

खजुराहो: पत्थरों पर बोलता प्रेम

खजुराहो का नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यहां खजूर के पेड़ों का विशाल बगीचा था। खजिरवाहिला से नाम पड़ा खजुराहो। लेकिन यह अपने आप में अद्भुत बात है कि यहां कोई भी खजूर के लिए नहीं आता। यहां आने वाले इसके मंदिरों को देखने आते हैं। भारतीय... आगे पढ़े

मेलों व समारोहों का महीना

मेलों व समारोहों का महीना

मरु मेला, जैसलमेर, राजस्थान रेगिस्तान को उसके पूरे वैभव के साथ देखने का अद्भुत मौका। मेले के तीन दिनों में यहां की सांस्कृतिक छटा अपने पूरे शबाब पर होती है। गैर व अग्नि नृत्य मुख्य आकर्षण होते हैं। पगड़ी बांधने और मि. डेजर्ट... आगे पढ़े

मीनाक्षी मंदिर: आस्था और कलात्मक सौंदर्य का संगम

मीनाक्षी मंदिर: आस्था और कलात्मक सौंदर्य का संगम

दक्षिण भारत की द्रविड़ स्थापत्य कला और मूर्ति कला का अनुपम उदाहरण मीनाक्षी मंदिर आज विश्व भर में प्रसिद्ध है। आज जब संसार के आधुनिक आश्चर्यो को पहचानने के प्रयास किए जा रहे हैं, तब इस मंदिर के कलात्मक सौंदर्य से प्रभावित लोग... आगे पढ़े

मणिमहेश: एक कैलाश हिमाचल में भी

मणिमहेश: एक कैलाश हिमाचल में भी

यूं तो देश की ज्यादातर पहाडि़यों में कहीं न कहीं शिव का कोई स्थान मिल जाएगा, लेकिन शिव के निवास के रूप में सर्वमान्य कैलाश पर्वत के भी एक से ज्यादा प्रतिरूप पौराणिक काल से धार्मिक मान्यताओं में स्थान बनाए हुए हैं। तिब्बत में... आगे पढ़े

लद्दाख: हिमालय पार की धरती

लद्दाख: हिमालय पार की धरती

लद्दाख हिमालयी दर्रो की धरती है। उत्तर में काराकोरम पर्वत श्रंखला और दक्षिण में हिमालय से घिरे इस इलाके में आबादी का घनत्व बहुत कम है। इसकी दुर्गमता का आलम यह है कि इसके पूर्व में दुनिया की छत कहा जाने वाला तिब्बत, उत्तर में... आगे पढ़े

दक्षिणेश्वर: जहां रामकृष्ण हुए परमहंस

दक्षिणेश्वर: जहां रामकृष्ण हुए परमहंस

कोलकाता में हुगली के पूर्वी तट पर स्थित मां काली व शिव का प्रसिद्ध मंदिर है दक्षिणेश्वर। कोलकाता आने वाले प्रत्येक सैलानी की इच्छा यहां दर्शन करने की अवश्य होती है। यह मंदिर लगभग बीस एकड़ में फैला है। वास्तव में यह मंदिरों... आगे पढ़े

Page 5 of 24« First...«34567»1020...Last »

आपके आस-पास