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धार्मिक पर्यटन

मणिमहेश: एक कैलाश हिमाचल में भी

मणिमहेश: एक कैलाश हिमाचल में भी

यूं तो देश की ज्यादातर पहाडि़यों में कहीं न कहीं शिव का कोई स्थान मिल जाएगा, लेकिन शिव के निवास के रूप में सर्वमान्य कैलाश पर्वत के भी एक से ज्यादा प्रतिरूप पौराणिक काल से धार्मिक मान्यताओं में स्थान बनाए हुए हैं। तिब्बत में... आगे पढ़े

केरल: भीगे मौसम का मजा

केरल: भीगे मौसम का मजा

वर्षा ऋतु में सैर-सपाटा? तौबा-तौबा! दिन बारिश के हों तो घर में बैठकर चाय-पकोड़े खाना सबसे ज्यादा सुहाता है। लेकिन नहीं जनाब। घूमने वाले कहते हैं कि बारिश में पर्यटन का भी अपना मजा है और बात अगर केरल की हो तो फिर कहना ही क्या। वास्तव... आगे पढ़े

कश्मीर: बहारें फिर से आएंगी

कश्मीर: बहारें फिर से आएंगी

कश्मीर भारत के मुकुट में जड़ा वो नगीना है जिसकी चमक देश-विदेश के सैलानियों को बरबस आकर्षित करती है। पिछले दो दशकों का आतंकवाद का दौर लोगों को यहां आने के बारे में डराता जरूर रहा है लेकिन यहां के प्रति लोगों का आकर्षण कम नहीं... आगे पढ़े

दक्षिणेश्वर: जहां रामकृष्ण हुए परमहंस

दक्षिणेश्वर: जहां रामकृष्ण हुए परमहंस

कोलकाता में हुगली के पूर्वी तट पर स्थित मां काली व शिव का प्रसिद्ध मंदिर है दक्षिणेश्वर। कोलकाता आने वाले प्रत्येक सैलानी की इच्छा यहां दर्शन करने की अवश्य होती है। यह मंदिर लगभग बीस एकड़ में फैला है। वास्तव में यह मंदिरों... आगे पढ़े

पालमपुर : हिमाचल का चाय बागान

पालमपुर : हिमाचल का चाय बागान

पालमपुर हिमाचल प्रदेश की मनोरम वादियों में बसा एक छोटा सा पर्वतीय स्थल है। हिमाचल प्रदेश की इस छोटी सी सैरगाह को धौलाधार पर्वतमाला के साये में फैली कांगड़ा घाटी का सुंदरतम स्थान कहा जाता है। समुद्र तल से 1205 मीटर की ऊंचाई पर... आगे पढ़े

पंचप्रयाग : गंगा की धारा के साथ धर्म भी और पर्यटन भी

पंचप्रयाग : गंगा की धारा के साथ धर्म भी और पर्यटन भी

जब हम प्रयाग की बात करते हैं तो जेहन में सीधे इलाहाबाद में संगम का ध्यान आता है। लेकिन इलाहाबाद के अलावा भी भारत में ऐसे कई संगम हैं जो उतने ही धार्मिक व पौराणिक महत्व के हैं। प्रयाग, नदियों के संगम को कहते हैं और इसे पवित्र माना... आगे पढ़े

त्र्यंबकेश्वर : एक तीर्थ में तीनों देवों के दर्शन

त्र्यंबकेश्वर : एक तीर्थ में तीनों देवों के दर्शन

भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिगों में श्री त्र्यंबकेश्वर का दसवां स्थान है। महाराष्ट्र में नासिक शहर से 35 किमी दूर गौतमी नदी के तट पर स्थित यह दिव्य स्थान ब्रह्मगिरि से सटा है। समुद्रतट से ढाई हजार फुट की ऊंचाई पर बसे त्रयंबक... आगे पढ़े

वाराणसी: आस्था, विश्वास और पर्यटन का केन्द्र

वाराणसी: आस्था, विश्वास और पर्यटन का केन्द्र

वाराणसी माटी-पाथर का बना महज एक शहर नहीं अपितु आस्था विश्वास और मान्यताओं की ऐसी केन्द्र भूमि है जहां तर्को के सभी मिथक टूट जाते हैं। जीवंत रहती है तो सिर्फ समर्पण भरी आस्था। अपने अनेक नामों से जानी जाने वाली वाराणसी दुनिया... आगे पढ़े

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