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सांस्कृतिक पर्यटन

किस्मत पर भरोसा है तो मकाऊ चलें

किस्मत पर भरोसा है तो मकाऊ चलें

आप क्या कभी गोवा गए हैं? अगर समुद्र तट के अलावा वहां की गलियों और पुराने गोवा में घूमने का अवसर निकाल पाए हों, वहां की इमारतें, सड़कें, चर्च और मंदिर याद हों तो मकाऊ में उनकी झलक आप महसूस करेंगे। भारत के पश्चिम में स्थित गोवा और... आगे पढ़े

हाथी, श्रीलंका का साथी

हाथी, श्रीलंका का साथी

कहा जाता है कि छोटे द्वीपों पर बड़े जानवर नहीं होते, लेकिन यह बात शायद हाथियों को कोई बताना भूल गया। आखिर हाथी धरती का सबसे बड़ा जानवर जो है। लेकिन छोटे से द्वीप श्रीलंका [यहां की आबादी दो करोड़ दो लाख से थोड़ी ही ज्यादा होगी।... आगे पढ़े

चलो बुलावा आया है..

चलो बुलावा आया है..

नवरात्र में देवी के स्थानों की यात्रा भारत के धार्मिक पर्यटन का अभिन्न हिस्सा है। शिवपुराण की कथा के अनुसार शिव एक प्रसंग के बाद सती पार्वती के शव को लेकर तीनों लोकों में भ्रमण कर रहे थे, तो भगवान विष्णु ने उनका मोह दूर करने... आगे पढ़े

मिट्टी में नहाएं या बनाएं रेत के महल

मिट्टी में नहाएं या बनाएं रेत के महल

आनायुत्तू, वदक्कुमनाथा मंदिर, त्रिशूर केरल की प्रकृति के साथ-साथ वहां की धार्मिक रीति में हाथियों की बड़ी भूमिका है। हर साल मलयालम महीने करकीदकम के पहले दिन मनाया जाने वाला यह पर्व दरअसल हाथियों का महाभोज है। इस दिन बड़ी संख्या... आगे पढ़े

फिर चलें लद्दाख

फिर चलें लद्दाख

कई रोमांचप्रेमी ऐसे हैं जो हर साल जून-जुलाई-अगस्त में लद्दाख जाने को सालाना तीर्थयात्रा की तर्ज पर लेते हैं। लेकिन आप रोमांचप्रेमी न हों तो भी लद्दाख की खूबसूरती देखने लायक है। मौसम और माहौल तैयार है, बस आपके आने की देरी है।... आगे पढ़े

देवीधुरा : पत्थरों से बरसती हैं नेमतें

देवीधुरा : पत्थरों से बरसती हैं नेमतें

उत्तराखंड की संस्कृति यहां के लोक पर्व और मेलों में स्पंदित होती है। यूं तो राज्य में जगह-जगह साल भर मेलों का आयोजन चलता रहता है, लेकिन कुछ मेले ऐसे हैं जो अपनी अलग ही पहचान बनाए हुए हैं। कुमांऊ के देवीधुरा नामक स्थान पर लगने... आगे पढ़े

हणोगी माता

हणोगी माता

हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग शोभा वाले अनेक मंदिरों में से एक है हणोगी माता मंदिर। राष्ट्रीय राजमार्ग 21 पर मंडी और कुल्लू के बीच बने पंडोह बांध से कुछ आगे चलकर व्यास नदी के दूसरी ओर यह एक पर्वत पर शोभायमान है जिसका सौंदर्य देखते... आगे पढ़े

श्रद्धा की त्रिवेणी रिवालसर की ओर

श्रद्धा की त्रिवेणी रिवालसर की ओर

हिमालय प्रदेश की खूबसूरत गोद में पसरी एक झील है पद्मसंभव। लेकिन कोई कहे कि पद्मसंभव झील चलें तो पता नहीं चलेगा, हां कहा जाए कि रिवालसर चलें तो बनेगी बात। पद्मसंभव व रिवालसर अब एक-दूसरे का पर्याय हैं। रिवाल गांव अब कस्बा हो चुका... आगे पढ़े

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