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धार्मिक पर्यटन

कौमी एकता का प्रतीक अजमेरशरीफ

कौमी एकता का प्रतीक अजमेरशरीफ

अजमेर का इतिहास जितना रोचक है, धार्मिक दृष्टि से वह उतना ही महत्वपूर्ण है। अरावली की  पहाडि़यों के मध्य तारागढ़ नामक पहाड़ी के आसपास फैले इस शहर को चौहान राजा अजयपाल ने सातवीं सदी में बसाया था। चौहान राजाओं के बाद यह मेवाड़... आगे पढ़े

सुनहरा शहर जैसलमेर

सुनहरा शहर जैसलमेर

राजस्थान के थार मरुस्थल में बसा, जैसलमेर अद्भुत विषमताओं का शहर है। दूर-दूर तक फैले रेत के सुनहरे मैदानों के मध्य यह शहर भी स्वर्ण आभा से दीप्त लगता है, क्योंकि यह पूरा शहर पीले रंग के पत्थरों से निर्मित है। इसे गोल्डन सिटी यानी... आगे पढ़े

मोहक हैं गोवा के समुद्रतट

मोहक हैं गोवा के समुद्रतट

भारत के सबसे लोकप्रिय और सदाबहार पर्यटन स्थलों में शामिल है गोवा। यहां प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर समुद्रतट हैं तो इतिहास के झरोखे में झांकने के लिए कई किले भी हैं। साझी संस्कृति की झलक देते मंदिर और गिरजाघर हैं तो कलाप्रेमियों... आगे पढ़े

सुमिरि शारदा मैहर वाली

सुमिरि शारदा मैहर वाली

नैसर्गिक रूप से समृद्ध कैमूर तथा विंध्य की पर्वत श्रेणियों की गोर में अठखेलियां करती तमसा के तट पर त्रिकूट पर्वत की पर्वत मालाओं के मध्य 600 फुट की ऊंचाई पर स्थित मां शारदा का ऐतिहासिक मंदिर 108 शक्ति पीठों में से एक है। यह पीठ... आगे पढ़े

साई बाबा से है शिरडी की पहचान

साई बाबा से है शिरडी की पहचान

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के कोपरगांव क्षेत्र में छोटा सा कस्बा है शिरडी। यहां आज रोजाना 50 हजार भक्त साई बाबा के दर्शनार्थ पहुंचते हैं और गुरुवार तथा रविवार को यह संख्या एक लाख पार कर जाती है। दशहरा, रामनवमी, गुरुपूर्णिमा... आगे पढ़े

आकर्षण के कई केंद्र हैं देवघर में

आकर्षण के कई केंद्र हैं देवघर में

झारखंड के देवघर जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध बैद्यनाथ मंदिर स्थापत्य कला की दृष्टि से देश के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। पत्थरों से निर्मित इस मंदिर के शिखर पर स्वर्ण कलश है और कलश पर पंचशूल। मंदिर के गुंबद के भीतरी तल... आगे पढ़े

मथुरा जहां बहती है अध्यात्म की धारा

मथुरा जहां बहती है अध्यात्म की धारा

ब्रजभूमि का हृदय माना जाने वाला शहर मथुरा भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थल होने के कारण तो महत्वपूर्ण है ही, यह  व्यापार और कला का भी प्रमुख केंद्र रहा है। एक समय में यह बौद्ध धर्म के प्रचार का एक बड़ा केंद्र बना था। दिल्ली से 145 किमी... आगे पढ़े

शिल्प और आस्था का संगम है उड़ीसा

शिल्प और आस्था का संगम है उड़ीसा

ऐतिहासिक स्थापत्य, अद्भुत मूर्तिशिल्प व सुनहरे सागरतट की भूमि उड़ीसा में पुरी, कोणार्क और भुवनेश्वर का पर्यटनत्रय प्रकृति, धर्म व सूर्य के समन्वय का अनूठा मिसाल है। हमारी यात्रा का पहला पड़ाव था पुरी। देश के चार पवित्र धामों... आगे पढ़े

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