पूर्व भारत के आर्टिकल्स

बार-बार बुलाती हैं सिक्किम की वादियां

बार-बार बुलाती हैं सिक्किम की वादियां

हिमालय की गोद में बसे सिक्किम राज्य को  प्रकृति के रहस्यमय सौंदर्य की भूमि या फूलों का प्रदेश कहना गलत नहीं होगा। वास्तव में यहां के नैसर्गिक सौंदर्य में जो आकर्षण है, वह अन्यत्र दुर्लभ है। नदियां, झीलें, बौद्ध मठ और स्तूप तथा ... आगे पढ़े

उड़ीसा का नगीना है चिल्का झील

उड़ीसा का नगीना है चिल्का झील

ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थलों की भूमि उड़ीसा में एक प्राकृतिक नगीना चिल्का झील है। राज्य के समुद्रतटीय हिस्से में पसरी यह झील अपने अवर्णनीय सौंदर्य एवं पक्षी जीवन के लिए विश्वप्रसिद्ध है। बंगाल की खाड़ी से सटी चिल्का... आगे पढ़े

कोरापुट : एक टुकड़ा स्वर्ग का

कोरापुट : एक टुकड़ा स्वर्ग का

अपनी शांति, सुंदरता व धार्मिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध उड़ीसा की पहचान सिर्फ खूबसूरत समुद तटों, स्थापत्य के नमूनों, झीलों और लैगूनों तक ही सीमित नहीं है। दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण के कई केंद्र यहां हैं। वैसे... आगे पढ़े

उड़ीसा में बौद्ध धर्म के प्रमुख केंद्र

उड़ीसा में बौद्ध धर्म के प्रमुख केंद्र

उड़ीसा में ऐसी कई जगहें हैं, जिनके  बारे में अभी भी पूरी जानकारी दुनिया को नहीं है। प्रकृति के चमत्कारों के अलावा यहां बौद्ध धर्म से जुड़े अवशेष भी हैं। जिस तरह कपिलवस्तु, बोधगया व सारनाथ का संबंध भगवान बुद्ध के जीवन से है, वैसे... आगे पढ़े

उड़ीसा में पर्यटन का सुनहरा त्रिकोण

उड़ीसा में पर्यटन का सुनहरा त्रिकोण

उड़ीसा में पर्यटन की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण स्थल हैं भुवनेश्वर, पुरी और कोणार्क। इन्हीं जगहों के लिए यहां सबसे अधिक पर्यटक आते हैं और ये तीनों जगहें एक-दूसरे से बमुश्किल 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। इसे उड़ीसा में पर्यटन... आगे पढ़े

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