उड़ीसा

पर्यटन

राजधानी भुवनेश्वर का लिंगराज मन्दिर, पुरी का जगन्नाथ मन्दिर और समुद्री तट सुविख्यात हैंकोणार्क, नंदन कानन, चिल्का झील, धौली बौध्द मन्दिर, उदयगिरि और उदयगिरि के बौध्द भित्तिचित्र और प्राचीन गुफाए, सिमिलिपाल राष्ट्रीय उद्यान तथा बाघ परियोजना, उषाकोठी वन्य प्राणी अभयारण्य, हीराकुंड बाध, दुदुमा झरना, गोपालपुर समुद्री तट, हरिशंकर, नृसिंहनाथ, तारातारिणी, भितरकणिका, भीमकुण्ड, कपिलाश आदि राज्य के अन्य प्रसिध्द पर्यटन केन्द्र हैं

राष्ट्रीय उद्यान

उडीसा के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान निम्नलिखित हैं : सिमिलिपाल राष्ट्रीय उद्यान (मयूरगंज) (845.7 वर्ग किमी.) भितरकणिका राष्ट्रीय उद्यान (कटक) (367 वर्ग किमी.)

प्रमुख पर्व और मेले

डोला पूर्णिमा (होली), रथ यात्रा, चन्दन यात्रा, बाली यात्रा, धनु यात्रा यहा के प्रसिध्द पर्व हैं। इनके अतिरिक्त कोणार्क दांस फेस्टिवल भी आयोजित किये जाते हैं।

उड़ीसा के आर्टिकल्स

भुवनेश्वर मंदिरों व इतिहास की नगरी

भुवनेश्वर मंदिरों व इतिहास की नगरी

  भुवनेश्वर बाहर से नया है किंतु भीतर से यह पनचीन नगरी है। भारत में शायद ही अन्य ऐसा कोई नगर हो जहां विभिन्न कालखंडों में बने इतने स्मारक देखने को मिलते हों। यदि संजीदगी से देखें यहां के कोने-कोने में मौजूद मंदिरों, गुफाओं व शिलालेखों... आगे पढ़े

बर्फानी बाबा और जय जगन्नाथ

बर्फानी बाबा और जय जगन्नाथ

रथयात्रा, पुरी, उड़ीसा भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा के रथों को सुदर्शन चक्र के साथ श्री मंदिर से दो मील दूर गुंदिचा मंदिर में ले जाने का सालाना पर्व। दुनियाभर में कृष्णभक्तों के प्रमुखतम पर्वो में से एक। इसे भारत के सबसे... आगे पढ़े

यात्रा का विराट वैभव जगन्नाथ रथयात्रा

यात्रा का विराट वैभव जगन्नाथ रथयात्रा

सागरतट पर बसे पुरी शहर में होने वाले जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव के दौरान आस्था का जो विराट वैभव देखने को मिलता है, वह और कहीं भी दुर्लभ है। देश-विदेश से लाखों लोग इस पर्व के साक्षी बनने हर वर्ष यहां आते हैं। देश के चार पवित्र धामों... आगे पढ़े

शिल्प और आस्था का संगम है उड़ीसा

शिल्प और आस्था का संगम है उड़ीसा

ऐतिहासिक स्थापत्य, अद्भुत मूर्तिशिल्प व सुनहरे सागरतट की भूमि उड़ीसा में पुरी, कोणार्क और भुवनेश्वर का पर्यटनत्रय प्रकृति, धर्म व सूर्य के समन्वय का अनूठा मिसाल है। हमारी यात्रा का पहला पड़ाव था पुरी। देश के चार पवित्र धामों... आगे पढ़े

साधना की मूर्त कथाएं

साधना की मूर्त कथाएं

उड़ीसा को जिन कारणों से अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर जाना जाता है, उनमें उदयगिरि और खंडगिरि की गुफाएं भी एक हैं। भुवनेश्वर से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ों में मौजूद ये गुफाएं बौद्ध और जैन धर्मदर्शन तथा इनसे जुड़ी... आगे पढ़े

आकर्षण के केंद्र हैं उड़ीसा के सागरतट

आकर्षण के केंद्र हैं उड़ीसा के सागरतट

गोपालपुर सागरतट को उड़ीसा का सबसे सुंदर सागरतट माना जाता है। गोपालपुर ऑन सी के नाम से प्रसिद्ध इस तट पर देखने के लिए बस समुद्री नजारे हैं। यहां कोई ऐतिहासिक इमारत नहीं है, कोई भव्य मंदिर नहीं है और न यह कोई व्यावसायिक केंद्र... आगे पढ़े

इकमरा उत्सव जहां जीवंत हो उठता है भुवनेश्वर

इकमरा उत्सव जहां जीवंत हो उठता है भुवनेश्वर

जाड़े का मौसम आते ही संगीत, नृत्य तथा कई अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों के चलते उड़ीसा का पूरा माहौल नई ऊर्जा व उत्साह से भर उठता है। गर्मियों की लू और बारिश की फुहारों के बाद जब साफ-सुथरा आकाश जाड़े के सुहाने मौसम का स्वागत करता... आगे पढ़े

पर्यटन उत्सवों में उड़ीसा की संस्कृति की झलक

पर्यटन उत्सवों में उड़ीसा की संस्कृति की झलक

उड़ीसा में कहावत है, ‘बारामासे तेरा पर्व’ यानी बारह महीनों मे तेरह पर्व। यह कहावत यहां के सांस्कृतिक परिवेश को व्यक्त करती है। पर्वो के अलावा यहां कुछ अन्य उत्सवों का आयोजन भी होता है। राज्य की सांस्कृतिक विरासत से लोगों... आगे पढ़े

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