उत्तराखण्ड

पर्यटन

यहाँ पर दर्शनीय स्थल मुख्यत: दो भागो में बटे हैं पर्वतीय स्थल और धार्मिक महत्व के स्थल, जिनमे कुछ स्थल अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिध्द हैं तो कुछ राष्ट्रीय प्राणी उद्यान के लिए। पर्वतीय क्षेत्रों में समुद्र सतह से 1938 मीटर की ऊचाई पर स्थित नैनीताल कुमायू पर्वतमाला का पहाडी श्हर हैं जहा की चाइना पीक, शेर का ड्ण्डा, लरिया कांता, आयर पट्टा या डोरथ सीट व कैमिल्स बैंक प्रसिध्द दर्शनीय स्थल हैं। इसके अलावा मसुरी, रानीखेत, ऋषिकेश, भीमताल, सातताल, विश्व प्रसिध्द फूलो की घाटी देहरादुन, कौसानी, अल्मोडा व पिथौरागढ भी मशहूर पर्यटक स्थल हैं। धार्मिक स्थलो में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार, आदि प्रमुख हैं।

राष्ट्रीय उद्यान

उत्तराखंडा के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान निम्नलिखित हैं : कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (नैनीताल व गढवाल) (520.82 वर्ग किमी.) गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान उत्तराकाशी) (1552 वर्ग किमी.) नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान (चमेली) (630 वर्ग किमी.) राजाजी राष्ट्रीय उद्यान (देहरादून, गढवाल, हरिद्वार) (820 वर्ग किमी.) वैली औफ फ्लावर्स राष्ट्रीय उद्यान (87.50 वर्ग किमी.)

प्रमुख पर्व और मेले

यहा के प्रमुख पर्वो में दशहरा, वसंतोत्सव, होली व तेराइ उत्सव प्रमुख हैं l इसके अतिरिक्त सावन मेला, हरियाली देवी मेला, माघ मेला प्रतिवर्ष, जबकि हरिद्वार के प्रसिध्द अर्ध कुम्भ aऔर कुम्भ मेले क्रमश: छ्ह व बारह वर्षों में आयोजित किए जाते हैं।

उत्तराखण्ड के आर्टिकल्स

कौसानी कण-कण में बसा सौंदर्य

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कौसानी के बारे में 11 जुलाई 1929 के यंग इंडिया में महात्मा गांधी ने लिखा था, मैं साश्चर्य सोचता हूं कि इन पर्वतों के दृश्यों व जलवायु से बढकर होना तो दूर रहा, बराबरी भी संसार का कोई अन्य स्थान नहीं कर सकता। हमारे देशवासी स्वास्थ्य... आगे पढ़े

पूर्ण होती मनोकामना पूर्णागिरि में

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देवभूमि उत्तराखंड में स्थित अनेकों देवस्थलों में दैवीय-शक्ति व आस्था के अद्भुत केंद्र बने पूर्णागिरि धाम की विशेषता ही कुछ और है। जहां अपनी मनोकामना लेकर लाखों लोग बिना किसी नियोजित प्रचार व आमंत्रण के उमड पडते हैं जिसकी... आगे पढ़े

कॉर्बेट में बाघ से साक्षात्कार

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कई दिनों से दिल्ली से बाहर जाने की योजना बना रहे थे लेकिन काम की व्यस्तता के चलते यह संभव नहीं हो पा रहा था। बचपन से वाइल्ड लाइफ का शौक था तो सोचा कि क्यों न इस बार जिम कार्बेट जाया जाए। आफिस में बॉस को किसी तरह से छुट्टी के लिए... आगे पढ़े

नाग देवता का सेममुखेम

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सेममुखेम की यात्रा श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय होती है। इस नागतीर्थ की जानकारी मुझे लखनऊ प्रवास के दौरान अपने बडे भाई विजय गैरोला से मिली। उनके विस्तार से सुनाए इस तीर्थ यात्रा के संस्मरण ने मुझे यहां जाने के लिए प्रेरित... आगे पढ़े

केवल तीर्थ नहीं केदारनाथ

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केदारनाथ जाने की प्रबल इच्छा क्यों हो रही थी इसका मेरे पास कोई जवाब नहीं था। किसी तीर्थ पर जाने में मुझे कोई विशेष रुचि कभी नहीं थी। पर केदारनाथ की बात ही अलग है। मेरे पति माइकल तीर्थ आदि जाने में विश्वास नहीं करते हैं। जब मैने... आगे पढ़े

कठिन यात्रा है रुद्रनाथ की

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समुद्रतल से 2290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रुद्रनाथ मंदिर भव्य प्राकृतिक छटा से परिपूर्ण है। रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शंकर के एकानन यानि मुख की पूजा की जाती है, जबकि संपूर्ण शरीर की पूजा नेपाल की राजधानी काठमांडू के पशुपतिनाथ में... आगे पढ़े

हर मौसम का सैरगाह है पौड़ी

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हर बार छुट्टियों में सैर का ख्याल आते ही लोगों के जेहन में शिमला,मसूरी,नैनीताल की तस्वीर ही उभर कर आती है..ऐसा इसलिए कि छुट्टियों में पहाड़ की सैर का लुत्फ उठाने के लिए मध्यम-वर्गीय परिवारों को वक्त और बजट के लिहाज से कोई और विकल्प... आगे पढ़े

जिम कार्बेट: नैनीताल से नियरी तक

जिम कार्बेट: नैनीताल से नियरी तक

कहा जाता है कि वे लोग बहुत सौभाग्यशाली होते हैं, जिन्हें अपने जीवनकाल में मां पूर्णागिरी के मंदिर के चारों ओर अद्भुत प्रकाश, मध्य रात्रि में दिखाई देता है। नैनीताल के लेफ्टिनेंट कर्नल एडवर्ड जेम्स कार्बेट (1875-1955) को मां पूर्णागिरी... आगे पढ़े

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