कर्नाटक

पर्यटन

अपने खूबसूरत बागों के लिए राजधानी बंगलुरु, वृन्दावन गार्डन के लिए मैसूर, श्रीरंगपट्टनम, श्रवणबेलगोला, हम्पी, बेलूर, और पर्वतीय स्थल नन्दी हिल्स आदि कनार्टक के प्रसिध्द स्थल हैं । बादामी,ऐहोले, और पट्ताडकल जैसे स्थान चट्टानो को काटकर बनाये गये 1300 साल पुराने मन्दिर के लिए प्रसिध्द हैं । गुलबर्ग, बिदर, और बीजापुर प्राचीन स्मारको के लिए जाने जाते हैं । गोकर्ण, उडुपी, धर्मस्थल, मेलुकोट, गंगापुर, तथा सौदान्ति आदि प्रसिध्द तीर्थ स्थल हैं l मंगलूर और कारवाड़ जिलो के समुद्र तट पर्यटकों के आकर्षण के केन्द्र हैं। हम्पी और पट्टाडकल को विश्व धरोहर घोषित किया जा चुका है ।

राष्ट्रीय उद्यान

प्रमुख रष्ट्रीय उद्यान निम्नलिखित हैं – बंदीपुर टाइगर रिजर्व (मैसूर) (874.20 वर्ग किमी.) ; बान्नेरघट्टा बंगलुरु (104.27 वर्ग किमी.); कुद्रेमुख (दक्षिण कन्नड़ व चिकमंगलूर) (600.32 वर्ग किमी.); नागरहोल (मैसूर व कोडागू) (643.39 वर्ग किमी.)

प्रमुख पर्व और मेले

उगाडी, नागपंचमी, नवरात्री, रमज़ान, दीपावली इस राज्य के प्रमुख पर्व हैं। इनके अतिरिक्त श्रीविथाप्पा मेला, गोडाची मेला, श्रीशिडलिंगाप्पा मेला, गोडाची मेला और बनशंकरी देवी मेले का आयोजन धुमधाम से किया जाता है। कर्नाटक की कला, संस्कृती और लोकसंगीत को चित्रित करने वाले त्योहार है- दशहरा, हम्पी, चालुकय, कदंब, होयसाला, कोडागु व कारगा ।

कर्नाटक के आर्टिकल्स

विविध रंग कर्नाटक के

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भारत के बागों का शहर (गार्डेन सिटी) के नाम से मशहूर बेंगलूर देश की सूचना तकनीकी राजधानी भी है। यह परंपरागत द्रविड व आधुनिक वास्तुकला के बेजोड मेल का उत्कृष्ट नमूना है। बेंगलूर से 150 किमी दूर मैसूर भव्य महलों, विशाल क्षेत्र में... आगे पढ़े

अतीत का गौरव बीजापुर

अतीत का गौरव बीजापुर

कर्नाटक के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में बेलगांव के पास आदिलशाही राजवंश की राजधानी है। इसे बीजापुर के नाम से जानते हैं। इस छोटे से शहर में घुसते ही लगता है कि प्राचीन वास्तु के संग्रहालय में आ गए हैं। ईरानी शैली की इमारतें यहां... आगे पढ़े

अतीत के रंग में रंगा श्रीरंगपट्टन

अतीत के रंग में रंगा श्रीरंगपट्टन

मैसूर से करीब 16 किमी दूर कावेरी नदी में बने अंडाकार द्वीप पर बसा है श्रीरंगपट्टन। इस छोटे से शहर का इतिहास काफी पुराना है, लेकिन जिस कारण यह शहर मशहूर है उसका प्राचीन इतिहास से कुछ लेना-देना नहीं है। शहर का महत्व भारतीय स्वतंत्रता... आगे पढ़े

जंगल में मंगल मनाना हो तो आएं

जंगल में मंगल मनाना हो तो आएं

बांदीपुर नेशनल पार्क अगर सैर-सपाटे पर जाना हो और मौज-मस्ती के साथ प्रकृति और विभिन्न जीव-जंतुओं के बार में सही जानकारी भी जुटानी हो, या कहें जंगल में मंगल मनाने का मन हो तो दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित बांदीपुर नेशनल... आगे पढ़े

कर्नाटक में छाए हैं उडुपि  रेस्तरां

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जिस तरह मुंबई बड़ा महानगर होने के बावजूद मराठी व और गुजराती संस्कृति का मिलाजुला भाव प्रस्तुत करता है वैसे ही बंगलौर की भोजन परंपरा पर तमिल, मलयाली और आंध्र प्रदेश का मिलाजुला प्रभाव है। आम उत्तर भारतीय को यह संस्कृति सिर्फ... आगे पढ़े

विरासत को सहेजने का नाम है बंगलौर

विरासत को सहेजने का नाम है बंगलौर

नए दौर में आधुनिक तकनीकी शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी के केंद्र के रूप में उभरता बंगलौर आजादी के बाद से ही शिक्षा का बड़ा केंद्र रहा है। मीडिया, प्रबंधन, विज्ञान व प्रौद्योगिकी के बड़े संस्थानों के अलावा  कला और संगीत के कई... आगे पढ़े

नृत्य के धाम में

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भारत की शास्त्रीय नृत्य परंपरा में कुचीपुड़ी का अपना अलग महत्व रहा है। इसकी प्रस्तुति वस्तुत: नृत्य नाटिका के रूप में की जाती है, जिसकी कथा तेलुगु भाषा में कही जाती है। धार्मिक आस्था से जुड़ा यह नृत्य पहले आंध्र प्रदेश के मंदिरों... आगे पढ़े

सुकून व सुगंध का शहर है मैसूर

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रोजाना सुबह-सबेरे हलकी मंद समीर में दो किलामीटर का भ्रमण करने के बाद मीनाक्षी ऑफिस के लिए तैयार होने में जुट जाती है। ऑफिस के रास्ते में गली के नुक्कड़ से वह सफेद, नारंगी, चमेली, मोगरा और कणकम्बरम के फूलों से बना गजरा लेकर केशों... आगे पढ़े

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