धर्म-संस्कृति व त्योहार के आर्टिकल्स

नंद के लाल की खुशी में हो जाइए आप भी शामिल- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

नंद के लाल की खुशी में हो जाइए आप भी शामिल- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

कल यानी 2 सितम्बर को कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी के दिन जन्माष्टमी मनाई जा रही है. जन्‍माष्‍टमी के त्‍यौहार में भगवान विष्‍णु की, श्री कृष्‍ण के रूप में, उनकी जयन्‍ती के अवसर पर प्रार्थना की जाती है. हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार कृष्‍ण... आगे पढ़े

भुवनेश्वर मंदिरों व इतिहास की नगरी

भुवनेश्वर मंदिरों व इतिहास की नगरी

  भुवनेश्वर बाहर से नया है किंतु भीतर से यह पनचीन नगरी है। भारत में शायद ही अन्य ऐसा कोई नगर हो जहां विभिन्न कालखंडों में बने इतने स्मारक देखने को मिलते हों। यदि संजीदगी से देखें यहां के कोने-कोने में मौजूद मंदिरों, गुफाओं व शिलालेखों... आगे पढ़े

केरल – शांति और ईश्वर का निवास

केरल – शांति और ईश्वर का निवास

महानगर की भाग-दौड और कोलाहल से दूर केरल में हमारा पहला पडाव था एर्नाकुलम। कोच्चि से सटे इस छोटे लेकिन बेहद अहम् शहर में फैमिली फ्रेंड वासु के यहां ठहरना हुआ। केरल की विशुद्ध संस्कृति से रू-ब-रू होने का यह पहला मौका था। डोसा,... आगे पढ़े

केरल पर्व – ओणम (Onam Indian Festival )

केरल पर्व – ओणम (Onam Indian Festival )

भारत एक रंग-बिरंगा देश है. यहां की भौगोलिक स्थिति जितनी रंगारंग है उतनी ही विविधता इसके त्योहारों में भी है. भारत के कोने-कोने में मनाएं जाने वाले सांस्कृतिक त्योहारों की रंगीन तस्वीर देखते ही बनती है. इसी क्रम में केरल का ओणम... आगे पढ़े

पापमोचक रोमांचक अमरनाथ यात्रा

पापमोचक रोमांचक अमरनाथ यात्रा

बम-बम भोले की गूंज और पीछे चलता भक्तों का झुण्ड. घाटी के शांति में जब शिव भक्त बम-बम बोलते जाते हैं तो ऐसा लगता है कि खुद पर्वत भी बम भोले की पुकार कर रहे हैं. भारत में आस्था रोम-रोम में बसती है और भगवान शिव के भक्त तो कावंड़ से लेकर... आगे पढ़े

पूर्ण होती मनोकामना पूर्णागिरि में

पूर्ण होती मनोकामना पूर्णागिरि में

देवभूमि उत्तराखंड में स्थित अनेकों देवस्थलों में दैवीय-शक्ति व आस्था के अद्भुत केंद्र बने पूर्णागिरि धाम की विशेषता ही कुछ और है। जहां अपनी मनोकामना लेकर लाखों लोग बिना किसी नियोजित प्रचार व आमंत्रण के उमड पडते हैं जिसकी... आगे पढ़े

सिलवासा: आपाधापी से दूर सुकून के पल

सिलवासा: आपाधापी से दूर सुकून के पल

महानगरों की आपाधापी से दूर और इतना दूर भी नहीं हैं- दादरा व नागर हवेली। एक नाम जो सामान्य ज्ञान की किताबों से ही जाना-समझा। सिलवासा वहां की ही राजधानी है। विशाल कतारबद्ध पेडों के बीच गुजरती सडकें, क्षितिज तक फैली छोटी-छोटी पहाडियां,... आगे पढ़े

नई रोशनी की नई उमंगें

नई रोशनी की नई उमंगें

रोज परेड, पसाडेना, लॉस एंजेल्स, अमेरिका एक अनुमान के मुताबिक एक सदी से भी पुराने इस जलसे को हर साल दस लाख लोग सडकों के किनारे खडे होकर और चालीस करोड से ज्यादा टीवी पर देखते हैं। पसाडेना के कोलोराडो बुलवर्ड पर दो घंटे होने वाली... आगे पढ़े

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