मध्य प्रदेश

पर्यटन

पर्यटन के लिए राज्य में ऐतिहासिक दुर्ग, अतुलनीय प्राकृतिक सौंदर्य वाले स्थान, प्रमुख तीर्थस्थल, वन्यजीव अभ्यारण्य आदि सभी कुछ है । पचमढ़ी, भेडाघाट की संगमरमर की चट्टानें और धुआंधार जलप्रपात, अमरकंटक प्रकृति की सुंदरता की दृष्टि से एवं ग्वालियर, जबलपुर, भीमबेटका, भोपाल, सांची, ओरछा, मांडू, दतिया, रायसेन आदि ऐतिहासिक महत्व के प्रसिध्द हैं। इसके अलावा उज्जैन, माहेश्वर, ओंकारेश्वर, चित्रकुट आदि प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।

राष्ट्रीय उद्यान

यहा के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान निम्नलिखित हैं – बांधवग़ढ़ राष्ट्रीय उद्यान(उमरिया व जबलपुर) (488.85 वर्ग किमी.) फॉस्सिल राष्ट्रीय उद्यान (मंडला) (0.27 वर्ग किमी.) कान्हा राष्ट्रीय उद्यान (मंडला व बालाघाट) (940 वर्ग किमी.) माधव राष्ट्रीय उद्यान (शिवपुरी) (375.22 वर्ग किमी.) पन्ना राष्ट्रीय उद्यान (पन्ना व छत्तरपुर) (542.67 वर्ग किमी.) प्रियदर्शिनी राष्ट्रीय उद्यान (सिवनी व छिंदवाडा) (292.85 वर्ग किमी.) संजय राष्ट्रीय उद्यान (सिध्दि) (466.88 वर्ग किमी.) सतपुडा राष्ट्रीय उद्यान (होशंगाबाद) (585.17 वर्ग किमी.) वन विहार राष्ट्रीय उद्यान (भोपाल) (4.45 वर्ग किमी.)

प्रमुख पर्व और मेले

झाबुआ का भगौरिया, बस्तर का दशहरा, मांडू, उज्जैन तथा इंदौर का मालवा उत्सव, ओरछा और चित्रकूट की रामनवमी, खुजराहो, उज्जैन, पचमंढ़ी और भोजपुर में मनाया जाने वाला शिवरात्री पर्व मध्य प्रदेश के विख्यात प्रमुख उत्सव हैं। इसके अलावा राज्य में कई सास्कृतिक महोत्सव आयोजित किए जाते हैं।  इनमें अखिल भारतीय कालिदास महोत्सव, अलाऊद्यीन खान समारोह (मैहर), तानसेन महोत्सव (ग्वालियर), कुमार गंधर्व समारोह (देवास) और खुजराहो नृत्य समारोह प्रमुख हैं।

मध्य प्रदेश के आर्टिकल्स

बाजीराव-मस्तानी के अमर प्रेम का गवाह

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कमल-कुमुदिनियों से सुशोभित मीलों तक फैली बेलाताल झील के किनारे खडे जैतपुर किले के भग्नावशेष आज भी पेशवा बाजीराव और मस्तानी के प्रेम की कहानी बयां करते हैं। ऋषि जयंत के नाम पर स्थापित जैतपुर ने चंदेलों से लेकर अंग्रेजों तक... आगे पढ़े

मानव विकास का आरंभिक स्थान है भीम बैठका

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मध्य प्रदेश के दर्शनीय स्थलों में भीम बैठका महत्वपूर्ण स्थान है। प्रदेश की राजधानी भोपाल से यह स्थान लगभग 55 किमी. दूर है। भीम बैठका अपने शैल चित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इनकी खोज वर्ष 1957-58 में डाक्टर विष्णु श्रीधर... आगे पढ़े

खजुराहो: पत्थरों पर बोलता प्रेम

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खजुराहो का नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यहां खजूर के पेड़ों का विशाल बगीचा था। खजिरवाहिला से नाम पड़ा खजुराहो। लेकिन यह अपने आप में अद्भुत बात है कि यहां कोई भी खजूर के लिए नहीं आता। यहां आने वाले इसके मंदिरों को देखने आते हैं। भारतीय... आगे पढ़े

पचमढ़ी: मध्य प्रदेश का सौंदर्य

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पचमढ़ी के बारे में सबसे खूबसूरत बात यह है कि वह उस जगह पर स्थित है जहां उसके होने की आम तौर पर कल्पना नहीं की जाती है। यही कारण है मध्य प्रदेश उसे अपना सबसे चमकदार हीरा मानता है। मध्य भारत के पठार में इस तरह का प्राकृतिक सौंदर्य... आगे पढ़े

झिनना जंगल कैंप: छुट्टियों का आनंद जंगल के बीच

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नए दौर में सैर-सपाटे के शौकीन लोग नई जगहें तलाश रहे हैं, नए रास्तों पर भटक रहे हैं। पुराने जमे-जमाए भीड़ भरे हिल स्टेशनों के बजाय रोमांचक या  सुकून वाले स्थान खोज रहे हैं। भारत में प्राकृतिक रूप से  इतनी विशालता और विविधता है... आगे पढ़े

रहस्य-रोमांच से भरपूर जंगल की दुनिया

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शहरों का भ्रमण इतिहास, कला, संस्कृति व तकनीक को जानने के लिए जितना महत्वपूर्ण है, प्रकृति और जीवन के विविध रंगों को देखने और महसूस करने के लिहाज से उतनी ही रोचक है जंगलों की यायावरी। वैसे भी शहरों की आपाधापी व शोरगुल से ऊबा मन... आगे पढ़े

मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक विरासत: दतिया

मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक विरासत: दतिया

दिल्ली में रहने वाले लोग मध्य प्रदेश घूमने का मन बनाते हैं तो उनकी कल्पना ओरछा और खजुराहो के मंदिरों तक ही दौड़ती है। मैं भी उनमें से एक हूं। मैंने भी तय किया कि मध्य प्रदेश में ओरछा होकर आता हूं। उसके लिए मुझे झांसी तक ट्रेन... आगे पढ़े

नवाबी तहजीब का शहर है भोपाल

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कहावत है-ताल तो भोपाल ताल, बाकी सब तलैयां। भोपाल पहुंचने और दो बड़ी झीलों को देखने पर लगता है कि बात तो बिलकुल सही है। पूरा शहर दो मानवनिर्मित झीलों की बदौलत अपना अस्तित्व बनाए हुए है। ताल की कहानी बड़ी रोचक है। कहा जाता है कि... आगे पढ़े

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